हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो
अनूपपुर (अंचलधारा) शोध पत्रिकाएं नूतन ज्ञान को प्रकाशित करके समाज में उसका विस्तार करती हैं और इस तरह से परिष्कृत, परिशोधित एवं परिमार्जित तथ्यपरक, शोधपरक सामग्री से ज्ञान का क्षेत्र समृद्ध होता है।उक्त उद्गार इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने मेकल मीमांसा शोध पत्रिका के
वर्ष 2020 के प्रथम अंक के विमोचन समारोह में व्यक्त किया। कुलपति जी ने कोरोना संकट के समय में भी स्तरीय शोध पत्रिका के प्रकाशन के लिए पत्रिका के संपादक मंडल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है और इस तरह के सद्प्रयासों से यह अंतर्राष्ट्रीय फलक पर भी चमकेगा। कुलपति जी ने शोध पत्रिका के प्रकाशन को उपलब्धि बताते हुए इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया कि इसमें आदिवासी विमर्श को केन्द्रीय स्थान दिया गया है जो विश्वविद्यालय के उद्देश्यों के अनुरूप है एवं विमर्श के नए आयामों का प्रस्फुटन भीहै।कुलपति जी ने पत्रिका को विमोचित करते हुए इसे ज्ञान समाज के लिए उपलब्ध कराया।इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत करते हुए मेकल मीमांसा के मुख्य संपादक प्रोफेसर राकेश सिंह ने पत्रिका की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला और बताया कि 204 पृष्ठों की पत्रिका में कुल तेरह लेखों का संग्रह किया गया है।इनमें से छह लेख आदिवासी समाज से जुड़े विमर्शों को सामने लाने का काम करते हैं। उन्होंने पत्रिका की विशेष उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा वर्तमान कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी जी के कोरोना एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर विचारोत्तेजक लेख एवं संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी.डी. सिंह जी के लेख का उल्लेख किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ और सभागार में उपस्थित वरिष्ठ आचार्यों को उत्तरीय अर्पित कर उन्हें सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन पत्रिका के कार्यकारी संपादक डॉ. राघवेन्द्र मिश्रा ने किया एवं धन्यवाद प्रकाश पत्रिका के संपादक मंडल के सदस्य डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से कुलानुशासक प्रोफेसर तीर्थेश्वर सिंह, डीन अकादमिक प्रोफेसर आलोक श्रोत्रीय, वाणिज्य संकाय प्रमुख प्रोफेसर अजय वाघ, जनजातीय अध्ययन संकाय प्रमुख प्रोफेसर पी.के. शामल, शिक्षा संकाय प्रमुख प्रोफेसर संध्या गिहर, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर एनएसएच मूर्ति, प्रोफेसर कृष्णा सिंह, प्रोफेसर अभिलाषा कुमारी, प्रोफेसर रेनू सिंह, प्रोफेसर नीति जैन, प्रोफेसर नवीन शर्मा, प्रोफेसर ए.पी. सिंह, कुलसचिव पी.सेलुवानाथन, डॉ. जीतेन्द्र मिश्र, डॉ. पूनम शर्मा, डॉ. विष्णु नारायण मिश्रा, डॉ. मनीषा शर्मा, डॉ. ज्ञानेंद्र बहादुर राउत, डॉ. ललित कुमार मिश्रा, डॉ. उदय सिंह राजपूत, डॉ. एस.के.बेहरा, डॉ. सतीश मोदी, डॉ. ऋचा चतुर्वेदी, श्री शिवाजी चौधरी, डॉ. नागेन्द्र सिंह, डॉ. संजीव सिंह, डॉ. नागवंशी, डॉ. विनोद सेन, डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. आनंद सुगंधे, श्रीमती कृष्णामणि भगबती, डॉ. रवि, सर्वश्री विनोद वर्मा, हरीश विश्वकर्मा, सुश्री अर्पिता प्रियदर्शी एवं दीक्षा सिंघल, अमित कुमार सिंह, चन्दन द्विवेदी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
वर्ष 2020 के प्रथम अंक के विमोचन समारोह में व्यक्त किया। कुलपति जी ने कोरोना संकट के समय में भी स्तरीय शोध पत्रिका के प्रकाशन के लिए पत्रिका के संपादक मंडल की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है और इस तरह के सद्प्रयासों से यह अंतर्राष्ट्रीय फलक पर भी चमकेगा। कुलपति जी ने शोध पत्रिका के प्रकाशन को उपलब्धि बताते हुए इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया कि इसमें आदिवासी विमर्श को केन्द्रीय स्थान दिया गया है जो विश्वविद्यालय के उद्देश्यों के अनुरूप है एवं विमर्श के नए आयामों का प्रस्फुटन भीहै।कुलपति जी ने पत्रिका को विमोचित करते हुए इसे ज्ञान समाज के लिए उपलब्ध कराया।इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत करते हुए मेकल मीमांसा के मुख्य संपादक प्रोफेसर राकेश सिंह ने पत्रिका की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला और बताया कि 204 पृष्ठों की पत्रिका में कुल तेरह लेखों का संग्रह किया गया है।इनमें से छह लेख आदिवासी समाज से जुड़े विमर्शों को सामने लाने का काम करते हैं। उन्होंने पत्रिका की विशेष उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा वर्तमान कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी जी के कोरोना एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर विचारोत्तेजक लेख एवं संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी.डी. सिंह जी के लेख का उल्लेख किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ और सभागार में उपस्थित वरिष्ठ आचार्यों को उत्तरीय अर्पित कर उन्हें सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन पत्रिका के कार्यकारी संपादक डॉ. राघवेन्द्र मिश्रा ने किया एवं धन्यवाद प्रकाश पत्रिका के संपादक मंडल के सदस्य डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर प्रमुख रूप से कुलानुशासक प्रोफेसर तीर्थेश्वर सिंह, डीन अकादमिक प्रोफेसर आलोक श्रोत्रीय, वाणिज्य संकाय प्रमुख प्रोफेसर अजय वाघ, जनजातीय अध्ययन संकाय प्रमुख प्रोफेसर पी.के. शामल, शिक्षा संकाय प्रमुख प्रोफेसर संध्या गिहर, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर एनएसएच मूर्ति, प्रोफेसर कृष्णा सिंह, प्रोफेसर अभिलाषा कुमारी, प्रोफेसर रेनू सिंह, प्रोफेसर नीति जैन, प्रोफेसर नवीन शर्मा, प्रोफेसर ए.पी. सिंह, कुलसचिव पी.सेलुवानाथन, डॉ. जीतेन्द्र मिश्र, डॉ. पूनम शर्मा, डॉ. विष्णु नारायण मिश्रा, डॉ. मनीषा शर्मा, डॉ. ज्ञानेंद्र बहादुर राउत, डॉ. ललित कुमार मिश्रा, डॉ. उदय सिंह राजपूत, डॉ. एस.के.बेहरा, डॉ. सतीश मोदी, डॉ. ऋचा चतुर्वेदी, श्री शिवाजी चौधरी, डॉ. नागेन्द्र सिंह, डॉ. संजीव सिंह, डॉ. नागवंशी, डॉ. विनोद सेन, डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. आनंद सुगंधे, श्रीमती कृष्णामणि भगबती, डॉ. रवि, सर्वश्री विनोद वर्मा, हरीश विश्वकर्मा, सुश्री अर्पिता प्रियदर्शी एवं दीक्षा सिंघल, अमित कुमार सिंह, चन्दन द्विवेदी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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