(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)। अपने इंसाफ के लिए अनशन पर बैठी साध्वी बुधराम दास बुधिया को आठवे दिन भी व्यापक जनसमर्थन मिलता नजर आया। ज्ञातव्य हो कि अमरकंटक स्थित च्यवन गुफा आश्रम पर किए गए अवैध कब्जा को हटाए जाने की मांग को लेकर महिला साधू बुधरामदास बुधिया इधर-उधर भटकती रही और न्याय न मिलने के कारण उसने 25 नवम्बर को जिला चिकित्सालय के सामने न्याय की फरियाद को लेकर क्रमिक अनशन प्रारंभ कर दिया। अनशन के प्रारंभ में म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पिछड़वर्ग प्रदेश उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर लक्ष्मणदास बालयोगी ने अनशन कारियों का माल्यार्पण कर कहा की हताश-निराश बुधरामदास बुधिया के सहयोग मांगने एवं अन्याय के खिलाफ लडऩे का अनुरोध करने पर हमने बुधिया बाई को न्याय दिलाने के लिए गांधी के रास्ते पर चलकर क्रमिक अनशन को पूर्ण सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि साध्वी बुधरामदास पिछड़ा वर्ग की है और अभी हाल ही में पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष माननीय राजमणि पटेल जी के अमरकंटक आगमन पर साध्वी बुधरामदास ने उनसे मुलाकात कर न्याय की मांग की थी। वहीं पर अपनी पूरी व्यथा सुनाई। महामंडलेश्वर बालयोगी लक्ष्मण दास ने कहा कि कि वह साधु के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग के प्रदेश उपाध्यक्ष है इस नाते हमने पिछड़े वर्ग की पीड़ित साध्वी बुधरामदास को अपना समर्थन दिया है और जब तक यह समर्थन जारी रहेगा जब तक कपिला संगम आश्रम में साध्वी को स्थान नहीं मिल जाता। ज्ञातव्य हो कि अमरकंटक में साध्वी बुधराम के गुरू रामलखनदास ने च्यवन गुफा कपिला संगम में रहकर वहां आश्रम बनवाया एवं काली मंदिर की स्थापना की। इनके गुरू रामलखनदास के ब्रम्हलीन होने के बाद महाराष्ट्र अमरावती से वर्ष 2003-04 राजेश्वर आचार्य मावली सरकार आकर अमरकंटक में रहते थे और साध्वी बुधराम दास के गुरु के ब्रह्मलीन होने के बाद साधवी बुधरामदास के कब्जे से उक्त उक्त आश्रम को अवैध रूप से कब्जा कर लिया। जिसके लिए न्याय की गुहार साध्वी लगाती रही लेकिन उसकी सुनवाई कहीं नहीं होने से उसे अनशन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। बुधरामदास के अनशन में तमाम समर्थकों ने आठवे दिन भी अपना समर्थन प्रदत्त किया है। ग्राम पंचायत भमरहा के ग्राम वासियों ने बताया कि बुधरामदास 30- 35 वर्षों से अमरकंटक के काली मंदिर चवन गुफा आश्रम में त्यागी राम लखनदास जी की शिष्य के रूप में रहती थी और कभी कभी ग्राम पंचायत भमरहां मैं आकर अपने शिष्यों के पास रहती थी लेकिन देखा जा रहा है कि तमाम पत्राचार के बाद भी प्रशासन ने उसकी सुध नहीं ली लेकिन मिल रहे व्यापक जनसमर्थन ने अनशन को बल देने का काम किया है पता चला है अगर अभी प्रशासन ने सुध नहीं ली तो अनशन अनवरत जारी रहेगा और भोपाल में मुख्यमंत्री के पास जाकर न्याय की गुहार लगाई जाएगी l
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