(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) नर्मदा जन्मोत्सव का पर्व अमरकंटक के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ दो दिन सपत्नीक ठहर कर समूचे आयोजन को जिस तरह से धार्मिक और आध्यात्मिक स्वरुप प्रदान करते हुए नकारात्मक राजनीति से मुक्त करने का संकेत दिया ,उससे उनकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। इसके साथ ही इस अभियान में स्थानीय नागरिकों, जिला प्रशासन और स्थानीय साधु - संतों की पूर्ण सहभागिता की अपेक्षा की गयी है। विगत कुछ वर्षों से मां नर्मदा की उद्गम स्थली पवित्र नगरी
अमरकंटक को जिस तरह से नजारा राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था, उससे जिले के सभी वर्ग के लोग चिन्तित थे। नर्मदा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण प्रदेश की बड़ी चिंता का विषय रहा है। पर्यावरणविदों के अलावा श्री नर्मदे हर सेवा न्यास , बरातीधाम के अध्यक्ष भगवत शरण माथुर के द्वारा लंबे समय से इस क्षेत्र को यूके लिप्टिस विमुक्तिकरण के लिये बड़ा अभियान चलाया गया था। वहीं यहाँ के सभी समाजसेवी संतों ने इस विषय से जुड़ी अपनी चिंता से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया था।
अमरकंटक को जिस तरह से नजारा राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था, उससे जिले के सभी वर्ग के लोग चिन्तित थे। नर्मदा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण प्रदेश की बड़ी चिंता का विषय रहा है। पर्यावरणविदों के अलावा श्री नर्मदे हर सेवा न्यास , बरातीधाम के अध्यक्ष भगवत शरण माथुर के द्वारा लंबे समय से इस क्षेत्र को यूके लिप्टिस विमुक्तिकरण के लिये बड़ा अभियान चलाया गया था। वहीं यहाँ के सभी समाजसेवी संतों ने इस विषय से जुड़ी अपनी चिंता से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया था।
2021में अमरकंटक के अपने दो प्रवासों के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अमरकंटक की प्राकृतिक सुन्दरता, नैसर्गिकता, नर्मदा संरक्षण के लिये दो शब्दों में जिला प्रशासन को निर्देश दिये हैं। इसके बाद कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर का रुख भी सख्त है।
नर्मदा जयंती के पर्व पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक में कंक्रीट के पक्के निर्माण पर रोक लगाने, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट समय पर पूरा करके नर्मदा में नगर की गन्दगी गिराने को पूर्णतः प्रतिबंधित करने के सख्त निर्देश दिये हैं।
बराती धाम स्थित प्रसिद्ध समाजसेवी संगठन श्री नर्मदे हर सेवा न्यास में नर्मदा जयंती का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। न्यास में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, श्रीमती साधना सिंह चौहान, पूर्व विधायक एवं अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामलाल रौतेल , जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रुपमती सिंह, कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मांगीलाल सोलंकी, एसडीएम अभिषेक चौधरी, पूर्व विधायक सुदामा सिंह,दिलीप जायसवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं नमो एप संभागीय संयोजक मनोज द्विवेदी, कैलाश विश्नानी, योगेन्द्र भैयन चतुर्वेदी ,श्रीमती रीना रौतेल, श्रीमती अंजना कटारे,वंदे महाराज के साथ अन्य लोगों की उपस्थिति मे माता नर्मदा जी की विधिवत पूजा अर्चना, हवन ,भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कन्या पूजन, भोज के साथ पतित पावनी मां नर्मदा जी के जन्मोत्सव पर यह संकल्प लिया गया कि १. अमरकंटक के सभी यू के लिप्टिस को समाप्त किया जाए २. मन्दिर को केन्द्र बिन्दु मान कर पक्के निर्माण कार्य प्रतिबंधित किया जाए ३. अमरकंटक में सीवरेज की तुरन्त व्यवस्था की जाए ४. नर्मदा और उसकी सहायक नदियों के साथ सघन वृक्षारोपण किया जाए। बांस,सागौन,सरई लगाया जाए . ५. एक किमी तक ट्यूब वेल प्रतिबंधित किया जाए , ताकि उद्गम स्थल पर कुण्ड मे पानी का पर्याप्त स्रोत बना रहे ६. मां नर्मदा जन्मोत्सव की सार्थकता तभी है जब हम सब श्रद्धालुगण नर्मदा की पवित्रता को बनाए रखें। उल्लेखनीय है कि अमरकंटक क्षेत्र में यूके लिप्टिस के पेड और बेहिसाब कंक्रीट के निर्माण यहाँ के पर्यावरण के लिये घातक सिद्ध हो रहा है। न्यास वर्षों से लिप्टिस के जंगलों को समूल समाप्त कर जल संरक्षण के लिये उपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाए ।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 18-19 फरवरी का दो दिवसीय प्रवास धर्म, अध्यात्म ,पर्यावरण संरक्षण के लिये समर्पित रहा है। श्री चौहान की इस नितांत गैर राजनैतिक यात्रा पर नर्मदा शुद्धिकरण एवं पर्यावरण संरक्षण से जुडी उनकी चिंता की पूरी झलक देखने को मिली है। संकेत यहाँ तक हैं कि आने वाले दिनों में नर्मदा को प्रदूषण से बचाने तथा अमरकंटक को विशुद्ध आध्यात्मिक - धार्मिक नगरी की पहचान दिलाने के लिये कडे निर्णय लिये जा सकते हैं। इसमें कंक्रीटीकरण पर प्रतिबंध लगाने, मन्दिर एवं नर्मदा के आसपास से निर्माण हटाने , यू के लिप्टिस के उन्मूलन के साथ समय पर सीवरेज सिस्टम का कार्य पूरा करना प्रमुख है। 18-19 फरवरी को मुख्यमंत्री श्री चौहान के अमरकंटक प्रवास का अलग और स्पष्ट संकेत यह है कि स्थानीय साधू - संतों , समाजसेवियों - पर्यावरणविदों के साथ समन्वय स्थापित विकास प्राधिकरण जिला प्रशासन सभी तरह के विकासकार्यों की योजना का क्रियान्वयन कर सकेगें। इसमें स्थानीय नकारात्मक राजनीति और भ्रष्टाचार पर शत-प्रतिशत प्रभावी नियंत्रण देखने को मिल सकता है।
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