(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) रेलवे अंडर ब्रिज के पास जिले की प्रथम आवासीय कॉलोनी स्वामी विवेकानंद स्मार्ट सिटी के विरुद्ध कुछ कतिपय लोगों द्वारा झूठी शिकायत को अंततःशासन ने खारिज कर दिया।
कुछ लोगों ने अपने अवैध लाभ पाने के लिए स्मार्ट सिटी को बदनाम करने के उद्देश्य से झूठे आरोप की शिकायत तहसीलदार,कलेक्टर,मध्यप्रदेश शासन प्रमुख सचिव को की थी।जिसकी जांच तहसीलदार की संयुक्त टीम ने एवं अधीक्षक भू अभिलेख द्वारा मौके पर जांच की गई। जिसमें शिकायत को झूठा पाया।
भू अभिलेख अधीक्षक ने अपने प्रतिवेदन पर लिखा कि स्मार्ट सिटी में उपयोग की गई भूमिका निजी भू स्वामियों की है।जिसमें किसी भी शासकीय भूमि का अंश नहीं पाया गया।मौके पर पैमाईशी माप करके सभी खसरा नंबरों को नक्शा अनुसार सही पाया गया।तहसीलदार अनूपपुर ने जांच उपरांत प्रकरण क्रमांक- 0088/74/2022-23 पर आदेश करते हुए स्मार्ट सिटी के खिलाफ की गई झूठी शिकायत को खारिज कर दिया।
कुछ लोगों ने अपने अवैध लाभ पाने के लिए स्मार्ट सिटी को बदनाम करने के उद्देश्य से झूठे आरोप की शिकायत तहसीलदार,कलेक्टर,मध्यप्रदेश शासन प्रमुख सचिव को की थी।जिसकी जांच तहसीलदार की संयुक्त टीम ने एवं अधीक्षक भू अभिलेख द्वारा मौके पर जांच की गई। जिसमें शिकायत को झूठा पाया।
भू अभिलेख अधीक्षक ने अपने प्रतिवेदन पर लिखा कि स्मार्ट सिटी में उपयोग की गई भूमिका निजी भू स्वामियों की है।जिसमें किसी भी शासकीय भूमि का अंश नहीं पाया गया।मौके पर पैमाईशी माप करके सभी खसरा नंबरों को नक्शा अनुसार सही पाया गया।तहसीलदार अनूपपुर ने जांच उपरांत प्रकरण क्रमांक- 0088/74/2022-23 पर आदेश करते हुए स्मार्ट सिटी के खिलाफ की गई झूठी शिकायत को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट में भी जनहित
याचिका हुई खारिज
याचिका हुई खारिज
स्मार्ट सिटी अनूपपुर के विरोध हाई कोर्ट जबलपुर में इन्हीं कतिपय लोगों द्वारा जनहित याचिका 11525-2022 दायर की गई थी।याचिका करता ने स्मार्ट सिटी के विरुद्ध अनेक आरोप लगाए थे।जिन्हें हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
ऐसे ही कुछ तथा कथित ब्लैकमेलिंग का व्यवसाय करने वाले लोगों ने योजना बनाकर गलत तरीके से स्मार्ट सिटी को बदनाम करने के उद्देश्य से एवं वहां के रहवासी और खरीदारों को गुमराह करने के लिए सुनियोजित ढंग से विभिन्न विभागों में झूठी और मनगढ़ंत शिकायत करवाई और सोशल मीडिया में सनसनी खेज बनाकर प्रकाशित करवाया।ताकि आम जनों के बीच स्मार्ट सिटी कॉलोनी के प्रति तरह-तरह की आशंकाएं पैदा हो जाए।
लेकिन अंतत जांच उपरांत सभी प्रकार की अनुमतियां सही पाए जाने पर स्मार्ट सिटी के खिलाफ की गई झूठी शिकायतों को शासन स्तर पर खारिज कर दिया गया।वहीं हाई कोर्ट में इन्हें मुद्दों को लेकर की गई जनहित याचिका क्रमांक भी खारिज हो चुकी है।शासन के निर्णय एवं हाईकोर्ट में मामले के खारिज हो जाने से स्मार्ट सिटी सहवासियों के मन में आशंकाएं समाप्त हुई।तथा जिले की जनता का स्मार्ट सिटी के प्रति विश्वास बढ़ा है।
ऐसे ही कुछ तथा कथित ब्लैकमेलिंग का व्यवसाय करने वाले लोगों ने योजना बनाकर गलत तरीके से स्मार्ट सिटी को बदनाम करने के उद्देश्य से एवं वहां के रहवासी और खरीदारों को गुमराह करने के लिए सुनियोजित ढंग से विभिन्न विभागों में झूठी और मनगढ़ंत शिकायत करवाई और सोशल मीडिया में सनसनी खेज बनाकर प्रकाशित करवाया।ताकि आम जनों के बीच स्मार्ट सिटी कॉलोनी के प्रति तरह-तरह की आशंकाएं पैदा हो जाए।
लेकिन अंतत जांच उपरांत सभी प्रकार की अनुमतियां सही पाए जाने पर स्मार्ट सिटी के खिलाफ की गई झूठी शिकायतों को शासन स्तर पर खारिज कर दिया गया।वहीं हाई कोर्ट में इन्हें मुद्दों को लेकर की गई जनहित याचिका क्रमांक भी खारिज हो चुकी है।शासन के निर्णय एवं हाईकोर्ट में मामले के खारिज हो जाने से स्मार्ट सिटी सहवासियों के मन में आशंकाएं समाप्त हुई।तथा जिले की जनता का स्मार्ट सिटी के प्रति विश्वास बढ़ा है।
इनका कहना है-
स्मार्ट सिटी के विरोध की गई सभी शिकायत झूठी और आधारहीन होने के कारण शासन स्तर पर खारिज हो गई है। जबलपुर हाईकोर्ट में भी लगी स्मार्ट सिटी के खिलाफ याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी है।हमारे द्वारा शासन के नियमानुसार अनुमति प्राप्त कर कॉलोनाइजर एक्ट के तहत कॉलोनी विकास का कार्य किया गया।उच्च न्यायालय एवं मध्यप्रदेश शासन के आदेशों से हमें न्याय मिला एवं सत्य की जीत हुई है।
विवेक कुमार बियानी
संचालक स्मार्ट सिटी अनूपपुर
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