(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में आयोजित 72वें गणतंत्र दिवस समारोह में कुलपति श्रीयुत प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने देश के संविधान, मूल्यों, मान्यताओं परंपरा एवं संस्कृति में निष्ठा व्यक्त करते हुए ’जननी जन्मभूमिस्च स्वर्गादपि गरीयसी’ के उद्घोष के साथ अपनी बात प्रारंभ की।
इस अवसर पर उन्होंने सभी को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन गौरव दिवस है। इस गौरव
दिवस के दिन हम उमंग उत्साह एवं आल्हद से परिपूर्ण होते हैं। आज के दिन हम हमारे गौरव पुरुषों को नमन करते हैं जिनके कारण हमें स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई। आज के दिन हम संवैधानिक मूल्यों का ध्यान करते हैं। संविधान देश का सर्वाच्च कानून होता है। संविधान मर्यादाओं, मान्यताओं का कुंज भी है और पुंज भी है। संविधान संकल्पों को सिखाता है। हमारे संविधान में सभी के लिए समानता का भाव है।
दिवस के दिन हम उमंग उत्साह एवं आल्हद से परिपूर्ण होते हैं। आज के दिन हम हमारे गौरव पुरुषों को नमन करते हैं जिनके कारण हमें स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई। आज के दिन हम संवैधानिक मूल्यों का ध्यान करते हैं। संविधान देश का सर्वाच्च कानून होता है। संविधान मर्यादाओं, मान्यताओं का कुंज भी है और पुंज भी है। संविधान संकल्पों को सिखाता है। हमारे संविधान में सभी के लिए समानता का भाव है।
आज हमारा देश राम राज्य के पथ पर अग्रसर है। किसी भी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने एवं सुशासन लाने हेतु चार बातों का ध्यान रखना होता है साधुमत, शास्त्रमत, लोकमत एवं राजज्ञमत। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। हमारा देश ऋषि एवं कृषि परंपरा का देश है, यह विविधता में एकता का देश है, यह विहंगम संस्कृति का देश है। हमारे संस्कारों में प्रकृति वंदन है, नारी वंदन है।
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग निरंतर शोध एवं अनुसंधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं परंतु हमें अभी भी प्रगति के कई सोपान तय करने हैं। हमें विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय फलक पर मानक विश्वविद्यालय बनाना है। उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति की आत्मा भारतीय एवं स्वरूप वैश्विक है। हमें स्वतंत्रता से स्वालंबन की ओर जाना है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छविलाल के नेतृत्व में सुरक्षाकर्मियों ने मार्चपास्ट के माध्यम से ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में लगन एवं निष्ठा से कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरूस्कृत भी किया गया। पुरूस्कृत होने वाले कर्मचारियों में सन्तदास वनवासी, संजय बर्मे, रामनाथ राठौर, अनिरूद्ध शर्मा और पियुष सिंह प्रमुख थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. आलोक श्रोत्रिय, निदेशक (अकादमिक) ने किया एवं आभार प्रदर्शन कुलसचिव पी.सिलुवैनाथन ने किया। इस अवसर पर सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में शिक्षक और विवि के कर्मचारी उपस्थित थे।



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