(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) जवाहर नवोदय विद्यालय अमरकंटक की दो छात्राओं बनिता डैश एवं श्री सराफ़ को भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित "इंस्पायर मानक पुरस्कार" में चुना गया है। दोनो छात्राओं को उनके अभिनव प्रोजेक्ट हेतु प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 हज़ार रुपए की राशि प्रदान की गयी है। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने दोनो बच्चियों सहित उनके अभिभावकों, जेएनवी अमरकंटक के शिक्षक स्टाफ़ एवं उनके मार्गदशकों को इस उपलब्धि हेतु बधाई दी है। श्री ठाकुर ने कहा अनूपपुर ज़िले के लिए यह एक गौरव का विषय है। दोनो बच्चियों ने ज़िले का नाम रोशन किया है।आपने कहा शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ अभिनव सोच निःसंदेह एक बड़े आत्मविश्वास को जन्म देती है। मानव की यही अभिनव सोच ही कई सदियों से मानव जाति के विकास का मूल रही है और उसे अन्य प्राणियों से अलग करती है। आपने दोनो बच्चियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी हैं।
बनिता ने सैनिटाईजेशन पर तो
श्री ने दिव्यांग व्यक्तियों की सहूलियत
के लिए डिज़ाइन किया विशेष बेड
कक्षा-10 की छात्रा बनिता डैश ने कोरोना संक्रमण काल में सुरक्षा हेतु स्कूल बैग को सैनिटाईज़ किए जाने की प्रक्रिया पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिससे कोरोना संक्रमण के दौर में सहजता से सुरक्षा पूर्वक शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित की जा सकती हैं। कक्षा-6 की छात्रा श्री सराफ़ ने दिव्यांग जनो की सहूलियत के लिए विशेष सुविधाओं से युक्त बेड के डिज़ाइन पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया। दोनो ही प्रोजेक्ट समसामयिक एवं मानव जीवन की वर्तमान चुनौतियों को सुलझाने पर केंद्रित थे।
क्या है इन्सपायर
मानक अवार्ड
इनोवेशन इन साइन्स पर्सूट फ़ॉर इंस्पायर्ड रिसर्च (इन्सपायर) योजना विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने हेतु भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। इंसपायर अवार्ड्स- मानक (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशंस एंड नॉलेज) योजना, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोदयोगिकी विभाग एवं इसकी स्वायत्त संस्था नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के द्वारा संचालित की जाती है। जिसका उद्देश्य 10-15 साल की उम्र के विद्यार्थियों (कक्षा-6 से 10) में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना है। योजना के माध्यम से विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित एक मिलियन (10 लाख) मूल विचारों नवाचारों को लक्षित किया गया है। इस माध्यम से स्कूली बच्चों के बीच रचनात्मकता और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
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