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विभिन्न जन संगठनों ने साध्वी बुधरामदास को दिया समर्थन कलेक्टर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

                  (हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)। विभिन्न जन संगठनों ने कलेक्टर अनूपपुर एवं मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन के नाम ज्ञापन सौंपा है और अपने इंसाफ के लिए अनशन पर बैठी साध्वी
बुधरामदास बुधिया को न्याय दिलाने की मांग की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर आचार्य लक्ष्मणदास बालयोगी ने कलेक्टर के नाम पत्र देकर निवेदन किया है कि साध्वी को न्याय दिलाया जाए। विभिन्न जन संगठनों द्वारा एवं महामंडलेश्वर आचार्य बालयोगी लक्ष्मणदास द्वारा सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि काली मंदिर चवन गुफा आश्रम कपिला संगम से जबरजस्ती कब्जा कर रह रहे रामराजेश्वर आचार्य माउली सरकार को बेदखल किया जाए । इसके संबंध में साध्वी बुधरामदास द्वारा पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को 27/09 /2019 को प्रार्थना पत्र दिया गया था एवं 19 /09/2019 को पुष्पराजगढ़ एसडीएम और तहसीलदार को भी आवेदन पत्र दिया गया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण अमरकंटक स्थित च्यवन गुफा आश्रम पर किए गए अवैध कब्जा को हटाए जाने की मांग को लेकर महिला साधू बुधरामदास बुधिया इधर-उधर भटकती रही और न्याय न मिलने के कारण उसने 25 नवम्बर को जिला चिकित्सालय के
सामने न्याय की फरियाद को लेकर क्रमिक अनशन प्रारंभ कर दी। जिसको अनूपपुर जिले के विभिन्न संगठनों ने जन समर्थन दिया है। जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कांग्रेश, भारतीय महिला फेडरेशन ,किसान एकता संघ के साथ आम नागरिकों ने भी जन समर्थन दिया है। आचार्य लक्ष्मणदास बाल योगी ने कलेक्टर अनूपपुर को दिए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि साध्वी बुधराम दास उर्फ बुधिया को वे 35 वर्षों से जानते हैं वह हमारे 13 भाई त्यागी परिवार के संत राम लखनदास जी दीक्षा लेकर चवन गुफा आश्रम काली मंदिर कपिला संगम स्थित आश्रम में उनके साथ रहती थी। त्यागी रामलखन दास से मतभेद के कारण साध्वी बुधराम 10 -12 वर्षों से गुरु स्थान छोड़कर इधर-उधर रह कर अपना जीवन यापन करती थी। स्वर्गीय त्यागी रामलखन दास ने ब्रह्मलीन होने के दो महीने पहले बुधियाबाई को अधिकार पत्र लिख दिया था। क्योंकि बर्फानी आश्रम फलाहारी आश्रम एवं त्यागी रामलखन दास तीनों ही रामानंद संप्रदाय के दिगंबर अखाड़ा अंतर्गत 13 भाई त्यागी परिवार से संबंधित है। इसलिए फलाहारी आश्रम के व्यवस्थापक पुजारी राघवदास एवं हमारे समक्ष अधिकार पत्र लिखा था। लेकिन गुजरात चुनाव के चक्कर में, मैं गुजरात में था और त्यागी राम लखन दास ब्रह्मलीन हो गए थे जिसकी जानकारी हमको मिली थी तो हमारे कल्याण आश्रम में रह रहे
अखाड़े के साधु के हाथ उनका अंतिम संस्कार करवाया गया था। हमारी गैर हाजिरी में ही स्वर्गीय रामलखन दास जी की 13 वी भंडारा अमरकंटक में कुछ संतो भक्तों ने मिलकर करवाया था और उस समय त्यागी रामलखन दास के आश्रम में काम करने वाली महिला राधाबाई को आश्रम की व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन राधाबाई की मृत्यु के बाद इस आश्रम पर रामराजेश्वर आचार्य ने कब्जा कर लिया। जबकि राधाबाई की मृत्यु के बाद स्वर्गीय त्यागी राम लखन दास की प्रथम शिष्य साध्वी बुधरामदास बुधिया बाई को आश्रम की देखरेख का अधिकार मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राम राजेश्वर आचार्य भाजपा समर्थक हैं उन्होंने भाजपा शासनकाल में अपना प्रभाव बनाकर अमरकंटक के काली मंदिर चवन गुफा आश्रम कपिला संगम को हड़पने का प्लान तैयार कर अपना कब्जा जमा लिया। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि स्वर्गीय रामलखन दास कि प्रथम शिष्य बुधराम दास को न्याय दिलाया जाए।

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