(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय श्रीमान् जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णाकांत शर्मा के न्यायालय द्वारा आरोपी नारायण सिंह तिलगाम की जमानत याचिका निरस्त कर दी गई। आरोपी के विरूद्ध थाना कोतवाली में अप.क्र. 98/16 धारा 420, 464ए, 468, 471, 120 बी भादवि एवं म.प्र.निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम धारा 6(1) के विरूद्ध अपराध दर्ज है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से जमानत याचिका का विरोध जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरि द्वारा किया गया। मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने बताया कि आरोपी द्वारा फर्जी कम्पनी सांईराम रियलटेक कंपनी लिमिटेड कंपनी की ब्रांच अनूपपुर में खोलकर खुद को कंपनी का प्रोपाईटर एवं मुख्य एजेंट बताकर अनूपपुर जिले के ग्रामीण एवं शहरी लोगों को दुगुने-तिगुने ब्याज का लालच देकर कई लाख रूपयों का निवेश अपनी कंपनी में कराया तथा बाद में कंपनी बंद करके भाग गया।
आरोपी जमानत आवेदन
में यह लिया था आधार
आरोपी द्वारा उक्त अपराध के संबंध में यह जमानत याचिका इस आधार पर प्रस्तुत की गई थी कि उसको पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण में झूठा फंसाया गया है साथ ही उसके विरूद्ध प्रकरण के किसी भी साक्षी ने कोई कथन नहीं किया है, वह स्थानीय निवासी है कहीं फरार नहीं होगा वह जमानत मिलने पर
न्यायालय की सभी शर्तों का पालन करेगा।
अभियोजन के तर्क से
न्यायालय हुई सहमत
अभियोजन की ओर से श्री गिरि द्वारा जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया गया कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध विशेष श्रेणी का अपराध है उसके द्वारा कई लोगों को झूठा प्रलोभन देकर लाखों रूपयों का निवेश अपनी कंपनी में कराया गया है साथ ही प्रकरण के साक्षियों एवं प्रकरण के एक अन्यी आरोपी के कथनों में आरोपी द्वारा खुद को कंपनी का प्रोपाराईटर बताने एवं रूपयों का कंपनी में निवेश करवाने की बात स्पष्ट है यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो उसके फरार होने एवं प्रकरण के साक्ष्यों एवं संबंधित हितग्राहियों को प्रभावित करने की पूर्ण संभावना है जो न्यायहित में नहीं होगा। दोनो पक्षों को सुनने के पश्चाथत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी की द्वितीय जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।
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