अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायप्रिय शिवराज सरकार में मध्यप्रदेश का अंतिम कोना अनूपपुर जिला इस समय चर्चा का विषय बन चुका है। यहां पर पुलिस ही पुलिस प्रताड़ना का शिकार हो रही है । एक होनहार महिला सूबेदार जो कि जिला यातायात का प्रभार पूरी इमानदारी पूरी तन्मयता के साथ निभा रही थी लेकिन कुछ लोगों की रोटी उनके सामने गल नहीं पा रही थी जिससे कुछ लोग हाथ मुंह धो कर महिला यातायात प्रभारी के पीछे लग गए थे। जिसका परिणाम हुआ की इमानदारी का तोहफा उनको जिला यातायात के पद से पदच्युत करके किया गया। एवं साथ ही पुलिस विभाग के अधिकारी ने जान बचाने वाली सूबेदार यातायात प्रभारी को ही आरोपी बना दिया। इसी तरह भालूमाडा़ मैं ए.एस.आई. दिनेश पांडे को भी बेवजह पुलिस प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा। दोनों ही मामले पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है...? पुलिस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए अनूपपुर जिला इस समय चुनौती बन गया है। जहां आम आदमी को अब न्याय की उम्मीद करना संभव नहीं दिख रही। क्योंकि यहां की पुलिस ही पुलिस प्रताड़ना की लगातार शिकार होती जा रही है। सूबेदार यातायात प्रभारी रही श्रीमती स्वेता शर्मा एक महिला होते हुए पूरे इमानदारी पूरी तन्मयता के साथ जिले की यातायात व्यवस्था को मजबूत कर रही थी । अतिक्रमणकारियों पर शिकंजा कस रही थी ,वही कोरोना वायरस महामारी से लोगों को सुरक्षित करने के लिए निरंतर मास्क को लेकर चालानी कार्रवाई कर रही थी और शासन के खाते में सम्मन शुल्क जमा कर रही थी। लेकिन इस बीच श्रीमती स्वेता शर्मा पुलिस की प्रताड़ना की शिकार हो गई। उनको बेवजह गलत आरोप लगाकर पद से हटा दिया गया और उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई ।
जिले की यातायात व्यवस्था की कमान संभालने वाली पूर्व महिला सूबेदार स्वेता शर्मा अपने ही विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा बुने गए जाल में फंसकर उलझ गई हैं। स्वेता शर्मा की माने तो उन्होंने एक ट्रक ड्राइवर की जान बचाने का काम किया लेकिन उन्हें क्या मालूम था विभाग के ही लोगों का वह शिकार बन जाएंगी। एक महिला सूबेदार अधिकारी ने कहा कि उन्हें झूठे मामले में फसाने के लिए पूरा चक्रव्यूह रचा गया और इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं। 22 जुलाई 2020 को ट्रक ड्राइवर के साथ हुई घटना के मामले में यातायात प्रभारी सूबेदार स्वेता शर्मा के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध होने के बाद सूबेदार ने सारी हकीकत बयां की है।
जिले की यातायात प्रभारी रही सूबेदार स्वेता शर्मा ने बताया कि 22 जुलाई 2020 को वह वाहन चेकिंग नेशनल हाईवे बकही के पास कर रही थी। तभी उन्हें विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का निर्देश प्राप्त हुआ कि कुछ अवैध कोयले की गाड़ियां निकलने वाली हैं । इसी बीच एक ट्रक जिसका क्रमांक एमपी 17 एच एच 0 951 सड़क पर अचानक मुड़कर भागने की कोशिश करने लगा। जिसका पीछा कर सूबेदार स्वेता शर्मा ने पकड़ने का प्रयास किया तभी ट्रक चालक ज्ञानेंद्र सिंह परिहार और मुन्ना ट्रक से भागने लगे। तथा ज्ञानेंद्र सिंह परिहार गड्ढे में गिर गया और उसे गंभीर चोट लग गई। जिनको पकड़कर सूबेदार स्वेता शर्मा ने उनकी जान बचाने हेतु अनूपपुर कोतवाली पुलिस को सूचना दी। जहां मौके पर कोतवाली का वाहन तथा सहायक उपनिरीक्षक अजय बैगा का और उनके साथ कर्मचारी पहुंच गए । जिनके हवाले आरोपी ज्ञानेंद्र सिंह परिहार को घायल अवस्था में स्वेता शर्मा ने सौंप दिया। यह मामला कोल माफिया से जुड़ा हुआ था इसलिए कार्यवाही के बाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए और बलि का बकरा सूबेदार स्वेता शर्मा को बना दिया गया ।
लगा मारपीट करने का आरोप
भागते वक्त ट्रक ड्राइवर ज्ञानेंद्र सिंह परिहार गड्ढे में गिरने के बाद बुरी तरह से घायल हो गया था। वही उसका साथी मुन्ना भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका था। घायल अवस्था में ज्ञानेंद्र सिंह परिहार को इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। तो वही शिकायत कराई गई की यातायात प्रभारी ने उनके साथ मारपीट की। जबकि यातायात प्रभारी का कहना है कि उन्होंने कोई मारपीट नहीं की बल्कि उसकी जान बचाने का काम किया। जिसका वीडियो भी उनके पास मौजूद है। लेकिन सारे साक्ष्यों को दरकिनार करते हुए पुलिस विभाग के जांच अधिकारी मनमानी करते हुए एक तरफा कार्यवाही की नियत से जांच शुरू कर दी।
जांच अधिकारी बदलने की कि थी मांग
यातायात प्रभारी सूबेदार स्वेता शर्मा ने ट्रक ड्राइवर के साथ हुई घटना के मामले में जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से जांच न कराने की मांग को लेकर सूबेदार स्वेता शर्मा ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी बात रखी। लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। पुलिस अधीक्षक मांगीलाल सोलंकी ने उन्हें पूरा भरोसा दिया कि उनके साथ न्याय होगा लेकिन नतीजा कुछ और ही निकलकर सामने आया।
दर्ज हुआ मामला
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन द्वारा ट्रक ड्राइवर के साथ हुई मारपीट के मामले में पूर्व यातायात प्रभारी स्वेता शर्मा के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध करते हुए डायरी को शहडोल जिले के लिए भेज दिया गया है
इनका कहना है
हमारे द्वारा तथ्यों के आधार पर जांच की गई है किसी को आरोप लगाना है तो वह स्वतंत्र है जांच में जो सही पाया गया वह हमने वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत कर लिया है
अभिषेक राजन
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
इनका कहना है
सूबेदार स्वेता शर्मा के मामले में जांच पूरी हो चुकी है और वह दूसरे जिले में जा चुकी है हमारे हाथ में अब कुछ भी नहीं है उन्हें जो भी पक्ष रखना है वह न्यायालय में रखें किसी के ऊपर कुछ भी आरोप लगाना ठीक बात नहीं है
मांगीलाल सोलंकी
पुलिस अधीक्षक अनूपपुर
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