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बिसाहूलाल के भाजपा में जाते ही कांग्रेस की राजनीति में आया नया भूचाल मैं और हम की राजनीति हुई प्रारंभ

                (हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) जिला मुख्यालय की राजनीति पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह के भाजपा में चले जाने और उपचुनाव की स्थिति निर्मित हो जाने के बाद कांग्रेस की राजनीति में एक नया भूचाल आ गया है। कभी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मात्र पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह के लिए समर्पित थे उन्हें कांग्रेस के अन्य दो विधायकों से कोई लेना-देना नहीं था।  जिसमें पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को एवं कोतमा विधायक सुनील सराफ प्रमुख थे । इसके पूर्व भी कोतमा में विधायक कांग्रेस के मनोज अग्रवाल होते थे उनसे भी जिला कांग्रेस का सदैव 36 का आंकड़ा रहा। लेकिन कांग्रेस की राजनीति एक नए मोड़ पर आकर खड़ी हो गई और वह भी ऐसे समय में जब अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने हैं। उसका कारण कांग्रेस के पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह का भारतीय जनता पार्टी में चले जाना। असमंजस की स्थिति उनके जाते ही निर्मित हो गई। 15 माह पूर्व चुनाव के समय कोतमा विधानसभा के सीटिंग एमएलए मनोज अग्रवाल की टिकट काटने से ही राजनीति का श्री गणेश प्रारंभ हो चुका था। एक किसान युवा नेता सिटिंग एमएलए की टिकट कटवाकर स्वयं टिकट ले आए वहीं से कोतमा के अंदर राजनीति रणनीति में बदल गई। वही भाजपा में भी राजनीति रणनीति में बदल गई थी जिससे कांग्रेस से टिकट प्राप्त विधायक को भाजपा का आंख बंद कर समर्थन मिल गया था। जिसका नतीजा था की पुनः विधायक की सीट में कांग्रेस का विधायक चुना गया। उम्मीदें कांग्रेस विधायक से काफी थी युवा नेतृत्व मिला था लेकिन धीरे-धीरे विधायक जी जनता की नजरों में खरे नहीं उतर पाए। जिससे गुटबाजी कांग्रेस के अंदर ही संक्रमण रूप ले ली। जिसका नतीजा अब कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह के भाजपा में चले जाने के बाद खुलकर सामने आ गई । कोतमा के दो जिलाध्यक्ष एक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन रफी अहमद एवं एक जिला युवा कांग्रेस गुड्डू चौहान जो कि कोतमा के पूर्व कांग्रेसी विधायक मनोज अग्रवाल के खासम खास थे उनको एक सोची-समझी रणनीति के तहत वर्तमान विधायक ने निशाना साधते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष के मार्फत निष्कासित करा दिया। यहीं से मैं और हम की राजनीति का उदय प्रारंभ हो गया। जिला कांग्रेस कमेटी ने भी जल्दबाजी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रस्ताव भेजकर निष्कासन की कार्यवाही करा डाली। जिसका असर देखने को यह मिला कि कांग्रेस में ही जमकर आक्रोश व्याप्त हो गया और आने वाले दिनों में यह आक्रोश आने वाले चुनावों में कांग्रेस की लुटिया डुबोने का कार्य करेगा। कांग्रेस के दोनों ही जिलाध्यक्ष ने अपने निष्कासन को षडयंत्र का हिस्सा बताया है और उन्होंने कहा कि उनका निष्कासन केवल राष्ट्रीय स्तर से ही सकता है। नोटिस मिलने के बाद नोटिस के जवाब के बाद।उन्होंने कहा कि वह पद पर बने रहेंगे और उनका निष्कासन भी प्रदेश कमेटी को रद्द करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि षड्यंत्रकारी कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाएगा उसका भी पर्दाफाश करेंगे ।
ज्ञातव्य हो कि दोनों ही युवा नेता 4 जून को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माननीय कमलनाथ जी के पास युवा नेता राजीव सिंह की उपचुनाव में अनूपपुर विधानसभा से दावेदारी के लिए उपस्थित थे। उसके बावजूद 4 जून को ही प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी अनूपपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के हवाले निष्कासन की कार्यवाही को अंजाम देते हैं। यह निश्चित ही जिले के अंदर युवा वर्ग के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी हुई जिसका नुकसान कांग्रेस पार्टी को युवा वर्ग दिला सकता है। लेकिन मैं और हम की राजनीति ने कोतमा क्षेत्र से जिले की राजनीति को समाप्त करने की कोशिश अपने हिसाब से की है। लेकिन भविष्य में वह उनके लिए ही नुकसानदेह साबित होगी। अनूपपुर जिला संगठन में पद अध्यक्ष सहित अन्य पद कहीं से भी भरे जा सकते हैं। लेकिन राजनीतिकार पद अपने खासम खास के पास चाहते हैं। पता चला है कि कोतमा के दोनों संगठन एनएसयूआई एवं युवा कांग्रेस वर्तमान विधायक की जगह वह पूर्व कांग्रेसी विधायक के खासम खास थे। जिन्हें बिसाहूलाल सिंह के पाला बदलने के बाद वर्तमान विधायक पचा नहीं पा रहे थे।  एन केन प्रकारेण वह मौका पाते ही दोनों जिला अध्यक्षों को निष्कासित कराने की कार्यवाही जिला कांग्रेस अध्यक्ष के मार्फत करा डाली। ज्ञातव्य हो कि हाल ही में 4 जून 2020 को जिला युवक कांग्रेस के महासचिव राजीव सिंह की दावेदारी के लिए दोनों ही संगठन के नेता माननीय कमलनाथ जी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं माननीय नर्मदा प्रसाद प्रजापति जी से मिलकर दावेदारी की फाइल प्रस्तुत की। सूत्र बताते हैं की इसकी जानकारी जब वर्तमान विधायक को लगी तो उन्होंने माननीय नर्मदा प्रसाद प्रजापति को यह बता दिया कि यह सभी बिसाहूलाल सिंह के आदमी है और पूर्व विधायक मनोज अग्रवाल के नेतृत्व में भोपाल गए हैं। जिस पर पूर्व मंत्री ने उनसे मिलने गए युवाओं से जानकारी चाही कि मनोज अग्रवाल कहां है तो युवाओं ने इंकार कर दिया और कहां की हम लोग किसी के साथ नहीं आए। हमारी युवाओं की अलग टीम आई थी और हम लोग वापस जा रहे हैं। यहीं से वर्तमान विधायक कोतमा के खिलाफ युवाओं में आक्रोश व्याप्त हो गया और उसके 2 दिन बाद निष्कासन की कार्यवाही से युवाओं में रोष व्याप्त हो गया। और कांग्रेस का तू-तू मैं-मैं सड़कों पर आ गया। उपचुनाव करीब है और इस समय कांग्रेस में, मैं और हम की राजनीति कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित होगी।

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