(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) म.प्र. में वर्षों से लंबित विभिन्न मांगों को लेकर पटवारी संघ एक बार फिर आन्दोलित है।म.प्र.पटवारी संघ की अनूपपुर जिला ईकाई ने मंगलवार, 29 जून को जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना को मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री,मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव,कमिश्नर भू अभिलेख , भोपाल के नाम पत्र सौंप कर मांगें शीघ्र पूरा करने की अपील की है।
जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार तिवारी, शशिभूषण मिश्रा, राजीव सिंह परिहार, रामबदन चौधरी, पुष्पांजलि सोनी के साथ जिले भर से आए बड़ी संख्या में पटवारियों ने कलेक्टर को पत्र सौंप कर मांग की है कि शासन द्वारा विगत कई वर्षों से केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है किन्तु हमारी कोई मांग पूर्ण नही की गई है । जिससे प्रदेश के पटवारियों में निराशा का भाव होकर मनोबल प्रभावित हो रहा है व आये दिन पटवारियों की मौत हो रही है। पटवारी संवर्ग की प्रमुख मांगों का विवरण निम्नानुसार है- पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समयमान वेतनमान विसंगति को दूर की जाए प्रदेश के पटवारियों को कार्यपालिक एंव तकनीकी पद घोषित किया जाकर उनकी योग्यता स्नातक की जा चुकी है।पटवारियों द्वारा विविध तकनीकी व ऑनलाइन कार्य निरंतर संपादित किये जा रहे हैं। किन्तु अभी भी उन्हें तकनीकी पद का ग्रेड पे 2800 न दिये जाते हुए 5200-20200 + 2100 ग्रेड पे दिया जा रहा है।जो कि उपरोक्ता अनुसार पटवारी को उसके कर्तव्य संपादित कार्य एंव योग्यता के अनुरूप नहीं है तथा पटवारी को प्राप्त होने वाले उपरोक्त वेतन समकक्ष श्रेणीयों के समस्त कर्मचारी कैडरों के मुकाबले सबसे कम है।
मध्यप्रदेश में पटवारी संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन अंतिम बार सन् 1998 में किया गया था।इस प्रकार विगत् 22 वर्षों से पटवारी के वेतनमान का उन्नयन नहीं किया गया है।जबकि इसी अवधि में कई अन्य विभागों के कई समकक्ष कर्मचारी कैडरों जिनका वेतन तत्समय पटवारी से कम था,के वेतनमान का उन्नयन किया जा चुका है।जिससे उक्त कैडर वर्तमान में पटवारी से अधिक वेतन प्राप्त कर रहे है।जबकि उपरोक्त समयावधि में पटवारी के कर्तव्यों तथा योग्यता में काफी बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश पटवारी संघ के प्रांतीय अधिवेशन में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा भी पटवारियों के वेतन उन्नयन की घोषणा की गई थी।विभाग पटवारियों के वेतन उन्नयन के संबंध में द्वारा पत्र क्रमांक यू -84 / 15 / 07 / 04 बी दिनांक 14 अगस्त 2015 द्वारा संक्षेपिका भी मंत्री परिषद् के निर्णय हेतु भेजी गई थी।यह की माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र.शासन के निर्देश पर माननीय राजस्व मंत्री महोदय द्वारा भी पटवारियों का वेतनमान 5200-20200 + 2800 ग्रेड पे किये जाने हेतु वर्ष 2019 में लिखित आश्वासन पत्र दिया गया है। किन्तु अभी तक 5200-20200 + 2800 ग्रेड पे वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ
है।आज भी पटवारी संवर्ग को विसंगति पूर्ण समयमान वेतनमान मिल रहा है जबकि मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र असाधारण दिनांक 26 / 02 / 2009 , शनिवार के पेज पर 12 की कंडिका क्र . 12 में स्पष्ट उल्लेख है कि समयमान वेतनमान अंतर्गत कर्मचारी को अगले पदोन्नत पद की ग्रेड पे देय होगी।शासन नियमानुसार पदोन्नति के सापेक्ष में पटवारी संवर्ग को प्रथम समयमान में राजस्व निरीक्षक एंव द्विती में नायब तहसीलदार / सहा. अधि. भूअअभिलेख एंव तृतीय में तहसीलदार , अधीक्षक भूअभिलेख का वेतनमान प्राप्त होना चाहिए।जो कि वर्तमान में पटवारी संवर्ग को प्राप्त नहीं हो रहा है।
