(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) प्रशासनिक सेवा में 14 वर्ष 4 माह का कार्यकाल पूरा करने के बाद रमेश कुमार सिंह ने समय से पूर्व सेवानिवृत्त का त्यागपत्र देकर राजनीति के माध्यम से जन सेवा करना अपना आधार बना लिया।उन्होंने इसके लिए कांग्रेस के प्लेटफार्म को चुनना महत्वपूर्ण माना।सेवानिवृत्ति के त्यागपत्र देने के बाद भोपाल से अपने ग्रह ग्राम खाड़ा अनूपपुर आगमन पर उनका ऐतिहासिक स्वागत हर जगह उनके इष्ट मित्रों समर्थकों ने किया कांग्रेस पार्टी ने भी किया।अनूपपुर पहुंचकर उन्होंने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया जिसमें कांग्रेश से दावेदारी कर रहे उमाकांत उइके, बिसाहूलाल कुल्हाड़ा, ममता सिंह भी उनके साथ साथ उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रशासनिक सेवा से समय पूर्व सेवानिवृत्ति का त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेश के झंडे बैनर तले अपने ऐतिहासिक स्वागत के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर अनूपपुर विधानसभा के उपचुनाव को लेकर आया है।यहां पर निर्वाचन कभी भी हो सकता है।तीन चार माह से प्रत्याशी चयन को लेकर कुछ कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें पर्यवेक्षक भी आए और एक प्रक्रिया के तहत कौन बेहतर होगा उसके लिए कार्य किए। लगातार कवायद चलती रही।कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी चयन को लेकर कार्यक्रम आयोजित हुए लगातार सर्वे कराया गया।यह प्रत्याशी चयन का आधार था प्रत्याशी चयन उसी परिप्रेक्ष्य में अधिकृत रूप से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने विश्वनाथ का नाम 11 सितंबर को घोषित किया इससे सभी अवगत हैं।जो दावेदारी कर रहे थे उन्हें यह रास नहीं आया।जब कांग्रेस समर्थित सभी दावेदार सर्वे आधार में तय प्रत्याशी को सही नहीं माना और सभी ने विचार-विमर्श कर आपत्ति लगाने का निर्णय लिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के पास जाकर सर्वे के हिसाब से निर्णय नहीं आया इस पर आपत्ति लगाई।सभी प्रत्याशी ने तय निर्णय के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात कर सहमति पत्र तैयार कर रमेश सिंह को टिकट दिया जाए तो सबकी सहमति होगी और हम सभी मेहनत कर चुनाव जीतकर आएंगे इनमें से किसी और को भी टिकट दी जाती है तो हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे।जब प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आश्वासन दिया कि हम विचार करेंगे।जब उन्होंने कहा कि मुझे लगा की सेवा तो करना ही है अब समय आ गया 14 वर्ष 4 माह कार्य प्रशासन का किया उसमें संपूर्ण विराम लगाने का निर्णय लिया यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय था दबाव प्रलोभन की कोई बात नहीं। लोक सेवा भी जनसेवा है लेकिन इसका दायरा सीमित है लेकिन राजनीति के माध्यम से भी जनसेवा की जा सकती है इसका दायरा व्यापक है जिससे जनसेवा अच्छी तरह से की जा सकती है। यही सोच कर मैं भोपाल में त्यागपत्र देकर वहां से आप सबके बीच में आया हूं।उन्होंने कहा कि मुझे त्यागपत्र देने के बाद मेरी सोच से मेरी अपेक्षा से ज्यादा प्यार जगह जगह और विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में आने के बाद लोगों का जज्बा काबिले तारीफ है। मेरी उम्मीद से काफी ज्यादा प्यार मुझे मेरे विधानसभा क्षेत्र के लोग कर रहे हैं मैं काफी भावुक हूं।यह कसक आज की नहीं बहुत साल पहले की है।करोना जब से शुरू हुआ मध्यप्रदेश की राजनीति में उठापटक हुई जिससे कांग्रेस पार्टी की सत्ता चली गई कारण सबको पता है।कुछ विधायकों के कृत्यों के कारण पार्टी को आज यह दिन देखना पड़ा।आरक्षित सीट है हम भी उस वर्ग में से आते हैं ग्लानि हुई ऐसा नहीं होना चाहिए।मुझे अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के मेरे मित्रों ने सुझाव दिया कि आप प्रयास करें हम आपका साथ देंगे।मैंने ज्यादा सीरियसली उनकी बातों को नहीं लिया था लेकिन बार-बार आवाज आ रही थी कि आप अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व कीजिए।बिसाहूलाल भाजपा का दामन थाम चुके हैं बहुत से साथी आए की अनूपपुर विधानसभा की राजनीति में आपको हम लोग लाना चाहते हैं विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ करना चाहते हैं।आदिवासी जिला पिछड़ा है अनूपपुर आज भी समाज की मुख्यधारा से काफी दूर
है।उन्होंने कहा कि प्रयास किया कि सर्वे में नाम आ जाएगा दौड़ में आगे निकल जाएंगे यात्रा तीन-चार माह की थी आज हम सब आप लोगों से रूबरू हो रहे हैं।चारों कांग्रेस समर्थित दावेदारों ने मिलकर तय किया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तक पहुंचे।जहां से हमें आश्वासन मिला आप जाइए कांग्रेस के लिए काम कीजिए न्याय होगा आपके साथ।रमेश कुमार सिंह ने कहा कि अनूपपुर के लिए काम करने की उनकी टीस है वह यहां के पुश्तैनी निवासी है उनका परिवार खानदान सभी यही है।उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त का त्यागपत्र देने के बाद आज अपने आप को अब हल्का महसूस कर रहा हूं।यहां की जमीन तक कर्ज चुकाने का अब वक्त आ गया है उनकी प्राथमिकता अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास उनका मुख्य मुद्दा रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थित सभी दावेदारों ने मिलकर कार्य करने का प्रण किया है।उन्होंने कहा कि यहां के लोग अभी भी मुख्यधारा से काफी दूर हैं।इनके साथ कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी दावेदार उमाकांत उइके, बिसाहूलाल कुल्हाड़ा,ममता सिंह भी साथ साथ थी।
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