अमरकटंक (अचंलधारा) विभिन्न प्रदेशों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों
की संयुक्त प्रस्तुतियों की कड़ी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय
और रांची कालेज, छत्तीसगढ़ के छात्र कलाकारों ने दोनों प्रदेशों की संयुक्त सांस्कृतिक
प्रस्तुतियां दी। दोनों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों में विश्वविद्यालय
के अन्य छात्र भी रंगे हुए दिखे।
कार्यक्रम में छात्रों की नाट्य प्रस्तुति आवाज को सर्वाधिक सराहना
मिली। अंग्रेजों की गुलामी हुकुमत और जमींदारों के अत्याचारों के खिलाफ उठाई गई टंट्या
भील की आवाज को पूरे मार्मिक अंदाज में छात्रों ने दर्शकों के सम्मुख प्रस्तुत किया
जिसे शिक्षकों और छात्रों ने संजीदगी के साथ आत्मसात किया।
आईजीएनटीयू में नाट्य प्रस्तुति देते रांची कालेज, छत्तीसगढ़ के छात्र
छात्रों का कर्म नृत्य भी काफी सराहा गया। इसमें डॉ. अभय सागर मिंज
के निर्देशन में रीता कुमारी, रीना कुमारी मुंडा, अनीता कुमारी, लक्ष्मी संगा, अन्ना
कुजूर, ईशा टिग्गा, बीना कुमारी, कार्तिक ओरन ने प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने छात्रों की
प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्हें जनजातीय संस्कृति का व्यापक प्रचार-प्रसार
करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. किशोर गायकवाड़, प्रो. भूमि
नाथ त्रिपाठी, डॉ. आर.एस. राव, पलाश के संयोजक डॉ. संतोष सोनकर सहित बड़ी संख्या में
शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया।
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