Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

राम मंदिर के तर्ज पर अनूपपुर जिला चिकित्सालय के उद्धार के लिए दान देने की आवश्यकता- चैतन्य मिश्रा

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 


अनूपपुर (अंचलधारा) जागरूक नागरिक एवं पत्रकार चेतन मिश्रा ने अपने बयान में कहा है कि इस समय देश विकट हालातो  से गुजर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के सामने हर कोई बेबश नजर आ रहा है। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ-साथ आक्सीजन की किल्लत भी बढ़ती जा रही है।जगह जगह से आक्सीजन न मिलने की वजह से कोरोना मरीजों की मौत हो रही है ।पीड़ित स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। अस्पतालों  में हर तरफ स्वजन की चीख पुकार सुनाई दे रही है। एक तरफ अस्पताल ऑक्सीजन की कमी को रोना रो रहे हैं तो दूसरी तरफ अस्पतालों में बेड्स की कमी और दवाइयों के मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। केंद्र और राज्य सरकारें ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसी आपात कालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए मै समस्त अनूपपुर के जनता जनार्दन जनप्रतिनिधि जागरूक पत्रकार आदि सभी लोगों से अपील करता हूँ  की  जिस तरह श्री राम मंदिर अयोध्या के लिए समस्त राम भक्तों ने दान देकर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उसी से प्रेरित होकर इस संकट काल के समय अनूपपुर जिला चिकित्सालय के उद्धार  में ऑक्सीजन पूर्ती व अन्य सामग्री के लिए दिल खोलकर दान देने की आवश्यकता है ,इस पहल से मिलाने वाले सहयोग राशि से ऑक्सीजन सिलेंडर ऑक्सीजन जनरेटर एवं अन्य जान उपयोगी समाना की व्यवस्था की जा सके। इसके लिए अलग से  एक जिला समिति बनाई जाये जिसमे समस्त प्रक्रिया  पारदर्शी हो ,और आने वाले समस्त संकटो का सामना जिले वासी मिलकर करे।  
देश में मेडिकल ऑक्सीजन के 10-12 ही बड़े निर्माता हैं और 500 से अधिक छोटे गैस प्लांट में इन्हें बनाया जाता है।मेडिकल ऑक्सीजन को बड़े से कैप्सूलनुमा टैंकर में भरकर अस्पताल पहुंचाया जाता है। अस्पताल में इसे मरीजों तक पहुंच रहे पाइप्स से जोड़ दिया जाता है लेकिन हर अस्पताल में तो ये सुविधा होती नहीं है। इसी वजह से अस्पतालों के लिए  सिलेंडर बनाए जाते हैं। इन सिलेंडरों में ऑक्सीजन भरी जाती है और इनको सीधे मरीज के बिस्तर के पास तक पहुंचा कर मरीजों की ऑक्सीजन सम्बन्धी  जरूरतें पूरी की जाती  हैं।  

Post a Comment

0 Comments