(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर। (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय कृष्ण कांत शर्मा के न्यायालय द्वारा विशेष प्रकरण क्र. 08/19, आरोपी मोनू ऊर्फ सूरज साहू की जमानत याचिका निरस्त् कर दी गई। आरोपी के विरूद्ध थाना चचाई में धारा 376, 376(2)N, 342, 368, 323, 506 भादवि एवं धारा 5/6 पॉक्सों एक्ट तथा धारा 3(2)(5) एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से जमानत याचिका का विरोध जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा किया गया। मामले की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया की मामले की पीडिता घर से बाहर किराने की दुकान पर सामान खरीदने निकली थी रास्ते में उसे आरोपी मिला और उसका हाथ पकडकर जंगल तरफ से पैदल चलते हुए जबरन प्रकरण के सह अभियुक्तथ के घर ले जाकर रखा और उसके साथ जबरन बार-बार बलात्कार किया गया फिर अगले दिन वह पीडिता को अपने घर ले गया एवं उसे कमरे में बंद कर रहा था पीडिता ने विरोध किया लेकिन वह उसे घर जाने नही दे रहा था। जब पीडिता की मां को गांव के लोगो ने बताया कि आरोपी मोनू ने पीडिता को अपने घर में बंद कर रखा है तब उसकी मां गांव के अन्यं व्यनक्तियों के साथ पीडिता को आरोपी के चंगुल से छुडाने के लिए उसके घर पहुची तब आरोपी पीडिता को नही ले जाने दे रहा था।
आरोपी ने यह लिया था आधार - आरोपी द्वारा जमानत आवेदन में यह आधार लिया गया था कि वह अपने परिवार का अकेला कमाने वाला व्ययक्ति है, उसी की आय से उसके परिवार का पालन पोषण होता है, और यदि उसे जमानत का लाभ नही दिया जाता है तो उसके परिवार के सामने भूख मरने की स्थिति निर्मित हो जायेगी।
अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोधः- उक्त आवेदन पत्र में जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि आरोपी को जमानत का लाभ दिये जाने वह शेष साक्षियों को साक्ष्यी बदलने हेतु धन व बल का प्रलोभन/दबाब दे सकता है, साक्षियों के मना करने पर अन्यय आपराधिक कृत्य किये जाने एवं फरार होने की प्रबल संभावना है, इस कारण से न्यायहित में जमानत का लाभ प्रदान किया जाना उपयुक्त नही है।

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