(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) श्री राम जन्मभूमि मन्दिर तीर्थ निर्माण के लिये निधि समर्पण संपर्क महाअभियान देश भर में चलाया जा रहा है। विश्वहिन्दू परिषद् ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,विचार परिवार एवं अन्य धार्मिक संगठनों के स्वयंसेवक रामसेवक के रुप में घर-घर जाकर निधि समर्पण के साथ
संपर्क महाअभियान चला रहे है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के इस धार्मिक- सामाजिक महाअभियान को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है।
यह समर्थन विचारधारा तथा दलगत राजनीति से परे लोग रामसेवकों को जन्मभूमि मन्दिर के लिये राशि प्रदान कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अनूपपुर जिला मुख्यालय से लगे सोन तट के पडोसी गाँव सीतापुर से सामने आया हैं। जहाँ साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता उदय प्रकाश ने राम सेवकों को मन्दिर निर्माण के लिये 5400 रुपये की निधि समर्पित की है। उदयप्रकाश साहित्य के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का जाना-माना नाम है। गुरुवार, 4 फरवरी को उन्होंने अपने फेसबुक वाल से जन साधारण को स्वयं इसकी जानकारी प्रदान की है। साहित्यकार उदयप्रकाश ने राम मंदिर निर्माण के लिए 5400 रुपए की निधि समर्पित करते हुए लिखा है कि " आज की दान-दक्षिणा। ( अपने विचार अपनी जगह पर सलामत ) ।
ख्यातिलब्ध साहित्यकार पहली बार तब सुर्ख़ियों में आए जब उन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया तथा दूसरी बार वे तब अधिक चर्चा में थे जब उन्होंने कलबुर्गी मामले से नाराज होकर यह पुरुस्कार वापस कर दिया था। उदयप्रकाश वामपंथी विचारधारा के लेखकों में गिने जाते हैं।उनकी उम्दा लेखनी के प्रशंसकों की बड़ी संख्या है।आज उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण में 5400 की निधि समर्पित करके श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये अपना योगदान देकर सभी को चौंका दिया है।भगवान श्रीराम के प्रति उनकी आस्था नितांत व्यक्तिगत है। उन्होंने अपनी विचारधारा पर कायम रहने का दो टूक संदेश भी दिया है।इस अवसर पर अपने प्रशंसकों को उन्होने यह संदेश फेसबुक के माध्यम से देना उचित समझा। इसके बावजूद उदयप्रकाश का रामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये राशि देना देश के करोड़ों राम भक्तों को आन्तरिक मजबूती प्रदान करेगा।यह उनके लिये भी कडा संदेश है जो वैचारिक आधार पर अपने धर्म,आराध्य,देश के विरुद्ध तक जाने से नहीं चूकते।उदयप्रकाश जी का निधि समर्पण समूचे देश को एकता तथा सौहार्दपूर्ण समर्पण का संदेश माना जा रहा है।
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