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गुणवत्ता विहीन चावल पर खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह का बड़ा बयान कहा दोषी जो भी हो बख्शा नहीं जाएगा

हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (ब्यूरो) मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बालाघाट एवं मंडला जिलों में मिलर्स से प्राप्त चावल की गुणवत्ता पर हुई बड़ी कार्यवाही पर स्पष्ट किया है कि इसमें जो भी दोषी होगा चाहे वह अधिकारी हो कर्मचारी हो या चावल प्रदाय करने वाला मिलर्स किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मैं तत्काल एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई तत्काल कर दी गई है।उन्होंने बताया कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल बांटने पर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने रोक लगा दी है।अमानक पाए गए चावल के बाद पूरे प्रदेश में चावल के नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं जिसकी जांच करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2020-21 में माह अप्रैल 2020 से जून 2020 तक सर्मथन मूल्य पर 130.00 लाख में टन गेंहू का उपार्जन किया गया है तथा खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में माह नवम्बर 2019 से जनवरी 2020 तक 26.21 लाख में टन धान का उपार्जन किया गया है। माह अगस्त 2020 तक मिलिंग हेतु 17.40 लाख में टन धान कम्टम मिलिंग हेतु मिलर्स को प्रदाय की गई है। इसमें से मिलर्स द्वारा 16.51 लाख में टन धान की कस्टम मिलिंग कर 11.06 लाख में टन चावल कॉर्पोरेशन को प्रदान किया गया है। मिलर्स से कस्टम मिलिंग उपरान्त प्राप्त चावल की गुणवत्ता निरीक्षण हेतु 15 गुणवत्ता नियंत्रक संलग्न किये गये थे। इन गुणवत्ता नियंत्रकों के द्वारा मिलर्स से प्राप्त चावल के गुणवत्ता नियंत्रण के अतिरक्ति उपार्जित गेहूं के निरीक्षण का भी दायित्व था। गेहूं उपार्जन के दौरान असामयिक वर्षों से गई जिलों में उपार्जित गेहूं छतिग्रस्त हुआ, इसके अपग्रेडेशण के बाद गुणवत्ता जांच का कार्य भी गुणवत्ता नियंत्रकों से करवाया गया। कॉर्पोरेशन के गुणवत्ता नियंत्रकों द्वारा मिलिंग वाले जिलों में कुल 1318 स्टेकों का निरीक्षण किया गया जिसमें से 111 स्टेक निर्धारित गुणवत्ता के नहीं पाये गये। राज्य की कस्टम मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग उपरान्त परिदान किये गये निम्न गुणवत्ता का चावल मिलर को वापस कर मानक गुणवत्ता का चावल प्राप्त किया जावेगा।
भारत सरकार के द्वारा बालाघाट जिले के 03 गोदामों में निरीक्षण किये गये 3136 में टन, चावल निर्धारित मानकों का नहीं पाया गया। इसी प्रकार मंडला जिले के कंटगी गोदाम में निरीक्षित 1658 में टन चावल निर्धारित मानकों का नहीं पाया गया। भारत सरकार के पत्र दिनांक 21/08/2020 में दिये गये निर्देशानुसार दोनों जिलों के निरीक्षण किये गये गोदामों से चावल का प्रदाय/परिवहन बंद किया गया है। भारत सरकार के निर्देशानुसार भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51 संयुकत दल गठित किये जा कर भण्डारित चावल के 1021 सेम्पल लिये गये हैं, इनमें से 284 सेम्पल की जांच प्रारम्भ की गई है। भारतीय खाद्य निगम के स्थानीय कार्यालयों से प्राप्त जानकारी अनुसार 72 सेम्पल वितरण योग्य है तथा 57 सेम्पल निर्धारित मापदण्ड नहीं होने से मिलिंग नीति अनुसार इनके स्थान पर मानक गुणवत्ता का चावल प्राप्ति की कार्यवाही की जायेगी। भारतीय खाद्य वितरण द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों से चावल की शेष मात्रा की सेम्पल जिये जाने तथा सेम्पलों की जांच कार्य में लगभग 10 दिन लगना संभावित हैं। चावल के वितरण पर रोक लगा दी गई है तथा भारतीय खाद्य निगम के द्वारा किये जा रहे गुणवत्ता परीक्षण में, उपयुक्त गुणवत्ता के पाये गये चावल का ही वितरण किया जावेगा। बालाघाट एवं मंडला जिले में चावल की गुणवत्ता कार्यों में संलग्न गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवायें समाप्त कर दी गई है। जिला प्रबंधक बालाघाट को निलंबित किया गया है। निम्न गुणवत्ता का चावल प्राप्त करने वाले अन्य कर्मचारी ,अधिकारियों के विरूद्ध कठोर प्रशासकीय आपराधिक कार्यवाही की जावेगी। निम्न गुणवत्ता का चावल प्रदाय करने वाले मिलर्स के विरूद्ध कस्टम मिलिंग नीति एवं अनुबंध के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जा रही है। जिला प्रशासन बालाघाट द्वारा निम्न गुणवत्ता का चावल प्रदाय करने वाले मिसर्ल के गोदाम एवं मिलों की जांच प्रारंभ की गई है। जांच में जो भी लोग दोषी पाये जावेंगे उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जावेगी तथा किसी भी दोषी अधिकारी कर्मचारी एवं चावल प्रदाय करने वाले मिलर्स जो दोषी पाये जायेंगे उन्हें नहीं बख्शा आवेगा।
मंत्री ने दिए ई.डब्ल्यू.ओ.
को जांच के निर्देश
मध्यप्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने गुणवत्ता विहीन चावल के जांच के निर्देश ई. डब्ल्यू. ओ. को भी दे दिए हैं।

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