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रात्रि में घुसकर चोरी करने व मारपीट करने वाले आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की निरस्त


(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (ब्यूरो) न्यायालय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रविन्द्र कुमार शर्मा की न्यायालय ने आरोपी चवन सिंह पिता बेल सिंह उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम डोंगरियाकला थाना बिजुरी तहसील कोतमा जिला अनूपपुर जमानत याचिका निरस्त की गई।
मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कोतमा राजगौरव तिवारी के हवाले से बताया की मामला कोतमा के अ.क्र. 80/20 धारा 332, 382, 427, 34 भादवि से संबंधित है जिसमें फरियादी जो कि लोक सेवक है आरोपी के द्वारा दिनांक 18/03/2020 को रात्रि डियूटी के समय सोमना कालरी अचानक 10-12 आदमी के साथ कबाड चोरी करने धुस आये और फरियादी तथा सहकर्मी संजय तिवारी एवं रजनीश पाण्डेय के साथ मारपीट करने लगे जिससे फरियादी तथा उसके सहकर्मी के हाथ पैर में चोटे आयी साथ ही मोटर साइकल में भी तोड-फोड किया गया यहा तक कि आरोपीगण के द्वारा रजनीश पाण्डेय का मोबाइल भी छीन लिया गया जिसकी उक्तानुसार अपराध को थाना कोतमा द्वारा दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया।
आरोपी ने यह लिया था आधार-आवेदक द्वारा जमानत आवेदन में आवेदक को झूठा रंजिशन फसाया गया है आवेदक की चल एवं अचल संपत्ति अनूपपुर में उसे भागने एवं फरार होने की संभावना नही है उक्त अपराध के निराकरण में काफी समय लगने की पूर्ण संभावना है इसलिए जमानत का लाभ दिया जाए।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोध-उक्त आवेदन पत्र अपर लोक अभियोजक शैलेन्द्र सिंह द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया 10-12 व्यक्तियों के साथ सोमना कालरी में घुसकर शासकीय सेवकों के साथ मार-पीट करने तथा तोड-फोड कर नुकसान पहुचाया गया है आवेदक के द्वारा किए गया अपराध की प्रकृति गंभीर है। उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र.स. निरस्त कर दिया।
न्यायिक दण्डाधिकारी ने भी पूर्व में किया था धारा 437 द.प्र.स. का आवेदन निरस्त-इसी मामले में आरोपी द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के.पी.सिंह न्यायालय में भी अंतर्गत धारा 437 द.प्र.स. के अंर्तगत जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी द्वारा न्यायालय के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की थी उक्त आवेदन को माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था।

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