(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) लेखक एवं विचारक चैतन्य मिश्रा ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण दुनिया के सामने चुनौती है। इस चुनौती से सबसे शक्तिशाली होने का दावा करने वाला अमेरिका भी बच नहीं सका है। वुहान से उपजा कोरोना का जिन्न पूरी दुनिया में जा पहुंचा है। हमारे देश में हम 21 दिनों के लॉकडाउन से गुजर रहे हैं और हम यह भी समझते हैं कि आज की परिस्थिति में, जहां इसके लिए कोई वैक्सीनेशन नहीं है, जहां इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, वहां इसके संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है। पहले एक दिन और बाद में 21 दिन का लॉकडाउन शायद डब्ल्यूएचओ के एक प्लान के तहत किया गया है देश में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 7 हजार 608 हो गई, प्रदेश में 483 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, इसमें से 40 की मौत हो गई है। पिछले दिनों में जिस तरह से मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है, उसे देखकर भोपाल और इंदौर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका बढ़ गई है।कोरोना संक्रमण के मामले में हमारा प्रदेश तीसरे नंबर पर है वही शहडोल संभाग की बात करे तो सीमा लॉक होने से संक्रमित मामलो में कमी देखीं गई है ,शासन प्रशासन दवारा किये गए प्रयासों से अब तक अच्छे परिणाम देखने को मिले है ,लेकिन लॉक डाउन के समय शहडोल संभाग के प्राइवेट उद्योगों की एक विशेष आदेश के तहत मिली सशर्त छूट से कही ये हालत उलटे न पड़ जायें क्योकि शहडोल और अनूपपुर सीमा में स्थित पेपर उद्योग और कास्टिक सोडा यूनिट को बिगत दिनों चालू कर दिया गया है और बहरी राज्यों से वाहनों का आवागमन वे रोकटोक चालू हो गया है ऐसी में कोई भी संक्रमित वाहन चालक परिचालक यहाँ संक्रमण फैला दे कहा नहीं जा सकता और जरा सी लापरवाही शहडोल संभाग को कोरोना संक्रमण के मुहाने पर डाल सकती है और कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में नया केंद्र बना सकती है एवं लगातार शासन प्रशासन द्वारा किये जा रही दिन रात की मेहनत में पानी फिर सकता है।जिला प्रशासन के इस आदेश से आस पास के समस्त ग्रामीण दहसत में है,ओर दवी जुबान में यह बोलते है कि जहाँ एक तरफ देश के समस्त उद्योग धंधे बंद करा दिये गए हैं वहीं आखिर ऐसी कौन सी एमरजेंसी आन पड़ी थी , इन उद्योगों को चालू करे बिना कोई कार्य रूका हुआ है।
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