(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)
वन विभाग द्वारा आयोजित बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम आप सब लोगों को यह अनुभूति दिलाने
के लिए रखा गया है कि आज लगातार पर्यावरण खराब हो रहा है जंगल कट रहे हैं वन्य प्राणी
धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं इन्हें कैसे बचाना है यह अनुभूति आप सबको कराने के लिए अनुभूति
एवं जागरूकता शिविर का आयोजन वन विभाग द्वारा किया गया है। उक्त आशय के सारगर्भित विचार
विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के विधायक पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने ग्राम बम्हनी में
शालेय विद्यार्थियों को वन वन्य प्राणी संबंधी अनुभूति एवं जागरूकता शिविर में मुख्य
अतिथि की आसंदी से व्यक्त करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि एक जमाना था यहां से भोलगढ़
के पास नाले के पास एक चबूतरा बना है वहां लिखा हुआ है यहां शेर का शिकार किया गया
था। उसके प्रतीक में चबूतरा बना हुआ है। सरगुजा से जुड़ी मोहदरा पहाड़ से लेकर अमरकंटक
तक जंगल ही जंगल था और बीच-बीच में गांव थे उस गांव में शेर भी रहते थे लेकिन धीरे-धीरे
क्या कारण है कि जंगल पूरी तरह से खत्म हो गए। इसे कैसे बचाना है इसके लिए यह कार्यक्रम
आयोजित है। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी भालू, लकड़बग्घा, तमाम जानवर पहले नजर आते थे
आज तो सिका भी नहीं मिलता। 8 से 10 वर्ष पहले जंगलों में काफी जानवर देखे जाते थे लेकिन
अब जंगली जानवर भी नष्ट हो रहे हैं। पहले कर्नाटक में सबसे अधिक शेर होते थे लेकिन
इस वर्ष मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा शेर है। हम सबका दायित्व है कि पेड़ पौधों को काटने
से रोकें। उन्होंने कहा कि जंगलों को बचाना होगा इसकी अनुभूति के लिए यह कार्यक्रम
आयोजित किया गया है। उन्होंने उपस्थित बच्चों को कहा कि आप लोगों को मैं नि.शुल्क बांधवगढ़
भेज कर वहां का जंगल दिखाऊंगा वाह के जंगल में किस तरह से जानवर हैं उसे सभी बच्चे
देखें। जिन भी बच्चों को बांधवगढ़ जाना है वह अपना नाम लिखवा दें। एक दोे बस जो भी लगेगी
वह भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले शहडोल जिला एक था एक डी.एफ.ओ. होता था उसके
बाद उत्तर दक्षिण दो हुए फिर धीरे-धीरे अब अनूपपुर में भी डी.एफ.ओ बैठने लग गए। अधिकारी
कर्मचारी बढ़ गए लेकिन जानवरों की संख्या धीरे-धीरे कम हो गई। अब सिका भी नजर नहीं आता।
इनको बचाने के लिए जागरूकता जरूरी है। गांव वालों को बताना होगा जंगल को कटने से रोके।
पहले चार-पांच गांव में एक फॉरेस्ट गार्ड होता था वह जब दूसरे गांव में जाए तो पहले
गांव के जंगल कट जाते थे। जंगल को बचाना होगा पर्यावरण दूषित होने के कारण बेमौसम वर्षा
हो रही है। पर्यावरण को बचाना सबके लिए जरूरी है। जगलों को काटने से बचाना होगा जानवरों
की सुरक्षा करना होगा। आज जंगल बचा ही नहीं पहले घनघोर जंगल था जंगल रहेगा तभी पानी
मिलेगा। आज बड़ी बड़ी नदियां सोन, तिपान कई नदी गर्मी में सूख जाती है उसका कारण है कि
पर्यावरण काफी खराब हो चुका है। आज वन विभाग द्वारा जो संगोष्ठी का आयोजन किया गया
है यह जागरूकता के लिए रखा गया है। उन्होंने वन्य प्राणी का संरक्षण जंगल बचाने की
अपील सभी से की और कहा कि सभी बच्चे अपनी लिस्ट दे दे उनको बांधवगढ़ ले जाकर जंगल दिखाया
जाएगा और जंगली जानवरों को दिखाया जाएगा। इसके लिए रविवार का दिन निर्धारित कर ले।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिला कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, कार्यवाहक
अध्यक्ष सिद्धार्थ शिव सिंह, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता संतोष अग्रवाल एडवोकेट, भगवती शुक्ला,
उदय प्रताप सिंह, वासुदेव चटर्जी एडवोकेट, राकेश गुप्ता, सुनील दुबे, सुनील पटेल आदि
कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
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