अनूपपुर (ब्यूरो)माननीय विशेष न्यायालय (पाँक्सो एक्ट) अमरवाडा (छिंदवाडा) के द्वारा प्रकरण क्र. 54/20 थाना अमरवाडा के अपराध क्रमांक 480/20 के आरोपीगण को दोषी पाते हुए आरोपी रितेश उर्फ़ रोशन धुर्वे उम्र 22वर्ष को धारा 366 भादवि मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए का अर्थदंड, धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए का अर्थदंड, धारा 302 में मृत्युदंड की सजा एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया तथा लैंगिक अपराधो से बालको के संरक्षण अधिनियम की धारा 5(m),6 में मृत्युदंड की सजा से दंडित किया गया है तथा आरोपी धनपाल उईके को धारा 201 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रुपए तथा लैंगिक अपराधो से बालको के संरक्षण अधिनियम की धारा 16,17 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
दिनांक 17/11/20 को न्यायालय के द्वारा आरोपियो दोषी पाते हुये फैसला दंड के प्रश्न पर सुनने के लिए मामला दिनांक 19/11/20 के लिए नियत किया गया था।
मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक,संजय शंकर पाल,दिनेश कुमार उईके, लोकेश कुमार घोरमारे के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुये अभिलेख पर आये साक्ष्य एवं विभिन्न न्यायिक दृष्टांत को न्यायालय के समक्ष पेश कर आरोपियो को मुत्युदंड से दंडित करने का निवेदन किया गया था।
मामले में संचालक लोक अभियेाजन म.प्र.भोपाल श्रीमान विजय यादव भा.पु.से. एवं श्रीमान संयुक्त संचालक एल.एस. कदम के द्वारा सतत निगरानी एवं वी.सी.से समीक्षा की जा रही थी।
मामला इस प्रकार हैं कि दिनांक 17/7/20 को थाना अमरवाडा में सूचना प्राप्त हुई की एक छोटी बच्ची खेलते समय कही गुम हो गई है। पुलिस द्वारा घटना स्थल जाकर तश्दीक उपरांत अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं अपहृता की तलाश शुरू की गई।
प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल के द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया तथा मामले की शीघ्र एवं प्रभावी कार्यवाही हेतु विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया था और घटना की जानकारी देने वालो के लिए 10000 रुपए के पुरस्कार की घोषणा भी पुलिस अधीक्षक के द्वारा की गई थी।मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा के द्वारा अन्वेषण प्रारम्भ किया गया था। विवेचना के दौरान लगातार पूछताछ में पुलिस को पता चला कि घटना दिनांक और समय को मृत्तिका बालक के पडोस में रहने वाला रितेश धुर्वे और धनपाल उईके अपने घर पर नही थे,संदेह के आधार पर रितेश उर्फ रोशन धुर्वे से पूछताछ की गई जिसने घटना कारित करना स्वीकार किया और बताया कि घटना दिनांक को मृत्तिका बालक को घर के सामने खेलते समय 10 रुपए का नोट दिखाकर अपने पास बुलाया और बकरी बाँधने के कोठे में ले जाकर मृत्तिका के मुँह में लाल रंग की चुन्नी बाँधकर बलात्कार किया जिससे मृत्तिका बालक की मौत हो गई,जिसे धनपाल के साथ मिलकर मृत्तिका के शव को बोरी में भरकर मोटर साईकिल MP28MH 3176 से छोटा तालाब के पास माई के चबूतरा के पास माचागोराडेम में फेक दिये हैं जिस पर आरोपी के बताये अनुसार मृत्तिका बालक का शव प्राप्त किया एवं साक्ष्य एकत्रित कर विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा 31 साक्षियो का न्यायालय के समक्ष परीक्षण कराया गया था तथा मामले में उच्च न्यायालय के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान विषम परिस्थितियों में माननीय न्यायालय के द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए निरंतर 116 दिनो तक सुनवाई किया गया।
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