Anchadhara

अंचलधारा
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मेरे पास शिवराज सिंह चौहान हैं संवेदना,विनम्रता, सुलभता की ऐसी मिसाल कहां ?

                     (सकारात्मक विचार -- मनोज द्विवेदी, कोतमा)
अनूपपुर (अंचलधारा) २०१८ विधानसभा चुनाव की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी ,कांग्रेस,बसपा,गोंगपा सहित जब अन्य सभी पार्टियां जब जुट चुकी हैं तो जाहिर है कि सभी दलों के लोग राजनीति ही करेंगे ,घास नहीं छीलेगें । संगठन की मजबूती के प्रयास होंगे, कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाएगा, मतदाताओं को लुभाने,खुश करने की तमाम कोशिश होगी। ऐसा लगभग हर चुनाव मे होता है ,अब भी हो रहा है,आईंदा भी होता रहेगा। सरकार बनाने के लिये,सत्ता मे काबिज होने के लिये विकास के दावे होंगे, जाति -- धर्म के पांसे फेके जाएगें , मतलब निकालने के लिये घोडों के साथ गधों -- खच्चरों को अपना बाप बनाया ,बताया जाएगा। ऐसा अब तक होता रहा है ,होता रहा होगा। समय बदला है,लोगों की आवश्यकताएं,मानसिकता बदल रही है। अब न तो गरीबी हटाओ के नारे के नाम पर लोगों को बहलाया जा सकता है,न ही सडक- बिजली - पानी ही मात्र लोगों की मूलभूत आवश्यकता रह गयी है।
विगत कुछ वर्षों मे म प्र में शिवराज सिंह चॊहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास के साथ आम जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की दिशा मे कार्य किया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास, बिजली,खेती सबमे गुणात्मक सुधार हुआ है। आजीविका मिशन , जन अभियान परिषद स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को ,लोगों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। अब लोग सरकार से नाराज नही हैं, निरन्तर सत्ता मे भाजपा मे होने के बावजूद स्थायित्व होने के बाद भी नकारात्मक परिवर्तन की चाह जनता मे नही अपितु कांग्रेस में एवं उससे जुडे कुछ असंतुष्ट लोगों मे जरुर है। जो दल समय के अनुरुप स्वयं को नही ढालता वह कांग्रेस ,बसपा,सपा,कम्युनिस्ट पार्टी बन जाता है। 
बहरहाल १ अगस्त ,बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन आशीर्वाद यात्रा के लिये कोतमा आए । मंचीय आयोजन के पश्चात वे ग्राम देवगंवा पहुंचे ,जहां उन्होंने लोगों को संबोधित किया। यहाँ से वे केशवाही,शहडोल के लिये रवाना हो गये। देवगंवा जन आशीर्वाद प्रभारी व कोतमा के पूर्व मण्डी अध्यक्ष विनोद सराफ (४२)ने  कार्यक्रम समाप्त होने के बाद घबराहट के बाद , लोग कुछ समझ पाते , सहायता कर पाते इससे पहले ही ह्रदयाघात के शिकार हो गये। उनकी दुखद मौत की सूचना क्षेत्र मे जंगल मे आग की तरह फैल गयी। लोग स्तब्ध ,शोक संतप्त हो गये। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रात्रि मे किसी वक्त इसकी जानकारी दी गयी तो उन्होंने तत्काल आधी रात को प्रदेश महामंत्री वी डी शर्मा व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को विनोद सराफ के घर कोतमा भेज दिया। वे दोनो शोक संतप्त परिवार से रात्रि मे ही मिले,उन्हे ढांढस दिया।
२ अगस्त की सुबह शहडोल के सभी कार्यक्रम निरस्त कर मुख्यमंत्री श्री चॊहान ,श्रीमती साधना सिंह,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के साथ कोतमा वापस गये। वे स्व सराफ की धर्मपत्नी, बच्चों,उनके परिवार से मिलकर श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि सभी दुखी परिवार के साथ हैं।
एक कार्यकर्ता के आकस्मिक निधन उपरांत मुख्यमंत्री श्री चॊहान का सपत्नीक उसके घर जाना उनकी संवेदनशीलता, सरलता व कार्यकर्ताओं के प्रति अगाध स्नेह ,कार्यकर्ताओं के प्रति उनकी चिंता को रेखांकित करता है। ईश्वर न करे कि किसी कार्यकर्ता को इसकी जरुरत पडे लेकिन आपदा अचानक बिना बतलाए आती है। ऐसे मे सरकार के मुखिया का ,संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियो का साथ आ खडा होना हम जैसे आम कार्यकर्ता को बडा संबल देता है। दो अगस्त की घटना मुझ जैसे भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं का मनोबल बढाने के लिये संजीवनी का कार्य करेगा। अनुज विनोद सराफ की दुखद मॊत से हम सभी विचलित हैं, बहुत दुखी हैं, चिन्तित हैं। लेकिन श्री चॊहान का इस असीम दुख मे कार्यकर्ता के परिवार के साथ खडा होना हमारे मन मे यह विश्वास जगाता है कि भाजपा से जुड कर,उस पर भरोसा कर प्रदेश की जनता ने कोई गलती नहीं की। मुझ जैसा आम कार्यकर्ता आश्वस्त है कि उसके पास उसका लाडला अभिभावक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है। यही हमे अन्य दलों से अलग बनाती है। यही जनता का हम पर भरोसा बनाए रखने का बडा कारण भी है।
अपनी लेखनी,अपनी भावनाओं से हम सभी स्व विनोद सराफ को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ॐ शान्ति:

                                                                  जिला ब्यूरो /हिमांशु बियानी

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