(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रणाम नर्मदा युवा संघ द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।संस्था द्वारा सेमिनार के आयोजन से देशभर के प्रकृति प्रेमी जोड़े और अपनी बातें रखें।पौधारोपण,नर्मदा सफाई तथा जंगलों को आग से बचाने से लेकर नदी तथा नालो की सफाई जैसे छोटे किंतु महत्वपूर्ण आयामों पर संस्था द्वारा निरंतर गतिविधियां की जाती हैं।प्रकृति प्रेमियों के लिए विश्व पर्यावरण दिवस किसी महोत्सव से कम नहीं होता।इस मौके पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. संदीप कौशिक ने कहा कि हमें पर्यावरण को बचाने के साथ ही विलुप्त हो रहे अंश को पुनर्जीवित करने की भी आवश्यकता है।लाख के कीड़े का उदाहरण देते हुए उन्होंने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।वही विशेष वक्ता के रूप में संबलपुर यूनिवर्सिटी के व्याख्याता वृंदावन मेहर ने युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ी के नजरों से खुद को आंकने के लिए खड़ा कर फिल्मी दुनिया से वास्तविक दुनिया को जोड़ा साथ ही युवाओं को सोशल एक्टिविस्ट होने के साथ ही पर्यावरण एक्टिविस्ट होने पर भी बात कही।श्री मेहर ने ई वेस्ट तथा पॉलिथीन के प्रयोग को व्यक्तिगत रूप से कम करने पर जोर दिया।कार्यक्रम में विशेष वक्ता के रूप में उपस्थित भारत सिंह राठौर ने जैविक खेती तथा गौ संरक्षण के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा की गोपालन भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए बहुयामी आय का स्रोत के साथ ही बहुत से आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति की जा सकती हैं।गाय के गोबर से विभिन्न प्रकार के घरेलू उपयोग के समान निर्मित किए जा सकते हैं।
पेंटिंग प्रतियोगिता का
किया गया आयोजन
संस्था द्वारा पर्यावरण के प्रति संवेदना को जागृत करने तथा प्रकृति प्रेम को बढ़ावा देने के उद्देश्य पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसमें देशभर के कलाकारों ने हिस्सा लिया।प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान अर्पिता सिंह,
द्वितीय रोहितेंद्र नाथ पंडित, तृतीय स्थान गोकुल गौतम ने प्राप्त किया।वही कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान प्रग्नय नेगी, द्वितीय मोनिस खेमरिया तथा तृतीय ईशान पटेल ने सफलता प्राप्त किया। सभी विजेताओं को प्रमाण पत्र नगद राशि से किया गया सम्मानित। संस्था द्वारा सेल्फी विथ माय प्लांट अभियान चलाकर के इस वर्ष 10000 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है जिस पर देश के लगभग 9 राज्यों के प्रकृति प्रेमी जोड़कर इस अभियान को पूरा करने पर लगे हुए हैं।
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