Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

नर्मदा संरक्षण के मुद्दे पर विधायकों की चुप्पी संदेह के घेरे में अमरकंटक मे कराए गये कार्यों की गुणवत्ता जांच जरुरी


                          (हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) म.प्र. की पवित्र नगरी अमरकंटक में नर्मदा उद्गम मन्दिर तथा नगर के समग्र विकास के लिये नर्मदा उद्गम मन्दिर न्यास , अमरकंटक विकास प्राधिकरण तथा नगर पंचायत कार्यरत है। पिछले दस वर्षों में यहाँ विकास के बहुत से उपयोगी ,अनुपयोगी कार्य करवाए गये। जिसके लिये शासन , जिला प्रशासन द्वारा यहाँ करोड़ो रुपये व्यय किये गये। उद्गम कुण्ड तथा नर्मदा नदी के दोनो ओर एनजीटी की गाईड लाईन के विपरीत आज भी धडल्ले से पक्के निर्माण किये जा रहे हैं। अंधाधुंध कंक्रीट के निर्माण एवं आसपास के वृक्षों की बेतरतीब कटाई के चलते 2019 की गर्मी में यहाँ पहली बार तापमान कई डिग्री बढ गया। विभिन्न वार्डों मे जल स्रोत सूख गये, नर्मदा उद्गम कुण्ड का जल स्तर कई फुट नीचे चला गया। कपिलधारा पहुंचते पहुंचते नर्मदा की जलधारा बिल्कुल सूख गयी। गांधीकुण्ड, रामघाट, पुष्कर डैम सहित अन्य बांधों मे जल स्तर बुरी तरह सिकुड गया। जल संकट गहराने के बावजूद बडे बडे पंप लगाकर बिना अनुमति बांधों से पक्के निर्माण के लिये लाखों लीटर पानी ले जाया गया। पत्रकारों ,समाजसेवियों द्वारा निरंतर ध्यानाकर्षण , सूचना देने के बावजूद जल माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी। स्थानीय लोगों ने उठाया बीडा
जल संकट गहराने ,नर्मदा उद्गम स्थल पर ही नदी के सूख जाने से सवाल उठ खडा हुआ कि जब नर्मदा मे जल ही नहीं बचा तो पूजा किसकी व कैसे ? यह चिंता का विषय था जिसपर जिला प्रशासन , नगर पंचायत , नर्मदा उद्गम मन्दिर न्यास को समय रहते चेत जाना चाहिए था। प्रशासन से बार बार गोहार लगाई गयी लेकिन कोई ठोस कदम नही उठाए गये। तब कल्याण आश्रम के संत हिमाद्री मुनी, मृत्युंजय आश्रम के समाजसेवी योगेश जी महाराज, नगरपंचायत अध्यक्ष प्रभा पनाडिया, उपाध्यक्ष रामगोपाल द्विवेदी, पार्षद अंजना कटारे ,उप यंत्री बृजेश पाण्डेय के साथ अन्य लोगों ने बैठक आयोजित की। इसके बाद पन्द्रह दिन से अधिक लोगों ने श्रमदान करके जल संरक्षण के लिये सराहनीय प्रयास किया। लेकिन इस कार्य मे प्रशासन ने कोई मदद नही की।
जन प्रतिनिधियों का मौन संदेह के घेरे में 
कहने को तो अनूपपुर जिले मे सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह , पुष्पराजगढ विधायक फुन्देलाल सिंह,
अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह, कोतमा विधायक सुनील सराफ के साथ अन्य जनप्रतिनिधि तथा डिण्डोरी मे म प्र सरकार के मंत्री ओमकार सिंह निवास करते है। इन सभी ने वक्त बेवक्त नर्मदा मैया से आशीर्वाद भी लिया। लेकिन जब नर्मदा संरक्षण के लिये इनसे सक्रियता की अपेक्षा थी तो एक भी जनप्रतिनिधि सामने नही आया। विधायकों की निष्क्रियता से सवाल उठे कि क्या विकास का मक्खन इनके भी मुंह लगा है ? वरना क्या कारण है कि लंबे समय से जमे नगर पंचायत के कर्मचारियों की भर्रेशाही पर ना तो इनका ध्यान जाता, ना ही यहाँ व्यय की गयी करोड़ो रुपयों बावत विधानसभा में आवाज ही उठाते हैं ?
विधानसभा में करें सवाल
जनता जानना चाहती है कि क्या अनूपपुर ,डिण्डोरी, शहडोल, उमरिया जिलों मे निवासरत किसी विधायक मे इतनी कर्तव्यनिष्ठा बची है कि वह अमरकंटक- नर्मदा विकास। संरक्षण पर विभिन्न मदों से अनाप - शनाप व्यय की गये करोड़ो रुपयों का हिसाब मांग सके ? क्या वो यह पूछेगें कि एक ही नगर पंचायत मे स्थानान्तरण के बावजूद कर्मचारी क्यों जमे हुए हैं ? क्या कराये गये गुणवत्ता विहीन कार्यों की तकनीकी $ प्रशासनिक जांच कभी होगी ? नर्मदा उद्गम कुण्ड के गर्मियों मे सूखने के कारणों पर विचार कर क्या कोई ठोस योजना पर कार्य होगा ? नर्मदा उद्गम स्थल पर मल मूत्र कब तक नदी मे गिरता रहेगा ? एनजीटी के नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा ? ये ऐसे सवाल हैं कि जिनके जवाब दिया जाना चाहिए।
विधायक उठाएं आवाज
जिले के तीनों विधायकों से जनापेक्षा है कि नर्मदा संरक्षण को लेकर अमरकंटक से जुडे सभी सवालों का जवाब विधानसभा के माध्यम से लें। जनप्रतिनिधियों, प्रशासन तथा जनसहभागिता के समन्वित प्रयास ही अमरकंटक मे श्रद्धालुओं ,पर्यटकों की सुविधाओं में विस्तार तथा नर्मदा संरक्षण को गति दे पाएगा।

Post a Comment

0 Comments