(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) विशेष न्यायालय (पॉक्सो) रवीन्द्र कुमार शर्मा के न्यायालय से आरोपी राजेश ताम्रकार उम्र 45 पिता हरिप्रसाद निवासी छुल्हा की जमानत याचिका न्यायालय ने निरस्त कर दी। मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी के हवाले से बताया कि मामला थाना कोतमा के अ.क्र 246/20 धारा 363 ,376ab,भादवि 03/04, 05/06 पॉक्सो एक्ट से सम्बंधित था जिसमे अबोध विक्षिप्त बालिका कि माँ ने आरोपी उपरोक्त के विरुद्ध अपहरण कर लेने की सूचना देते हुए बताई कि बालिका के घर पर न मिलने पर उसे घर वाले ढूढते रहे जो आरोपी के पास मिली। जिसे घर लाकर देखने पर उसके गुप्तांग से खून बह रहा था जिसकी सूचना थाना कोतमा में प्राप्त होने पर अपराध दर्ज कर अनुसंधान किया गया।आरोपी द्वारा प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित पाने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी द्वारा जमानत आवेदन
में यह लिया था आधार
आरोपी द्वारा उक्त अपराध के सम्बन्ध में यह जमानत याचिका इस आधार पर प्रस्तुत कि थी कि वह स्थानीय निवासी है कहीं फरार नही होगा प्रकरण के निराकरण में समय लगने कि पूर्ण संभावना है वह घर के एकमात्र कर्ता धरता है वह जमानत मिलने पर न्यायालय की सभी शर्तो का पालन करेगा इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाए ।
अभियोजन ने इस आधार
पर किया था विरोध
उक्त सम्बन्ध में अभियोजन कि ओर से प्रस्तुत हुए विशेष लोक अभियोजन राजगौरव तिवारी द्वारा जमानत आवेदन पत्र का इस आधार पर विरोध किया गया कि अबोध व विक्षिप्त बालिका के साथ जघन्य प्रकृति का अपराध किया गया है। जिसके लिए विधायिका ने 12 वर्ष से कम उम्र कि बालिका के साथ बलात्संग को गंभीर अपराध मानते हुए न्यूनतम 20 वर्ष व अधिकतम आजीवन कारावास जो शेष प्राकृत जीवन काल का होगा की सजा का प्रावधान किया है।आरोपी को जमानत का लाभ दिए जाने पर वह साक्षी को प्रभावित कर सकता है व ऐसे गंभीर मामलो में जमानत दिए जाने पर समाज पर भी गलत सन्देश जाएगा।उभय पक्षों के तर्कों को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र स कि खारिज कर दिया।
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