गृह जिले में पदस्थापना वर्तमान में पटवारियों की नवीन भर्ती प्रदेश स्तर पर की गई है।जबकि पटवारी का पद जिला स्तरीय है तथा कई जिलों के विखंडन किये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में नवनियुक्त कई पटवारी अपने गृह जिले से लगभग 800-800 किलोमीटर दूर तक पदस्थ होकर कार्यरत हैं। स्थिति यहां तक है कि दूरी अधिक होने से लगभग 15 पटवारी मर चुके हैं।अत: ऑनलाइन प्रक्रिया संपादन कर पति-पत्नि को शासन की मूलभावना निर्देशानुसार एक जगह पदस्थ करने व प्रदेश भर में बाहर पदस्थ नवनियुक्त पटवारियों को उनके गृह जिलों में पदस्थ किया जाय ताकि वे अपने पारिवारिक दायित्वों का पालन कर सकेंगे और चिंता मुक्त होने से उनकी कार्यक्षमता व कार्यकुशलता में और में अधिक वृध्दि होगी ।
नवीन पटवारियों की सीपीसीटी की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाय यह कि वर्तमान में नवनियुक्त पटवारियों में से लगभग 75 प्रतिशत पटवारियों द्वारा सीपीसीटी उत्तीर्ण की जा चुकी है।कोरोना संकंट होने के कारण प्रदेश स्तर पर विगत दो वर्षों से उपरोक्त परीक्षा शासन स्तर से न होने से लगभग 25 प्रतिशत पटवारियों को बैठने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ है। जबकि समस्त नव नियुक्त पटवारियों द्वारा सभी विभागीय कार्य आन लाईन पूरी कुशलता से किये जा रहे हैं। मांग की गयी है कि पटवारियों को सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।पटवारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि पन्द्रह दिन के अन्दर सभी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो म.प्र. पटवारी संघ प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने को बाध्य होगा।
जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार तिवारी, शशिभूषण मिश्रा, राजीव सिंह परिहार, रामबदन चौधरी, पुष्पांजलि सोनी के साथ जिले भर से आए बड़ी संख्या में पटवारियों ने कलेक्टर को पत्र सौंप कर मांग की है कि शासन द्वारा विगत कई वर्षों से केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है किन्तु हमारी कोई मांग पूर्ण नही की गई है । जिससे प्रदेश के पटवारियों में निराशा का भाव होकर मनोबल प्रभावित हो रहा है व आये दिन पटवारियों की मौत हो रही है। पटवारी संवर्ग की प्रमुख मांगों का विवरण निम्नानुसार है- पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समयमान वेतनमान विसंगति को दूर की जाए प्रदेश के पटवारियों को कार्यपालिक एंव तकनीकी पद घोषित किया जाकर उनकी योग्यता स्नातक की जा चुकी है।पटवारियों द्वारा विविध तकनीकी व ऑनलाइन कार्य निरंतर संपादित किये जा रहे हैं। किन्तु अभी भी उन्हें तकनीकी पद का ग्रेड पे 2800 न दिये जाते हुए 5200-20200 + 2100 ग्रेड पे दिया जा रहा है।जो कि उपरोक्ता अनुसार पटवारी को उसके कर्तव्य संपादित कार्य एंव योग्यता के अनुरूप नहीं है तथा पटवारी को प्राप्त होने वाले उपरोक्त वेतन समकक्ष श्रेणीयों के समस्त कर्मचारी कैडरों के मुकाबले सबसे कम है।
