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रेल यात्रा बड़े स्टेशनों पर सुरक्षा छोटे में असुरक्षा यात्री की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह...?


(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)

अनूपपुर।(अंचलधारा) कोरोना वायरस के संकट से अब ट्रेनें धीरे-धीरे स्पेशल के नाम पर पटरी पर दौड़ने लगी लेकिन बड़े बड़े स्टेशनों पर दुनिया भर के तामझाम कर यात्रियों को परेशान किया जा रहा है उनका समय नष्ट किया जा रहा है।जबकि छोटे-छोटे स्टॉपेज पर जहां ट्रेन  रुकती हैं और यात्री रिजर्वेशन कर अपनी आगे की यात्रा करता है वहां पर किसी तरह की चेकिंग नहीं की जाती।जब की बड़े स्टेशनों पर ट्रेन छूटने के 1 से 2 घंटे पूर्व पहुंचना, फिर लाइन पर लगना, इसके बाद गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग, सामानों का सैनिटाइजर और बैठे हुए अफसरों को अपनी पूरी डिटेल ट्रेन में यात्रा करने की बोगी नंबर बर्थ नंबर अपना नाम मोबाइल नंबर सब बताने का कार्य कर आगे बढ़ना होता है।लेकिन छोटे-छोटे स्टेशनों पर ऐसी कोई व्यवस्था रेलवे नहीं नहीं की जबकि स्टॉपेज दिए गए हैं।इस भेदभाव पूर्ण रवैया को लेकर यात्री नाराज है यात्री का कहना है कि एक स्टेशन पर सुरक्षा दूसरी पर असुरक्षा यात्री के साथ कुठाराघात है।उन्होंने मांग की है कि या तो रेलवे नियम सभी के लिए लागू करें या फिर मास्क अनिवार्य करें या नियमों को शिथिल करें जिससे यात्रियों को बेवजह परेशान नहीं होना पड़े। अगर रेलवे के पास छोटे स्टेशनों पर पर्याप्त व्यवस्था नहीं है तो ट्रेनों का स्टॉपेज छोटे छोटे स्टेशनों पर बंद करें जिससे यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें। 

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