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वोट की राजनीति में कोविड संक्रमण की अनेदखी, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग हो गए गायब 20 को कारण बताओ नोटिस

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
 

अनूपपुर (अंचलधारा) कोरोना महामारी के दौरान राजनीतिक दल और नेताओं का आचरण उदाहरण पेश करने वाला होना चाहिए था, प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गम्भीरता रखते हुए आम नागरिकों के जीवन को सुरक्षा प्रदान करना था। लेकिन नहीं ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक दलों को सिर्फ अपनी जीत और चुनावी प्रचार से लोकप्रियता हासिल करने के अलावा आम नागरिकों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।
विधासभा उपचुनाव प्रदेश के 28 विधासभा सीटो के लिए 3 नवम्बर को होने वाले मतदान और इनमें मतदाताओं को रिझाने राजनीतिक दलों द्वारा आमसभाओं में बुलाई जा रही भीड़ के साथ आयोजित अन्य कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन गौण हो गई है।राजनीति अखाड़े में दल आम नागरिकों की जान  से खिलवाड़ करने पर आतुर दिख रहे हैं, जहां राजनीति खास नेताओं के लिए सभाओं में जुट रहे हजारों की आम भीड़ में सोशल डिस्टेसिंग और मास्क जैसी सुरक्षा कवच ही गायब है। इनमें चुनावी प्रचार में शामिल विशिष्ट राजनेताओं सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियियों ने भी इस अनदेखी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 
20 को मिला कारण 
बताओ नोटिस
एसडीएम एवं रिटर्निंग अधिकारी विधानसभा अनूपपुर ने दोनों मुख्य राजनीतिक दलो सहित उनके जिला अध्यक्ष कों 20 नोटिस जारी किये है।इनमें अधिकांश नोटिस के जवाब मिल गए हैं। लेकिन इसके बाद भी रोजाना किसी न किसी मुद्दे पर दोनों राजनीतिक पार्टियां बिना अनुमति या कोविड गाइडलाइन की अनदेखी में सभाओं व रैलियों का आयोजन कर रही है।
जानकारी के अनुसार रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जारी नोटिस में भाजपा के खिलाफ 13, जबकि कांग्रेस के खिलाफ 3 नोटिस जारी किया गया है।भाजपा जिला अध्यक्ष के खिलाफ 3 और जिला कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ 1 नोटिस जारी किया गया है। इनमें अधिकांश का जवाब सौंप दिया गया है।
मास्क, सोशल 
डिस्टेसिंग गायब
चुनाव आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के साथ ही हाईकोर्ट खंडपीठ ग्वालियर ने कोविड को ध्यान में रखते हुए पूर्व में कोविड गाइडलाइन अनुसार 100 व्यक्तियों की उपस्थिति के ही निर्देश दिए थे। बाद में खुले स्थान के अनुसार भीड़ की संख्या से पाबंदी हटा दी गई, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सहित सेनेटाइजेशन अनिवार्य किया था। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश बाद भी राजनीतिक दलों ने इसका पालन नहीं किया। आचार संहिता के बाद 7 अक्टूबर को पूर्व सीएम कांग्रेस की आमसभा में 5 हजार के आसपास भीड़ एकत्रित हुई, लेकिन इनमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजेशन जैसे कवच गायब रहे। मंच पर सैकड़ो की भीड़ उपस्थित रही। वहीं भाजपा नेताओं की आयोजित आमसभा और रैली में भी जमकर कोविड गाइड लाइन नियमों की अनदेखी की गई।
जब बिना अनुमति कांग्रेस महिला 
मोर्चा रैली निकाल पहुंची कोतवाली
नामांकन शपथ पत्र में जानकारी छिपाने को लेकर दोनों राजनीतिक पक्षों के बीच चल रही प्रॉक्सी वार में भाजपा प्रत्याशी द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी के खिलाफ बोले अमयार्दित बोल पर कांग्रेस महिला मोर्चा सहित कोतमा, पुष्पराजगढ़ विधायकों व हजारो कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति रैली निकाल कोतवाली थाने पहुंच गए। यहीं नहीं यहां कांग्रेस कार्यकर्र्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। यहां कांग्रेस पदाधिकारियों ने हजारों कार्यकर्ताओं को एकत्रित और रैली का आयोजन भी बिना अनुमति कर दिया था।जबकि भाजपा पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आगमन पर अनूपपुर पहुंचे भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ बिना अनुमति बाइक रैली और डीजे बजाने से भी परहेज नहीं किया था। 
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार में 
मास्क की जरूरत नहीं
ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी प्रचार के दौरान विधायक के साथ अन्य गणमान्यों के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य नहीं रह गई है। कुछ ऐसा ही नाजारा ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार के दौरान दिखा, जब प्रचार में जुटे पदाधिकारियों सहित विधायक के चेहरे पर सुरक्षा कवच नहीं हैं।

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