(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन में आए दिन रेलवे द्वारा अपरिहार्य
परिचालन कारणों से विभिन्न दिवसों पर सवारी एवं एक्सप्रेस गाड़ियों का परिचालन प्रभावित
कर दिया जाता है जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है छोटे छोटे स्टेशनों पर जाने
वाले यात्री बहुत ज्यादा परेशान होते हैं। जबकि उसी रूट पर माल गाड़ियों का परिचालन
दिन रात बराबर चलता रहता है जिससे रेलवे को कोई तकलीफ नहीं होती मात्र यात्री गाड़ियों
को आए दिन डिस्टर्ब किया जाता है इसके लिए अब जरूरी हो गया है इस रेलवे लाइन के सभी
स्टेशनों के यात्री मिलकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कराएं और आए दिन यात्री ट्रेनों
से खिलवाड़ करने वालों को हाई कोर्ट तक ले जाएं और वहां माल गाड़ियों के दिन रात परिचालन
का हवाला देकर बिलासपुर जोन एवं बिलासपुर रेल मंडल के अधिकारियों को जगाने का काम करें।
इसके लिए यात्रियों को जागना होगा तभी कोई सफलता हाथ लगेगी। रेलवे केबल कोयला ढुलाई
में मस्त है उसे यात्रियों की परेशानी से कोई लेना देना नहीं देखा जा सकता है की विभिन्न
ट्रेनों में स्कूली छात्र-छात्राएं, डेली अप डाउन वाले इसके अलावा विभिन्न स्टेशनों
पर ट्रेनों का कनेक्शन पकड़ने वाले यात्री काफी परेशान होते हैं। लेकिन रेलवे को इसकी
चिंता नहीं है देखा जा रहा है कि डबल माल गाड़ियां दो दो इंजन लगाकर धड़धड़ा कर रेलवे
लाइन में दौड़ती रहती हैं इसके लिए रेलवे द्वारा किए गए कार्यों में कोई परेशानी नहीं
होती तो फिर यात्री ट्रेनों में परेशानी क्यों होती है। देखा जाता है की अंबिकापुर
से शहडोल चलने वाली ट्रेन को हफ्ते में दो दिन अनूपपुर में समाप्त कर दिया जाता है
जबकि उस रेल लाइन में रेलवे का कोई काम नहीं चलता है। माल गाड़ियां बराबर चलती रहती
हैं इसी तरह अभी रेलवे ने नया फरमान जारी कर बिलासपुर से कटनी चलने वाली मेमू ट्रेन
को सप्ताह में 2 दिन अप्रैल से जून तक शहडोल में समाप्त करने का निर्णय लिया है जो
किसी भी रूप में न्याय संगत नहीं है। यात्रियों की परेशानी को जानबूझकर रेलवे बढ़ा रहा
है अब जरूरी है की एक संयुक्त मोर्चा बनाकर रेलवे के खिलाफ हाई कोर्ट जाकर याचिका दायर
करें और रेलवे से सवाल जवाब करें की यात्री ट्रेनें बंद कर माल गाड़ियों को क्यों चलाया
जाता है। जब ही रेलवे की आँखें खुलेगी गरीब यात्री बेचारा दिन भर यात्री ट्रेन के इंतजार
में बैठा रहता है उसके पास इतने रुपए नहीं होते कि वह बस से यात्रा कर सके। रेलवे के
एयर कंडीशनर में बैठने वाले अधिकारियों को अपने यात्रियों की तनिक भी चिंता नहीं है
जिसका दुष्परिणाम है की यात्री परेशान हो रहा है रेलवे केबल माल गाड़ियों से कमाई करना
चाहती है उन्हें यात्रियों की कमाई से कोई लेना देना नहीं। अच्छा हो एयर कंडीशन में
बैठने वाले अधिकारी रेलवे स्टेशनों को यात्रियों के लिए बंद कर दें और केवल माल गाड़ियों
से कमाई करें। बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन के यात्रियों से अपेक्षा है की अब वे जाग जाएं
और एक बार हाई कोर्ट चलकर याचिका दायर कर रेलवे से सवाल जवाब ले तो निश्चित ही यात्री
सेवाएं पूरी तरह बहाल हो जाएंगी।
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