मध्यप्रदेश में पटवारी संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन अंतिम बार सन् 1998 में किया गया था।इस प्रकार विगत् 22 वर्षों से पटवारी के वेतनमान का उन्नयन नहीं किया गया है।जबकि इसी अवधि में कई अन्य विभागों के कई समकक्ष कर्मचारी कैडरों जिनका वेतन तत्समय पटवारी से कम था,के वेतनमान का उन्नयन किया जा चुका है।जिससे उक्त कैडर वर्तमान में पटवारी से अधिक वेतन प्राप्त कर रहे है।जबकि उपरोक्त समयावधि में पटवारी के कर्तव्यों तथा योग्यता में काफी बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश पटवारी संघ के प्रांतीय अधिवेशन में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा भी पटवारियों के वेतन उन्नयन की घोषणा की गई थी।विभाग पटवारियों के वेतन उन्नयन के संबंध में द्वारा पत्र क्रमांक यू -84 / 15 / 07 / 04 बी दिनांक 14 अगस्त 2015 द्वारा संक्षेपिका भी मंत्री परिषद् के निर्णय हेतु भेजी गई थी।यह की माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र.शासन के निर्देश पर माननीय राजस्व मंत्री महोदय द्वारा भी पटवारियों का वेतनमान 5200-20200 + 2800 ग्रेड पे किये जाने हेतु वर्ष 2019 में लिखित आश्वासन पत्र दिया गया है। किन्तु अभी तक 5200-20200 + 2800 ग्रेड पे वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ
है।आज भी पटवारी संवर्ग को विसंगति पूर्ण समयमान वेतनमान मिल रहा है जबकि मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र असाधारण दिनांक 26 / 02 / 2009 , शनिवार के पेज पर 12 की कंडिका क्र . 12 में स्पष्ट उल्लेख है कि समयमान वेतनमान अंतर्गत कर्मचारी को अगले पदोन्नत पद की ग्रेड पे देय होगी।शासन नियमानुसार पदोन्नति के सापेक्ष में पटवारी संवर्ग को प्रथम समयमान में राजस्व निरीक्षक एंव द्विती में नायब तहसीलदार / सहा. अधि. भूअअभिलेख एंव तृतीय में तहसीलदार , अधीक्षक भूअभिलेख का वेतनमान प्राप्त होना चाहिए।जो कि वर्तमान में पटवारी संवर्ग को प्राप्त नहीं हो रहा है।
गृह जिले में पदस्थापना वर्तमान में पटवारियों की नवीन भर्ती प्रदेश स्तर पर की गई है।जबकि पटवारी का पद जिला स्तरीय है तथा कई जिलों के विखंडन किये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में नवनियुक्त कई पटवारी अपने गृह जिले से लगभग 800-800 किलोमीटर दूर तक पदस्थ होकर कार्यरत हैं। स्थिति यहां तक है कि दूरी अधिक होने से लगभग 15 पटवारी मर चुके हैं।अत: ऑनलाइन प्रक्रिया संपादन कर पति-पत्नि को शासन की मूलभावना निर्देशानुसार एक जगह पदस्थ करने व प्रदेश भर में बाहर पदस्थ नवनियुक्त पटवारियों को उनके गृह जिलों में पदस्थ किया जाय ताकि वे अपने पारिवारिक दायित्वों का पालन कर सकेंगे और चिंता मुक्त होने से उनकी कार्यक्षमता व कार्यकुशलता में और में अधिक वृध्दि होगी ।
नवीन पटवारियों की सीपीसीटी की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाय यह कि वर्तमान में नवनियुक्त पटवारियों में से लगभग 75 प्रतिशत पटवारियों द्वारा सीपीसीटी उत्तीर्ण की जा चुकी है।कोरोना संकंट होने के कारण प्रदेश स्तर पर विगत दो वर्षों से उपरोक्त परीक्षा शासन स्तर से न होने से लगभग 25 प्रतिशत पटवारियों को बैठने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ है। जबकि समस्त नव नियुक्त पटवारियों द्वारा सभी विभागीय कार्य आन लाईन पूरी कुशलता से किये जा रहे हैं। मांग की गयी है कि पटवारियों को सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।पटवारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि पन्द्रह दिन के अन्दर सभी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो म.प्र. पटवारी संघ प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने को बाध्य होगा।
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