(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) माता नर्मदा की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक के सभी 9 सरोवरों से रिकॉर्ड समय में गाद निकालने का कार्य पूरा कर लिये जाने से इस क्षेत्र की जल धारण क्षमता में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरुप बरसात से पहले गायत्री , सरस्वती ( सावित्री), विवेकानन्द, पुष्कर, लक्ष्मी, संत कबीर, माधव, कपिलमुनि और बराती दादर सरोवर से एक से डेढ फुट गाद निकालना प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती बन गया था। जिला प्रशासन की मंशा के अनुरुप पुष्पराजगढ एसडीएम अभिषेक चौधरी ने इसे चैलेंज के रुप में स्वीकार करते हुए रिकार्ड समय में बरसात से पूर्व कार्य पूर्ण करके बड़ी सफलता प्राप्त की है।
डेढ दशक पुराने सरोवरों
में जम गयी थी गाद
अमरकंटक में अधिकांश सरोवरों का निर्माण डेढ दशक पूर्व तत्कालीन कलेक्टर स्व. के. के. खरे के कार्यकाल में पूर्ण हुए थे। प्रदेश की भाजपा सरकार ने अमरकंटक में सरोवरों के निर्माण में काफी रुचि ली थी। इन सरोवरों के निर्माण से अमरकंटक की जल संधारण क्षमता मे वृद्धि हुई और लोगों को जल संकट से मुक्ति मिल गयी थी। कुछ वर्षों में इनमें गाद जम जाने से जल भराव में कमी आने की शिकायतें आने से इनकी सफाई की आवश्यकता महसूस की गयी।
मुख्यमंत्री के निर्देश
पर शुरु हुआ कार्य
अमरकंटक के साधू-संतों, समाजसेवियों, पत्रकारों, गणमान्य नागरिकों की मांग पर अमरकंटक पहुंचे मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह जी चौहान ने रामघाट, पुष्कर डैम सहित सभी सरोवरों का प्रत्यक्ष निरीक्षण करके इनकी सफाई और गाद निकालने की कार्ययोजना पर बल देते हुए आवश्यक राशि स्वीकृत की थी।
अमरकंटक विकास
प्राधिकरण को सौंपा दायित्व
मुख्यमंत्री ने कार्य में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए इस महत्वपूर्ण कार्य का दायित्व अमरकंटक विकास प्राधिकरण को सौंपा। तत्कालीन कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर और पुष्पराजगढ एसडीएम अभिषेक चौधरी ( दोनों युवा आईएएस) की जोडी को कार्य की गंभीरता का अहसास था। मुख्यमंत्री स्वत: इस कार्य पर निगरानी बनाए हुए हैं तथा बरसात से पूर्व गाद निकासी का टास्क प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती थी। यही कारण है कि नगरपंचायत या अन्य विभाग को कार्य ना सौंपकर अमरकंटक विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी दी गयी। जिसे समय रहते बखूबी पूरा किया गया।
35% कम दर पर
किया गया कार्य
9 सरोवरों से गाद निकालने की अनुमानित लागत लगभग 5 करोड़ का ठेका 35 % कम दर पर हुआ।जिसे 2.88 करोड़ में पूरा कर लिया गया। जानकारी के आभाव में कुछ लोगों ने लागत और वास्तविक व्यय को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश भी की। जिसे समय रहते दूर कर दिया गया।
गहरीकरण नहीं गाद
निकासी की थी योजना
इस पर टिप्पणी करते हुए एसडीएम श्री चौधरी ने बतलाया कि सरोवरों से एक से डेढ फुट गाद निकालने का डीपीआर हुआ है। प्रत्यक्ष अवलोकन किया जा सकता है कि गाद निकासी का कार्य जरुरत के अनुरुप कहीं डेढ से दो फुट तो कुछ स्थानों पर तीन से चार फुट किया गया है। गहरीकरण की मांग कुछ लोगों द्वारा भले ही की गयी हो लेकिन यह योजना में नहीं था। गाद निकासी का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। दो सरोवरों में शेष कार्य और जनप्रतिनिधियो , स्थानीय गणमान्य लोगों के सुझाव पर इससे जुडे अन्य कार्य भी समय रहते पूरे कर लिये जाएंगे ।
गायत्री सरस्वती
की बढ गयी क्षमता
