Anchadhara

अंचलधारा
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वैष्णव शर्मा की कलम से शासकीय सेवकों का "चुनावी अग्नि परीक्षा" शीर्षक कविता-

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
नूपपुर (अंचलधारा)
चुनाव तो हमें कराना है
इस कर्तव्य को निभाना है
बोझ इसे न समझना है
टीम वर्क करके चलना है
कार्य विभाजन करना है
क्षमतानुसार काम देना है
स्वयं को निष्पक्ष रखना है
स्वयं निष्पक्ष दिखना भी है
लोकतंत्र जीवंत करना है
निर्वाचन सटीक कराना है
मतदाता जागरुक करना है
मतदान हेतु प्रेरित करना है
क्योंकि
चुनाव तो हमें कराना  है।
सतर्क हो आगे बढना  है
समस्त पक्षों को समझाना है
प्रावधानों का पालन कराना है
जन भागीदारी तय कराना है
राष्ट्र निर्माण को गति देना है
दुर्भावना का त्याग करना है
सद्भावना को अपनाना है
बहकावे मे कभी न आना है
प्रलोभन हरदम दुर भगाना है
क्योंकि
चुनाव को सफल बनाना  है
कर्तव्य रथ रथी बनना है
दलगत भाव से उपर उठना है
चुनावी निर्देशों को भजना है
राष्ट्र हित सर्वोपरी समझना है
जनतंत्र को मजबुत करना है
जीओ और जीने देना भी है
राष्ट्रीय एकता बढाना भी है
क्योंकि
चुनाव निर्विघ्न कराना ही  है
कर्तव्य पथ पर बढना ही है
मुस्कुराते हुए काम करना  है
सहर्ष चुनौती स्वीकारना है
दुघारी तलवार पर चलना है
संतुलन बनाकर चलना है
संहितानुसार आचार करना है
और पालन करवाना भी है
क्योंकि
चुनावी महापर्व हमें मनाना ही है
कर्तव्य बलिवेदी पर चढना ही है
चुनाव को तो सफल बनाना ही है
चुनाव को  सम्मपन्न कराना ही है

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