(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो जिम्मेदारी जो दायित्व का निर्वहन मुझे सौंपा है निश्चित ही मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन मार्गदर्शन में विभाग की गतिविधियां प्रदेश में तेजी के साथ आगे बढ़ रही हैं।
उक्त आशय के विचार अंचलधारा के जिला ब्यूरो हिमांशु बियानी से एक संक्षिप्त मुलाकात में मध्यप्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहीं।उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान गरीब तेजी से खुशहाल हो रहा है किसानों गरीबों के लिए उनके विभाग खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण ने काफी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिसकी जानकारी इस प्रकार है उन्होंने कहा कि स्वयं माननीय मुख्यमंत्री भी विभाग की नियमित मानिटरिंग कर रहे हैं और किसानों गरीबों के लिए किसी भी तरह से बजट की कमी आड़े नहीं आने दे रहे जिससे विभाग सतत रूप से किसानों गरीबों के लिए निर्णय लेकर उनके हित के लिए कार्य कर रहा है।उन्होंने बताया कि अभी तक जो निर्णय लिए गए उसमें प्रमुख है समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन जिसमें-गेहूं उपार्जन -
मध्यप्रदेश के लिए बड़े गौरव की बात है कि रबी विपणन वर्ष 2020-21 में 15.81 लाख किसानों से 129.42 लाख मे.टन गेहूं उपार्जन कर देश में अधिकतम गेहूं उपार्जन वाला राज्य हो गया है।पंजाब राज्य द्वारा 127.12 लाख मे.टन उपार्जन किया गया है। देश में कुल 388.34 लाख मे.टन गेहूं का उपार्जन हुआ है, जिसमें मध्यप्रदेश द्वारा 33% योगदान रहा है।समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु 4529 केन्द्र खोले गए, जो कि विगत वर्ष से 984 अधिक है।उपार्जित गेहूं का समर्थन मूल्य लगभग रू. 24856 करोड़ का भुगतान किसानों के बैंक खाते में जे.आई.टी. के माध्यम से किया गया,जिससे किसानों को समितियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ा।
धान उपार्जन-
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु 7 लाख 24 हजार किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है जो कि विगत वर्ष से 33 प्रतिशत अधिक है।धान उपार्जन हेतु 1421 उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये है जो कि विगत वर्ष से 446 अधिक उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये हैं।गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र 406 स्थापित किये गये है जो कि विगत वर्ष से 179 अधिक है।किसानों को धान उपार्जन हेतु उपार्जन केन्द्र एवं जिला स्तर से एस.एम.एस. भेजने हेतु व्यवस्था की गई है। धान की मिलिंग समय-सीमा मे करने हेतु उपार्जन केन्द्र से सीधे मिलर्स को उपार्जन अवधि में धान प्रदाय की व्यवस्था भी की गई है।अभी तक 136710 किसानों से 723725 मे.टन धान का उपार्जन किया जा चुका है जिसमें से 88 प्रतिशत मात्रा का परिवहन एवं 81 प्रतिशत मात्रा का स्वीकृति पत्रक जारी किया जा चुका है किसानों को रू. 604 करोड़ का भुगतान भी प्रेषित किया जा चुका है।
मोटा अनाज-
मोटा अनाज के अंतर्गत ज्वार के 14690 एवं बाजरा के लिये 41524 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है, जिसमें किसानों द्वारा 27317 मे.टन ज्वार एवं 35365 किसानों द्वारा 191260 मे.टन बाजरे का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया गया है।जो कि अभी तक का रिकार्ड उपार्जन है।ज्वार एवं बाजरा के विक्रय करने वाले किसानों को रू. 353 करोड़ का भुगतान भी किया जा चुका है।
नवीन परिवारों को
पात्रता पर्ची का वितरण-
पात्रता पर्ची का वितरण-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित 25 श्रेणी के 766833 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है एवं नवीन परिवारों को जोड़ने की कार्यवाही सतत् रूप से जारी है। उचित मूल्य दुकानों से 96 प्रतिशत परिवारों को बायामेट्रिक सत्यापन से राशन का वितरण किया जा रहा है।
कोविड-19 के
संक्रमण काल में वितरण-
संक्रमण काल में वितरण-
कोविङ-19 में गरीब परिवारों की खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु 25 श्रेणी के नवीन पात्र परिवारों जिनको पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी थी, ऐसे लगभग 32 लाख हितग्राहियों की खाद्यान्न की आवश्यकता की पूर्ति हेतु माह अप्रैल, 2020 में 5 किलोग्राम निशुल्क खाद्यान्न: का वितरण किया गया है।
प्रधानमंत्री गरीब
कल्याण अन्न योजना-
कल्याण अन्न योजना-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अतिरिक्त रूप से 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य प्रतिमाह एवं 1 किलोग्राम दाल प्रति परिवार के मान से माह अप्रैल, 2020 से नवम्बर, 2020 तक कुल 1860753 मे.टन खाद्यान्न एवं 77238 मे.टन दाल का निःशुल्क वितरण किया गया है।
आत्म निर्भर
भारत अभियान-
भारत अभियान-
कोविङ-19 के कारण माइग्रेट लेबर की खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु श्रमिकों का सर्वेक्षण कराया गया, जिसमें 1 लाख 09 हजार परिवारों के 1 लाख 96 हजार सदस्यों को माह मई एवं जून, 2020 में 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति सदस्य एवं 1 किलोग्राम दाल के मान से 1754 मे.टन गेहूं एवं 157 मे.टन दाल का नि:शुल्क वितरण किया गया।
एसडीआरएफ मद
से खाद्यान्न वितरण-
से खाद्यान्न वितरण-
कोविड-19 के लॉकडाउन अवधि में बेघर, बेसहारा एवं माइग्रेट लेबर के भोजन की आवश्यकता की पूर्ति हेतु एसडीआरएफ मद से कुल 30917 मे.टन खाद्यान्न एवं 137 मे.टन नमक का नि:शुल्क प्रदाय कराया गया।

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