नर्मदा उद्गम कुंड के ठीक ऊपर बने दो महत्वपूर्ण गायत्री एवं सरस्वती ( सावित्री) सरोवरों में जल भराव होने से कुंड में भी पानी हमेशा भरा रहता था। कुछ वर्षों से दोनों सरोवरों से जल झिराव के कारण और इनमें गाद भरने से इनकी जलधारण क्षमता लगभग समाप्त हो गयी थी। जिसका बुरा प्रभाव गर्मियों में नर्मदा कुंड पर भी पड़ने लगा था। इस वर्ष गायत्री-सरस्वती ( सावित्री ) सरोवर के आसपास की मिट्टी लगभग चार से पांच फुट हटा कर इसे अधिक गहरा , ज्यादा विस्तार देकर इसके रकवे में वृद्धि की गयी है। बांध से पानी ना झिरे इसके लिये पत्थरों से नये सिरे से पिचिंग करके उसे मजबूती देते हुए बांध के निचले हिस्सों में गहरा गड्ढा खोद कर काली मिट्टी से पैडलिंग की गयी है। सरोवरों के बीचोबीच जल स्रोत मिलने तक गड्ढा किया गया है। मिट्टी डाल कर बांध के ऊपरी हिस्से की चौडाई भी बढा दी गयी है। गायत्री - सावित्री सरोवरों से गाद निकालने के अतिरिक्त उक्त सभी कराये गये कार्यों से इनमें जल भराव अधिक होने का लाभ नर्मदा कुंड तथा नगर को लंबे समय तक होने की संभावना है।
अब नहीं सूखेगी
नर्मदा की धार
पिछले कुछ वर्षों से गर्मियों में अलग-अलग कारणों से नर्मदा कुंड एवं उससे निकलने वाली जल धार सूख जाया करती थी। जिसके कारण श्रद्धालुओं को समस्या का सामना करना पड़ता था। एसडीएम श्री चौधरी द्वारा इसे देखते हुए नर्मदा के मध्य हिस्से को दोनों पाटों की तुलना में अधिक गहरा करवाया गया है।जिसके कारण भीषण गर्मी पडने पर दोनों ओर के पाट सूखने पर भी नर्मदा की मध्य निर्मल धार हमेशा बहती रहेगी।
बढ गयी अमरकंटक
की जलसंधारण क्षमता
अमरकंटक में सरोवरों से गाद निकाल कर सफाई हो जाने तथा गायत्री-सावित्री सरोवरों पर अतिरिक्त कार्य कर उसे अधिक बड़ा, अधिक गहरा,अधिक मजबूत बनाने से इन सभी सरोवरों की जल संधारण क्षमता निश्चित रुप से बढ जाएगी। जिसके कारण नगर में पानी का स्तर भी लंबे समय तक बना रह जाएगा।
गहरीकरण की
होती रही हैं मांग
गाद निकासी कार्य का अवलोकन नगर परिषद के साथ साधू - संत, गणमान्य नागरिकों ,समाजसेवियों द्वारा किया जाता रहा है। कुछ लोगों ने रामघाट और पुष्कर जलाशय के गहरीकरण ना कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। भविष्य में सरकार को आवश्यकता के अनुरुप कुछ सरोवरों के गहरीकरण पर ध्यान देना होगा।
साधू-संतों,नागरिकों
ने जताया संतोष
नर्मदा की शुद्धता ,पवित्रता को बनाए रखने के लिये नर्मदा पर बने विभिन्न सरोवरों , इससे संबद्ध अन्य सरोवरों के गहरीकरण सफाई का कार्य सही तरीके से, समय पर लगभग पूरा हो जाने से अमरकंटक के सम्मानित साधू-संतों, समाजसेवियों, गणमान्य नागरिकों ने संतोष प्रकट किया है। लोग खुश हैं कि अधिकारियों की समुचित निगरानी, उनके कुशल मार्गदर्शन में कम लागत पर ,समय रहते वर्षों बाद नर्मदा अपने उद्गम स्थल से ही शुद्ध ,स्वच्छ , पवित्र स्वरुप में अपने लाखों श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ देती रहेंगी।
मंंत्री सांसद कमिश्नर
कलेक्टर से बढी अपेक्षा
लेखक एवं पत्रकार मनोज द्विवेदी ने कहा कि म.प्र. सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह, सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह के साथ शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा एवं नवागत कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना से अमरकंटक के लिये तैयार कार्ययोजना पर ईमानदार तरीके से पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रख कर नियमित एवं समयबद्ध मार्गदर्शन की अपेक्षा है। कार्ययोजना के क्रियान्वयन में आने वाली छोटी-बड़ी बाधाओं को जनप्रतिनिधियो, अधिकारियों और अमरकंटक के साधू संतो ,नागरिकों के कुशल समन्वय के साथ दूर करके ही समग्र विकास संभव है। अब जबकि जिले को कलेक्टर सुश्री मीना एवं एसडीएम श्री चौधरी जैसे युवा आईएएस अधिकारियों का सान्निध्य प्राप्त है , उम्मीद है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप अमरकंटक सचमुच पवित्र , स्वच्छ , सुन्दर बन जाएगा।
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