(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) शासकीय महाविद्यालय जैतहरी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में नेशनल लेवल ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें इस प्रतियोगिता में पूरे देश भर में के विभिन्न वर्ग के लोगों ने सहभागिता दर्ज कराई। जिससे यह प्रतियोगिता को अपार सफलता प्राप्त हुई। जिससे महाविद्यालय के साथ साथ जिले का भी नाम रोशन हुआ। जब इस बात की जानकारी कलेक्टर अनूपपुर चंद्रमोहन ठाकुर को दी गई तो उन्होंने जैतहरी महाविद्यालय परिवार को बधाई दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.आर.एस. वाटे के प्रयास से महाविद्यालय में 5 जून विश्व पर्यावरण के अवसर पर ऑनलाइन नेशनल लेवल क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमे देश भर के विभिन्न महाविद्यालयों तथा अन्य वर्गों के 500 लोगों ने भाग लिया और सफलता अर्जित की । विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जैतहरी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर आर. एस. वाटे ने कहां की हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जिसका खास मकसद है पर्यावरण की हिफाजत करना। दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है । विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन 1972 में हुई। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। स्वीडन में 1972 में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया। कहावत है कि अगर आप प्रकृति से प्यार करेंगे तो प्रकृति अपने अनंत संसाधनों से आपकी रक्षा करेगी। लेकिन आधुनिक युग में हमने प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है। धरती का सीना चीर कर उसके संसाधनों का गलत तरीके से दोहन किया जा रहा है। इसके अलावा, हमें जीवन देने वाले पेड़-पौधों को हमने अपनी सुविधाओं के लिए नष्ट किया है।
पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है, जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता है। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। प्रकृति की रक्षा के लिए दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों की चुनौतियों से निपटने के लिए हर साल संयुक्त राष्ट्र में मंथन होता है। विश्व पर्यावरण दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमें अपनी प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। पेड़-पौधों को अपनी सुख सुविधाओं के लिए नष्ट नहीं करना चाहिए, बल्कि पेड़-पौधे ज्यादा से ज्यादा लगने चाहिए। ताकि हमारी धरती हरी-भरी रहे। प्रतियोगिता में 75% से अधिक अंक हासिल करने वाले प्रतिभागियों को महाविद्यालय की ओर से ई सर्टिफिकेट दिया गया है। इस आयोजन से जिलेभर में खुशी की लहर है विभिन्न वर्गों ने महाविद्यालय प्राचार्य को इस आयोजन के लिए बधाइयां प्रेषित की है।
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