(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम जिला अनूपपुर के न्यायालय द्वारा थाना राजेन्द्रग्राम के अपराध क्र. 251/2017 धारा 363, 376, 506, 34 भादवि एवं 5/6 पाॅक्सों एक्ट के आरोपीगण पूरन सिंह पाटले पिता तेन सिंह उम्र 29 वर्ष एवं तेन सिंह पाटले पिता मुडिया सिंह उम्र 49 वर्ष, दोनों निवासी ग्राम देवरा,थाना राजेन्द्रग्राम जिला अनूपपुर म.प्र. में निर्णय दिनांक 11/12/2023 को आरोपी पूरन सिंह पाटले को धारा 363 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये,धारा 366 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये,धारा 342 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 5-एल/6 पाॅक्सों एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये,कुल मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 12,500 रूपये अर्थदण्ड के दण्ड एवं आरोपी तेन सिंह पाटले को धारा 366-ए भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये,धारा 342 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 17 पाॅक्सों एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000 रूपये अर्थदण्ड कुल मिलाकर आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 11,500 रूपये अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया है।मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गयी।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि अभियोक्त्री के दादा ने दिनांक 25/12/2017 को थाना राजेन्द्रग्राम में उपस्थित होकर अभियोक्त्री के गुम होने के संबंध में इस आशय की मौखिक सूचना दिया कि उसकी नातिन अभियोक्त्री हाई स्कूल में कक्षा 10 वी में पढती है,जो दिनांक 20/12/2017 को सुबह 09 बजे ड्रेस पहनकर पढने का बस्ता लेकर निकली हैं और स्कूल नहीं पहुंची।
अभियोक्त्री की सहेली ने बताया कि अभियोक्त्री स्कूल नही आई थी,तब वे लोग आसपास के गांव में रिश्तेदारी में पता तलाश किए कितु अभियोक्त्री का कोई पता नही चला।
उन्हें शंका हैं कि कोई अज्ञात व्यक्ति अवैध प्रयोजन के लिए बहला फुसलाकर अभियोक्त्री को ले गया हैं।फरियादी की उक्त सूचना के आधार पर अज्ञात अभियुक्त के विरूद्व अपराध क्र. 251/17 धारा 363 भादवि के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्व की गई।दिनांक 05/01/2018 को अभियोक्त्री के दस्तयाब होने पर दस्तयाबी पंचनामा बनाया गया।अभियोक्त्री ने अपने कथन में दिनांक 20/12/2017 को अभियुक्त पूरन सिंह पाटले द्वारा उसके मुंह में कपडा डालकर जंगल ले जाना व उसके पश्चात अपने घर ले जाकर कमरे में साथ रखना व अभियुक्त तेन सिंह द्वारा कमरे में बाहर से ताला बंद कर देना व अभियुक्त पूरन सिंह द्वारा उसके साथ बलात्कार करना बताया तथा यह भी बताया कि अभियुक्त पूरन उसे मनेन्द्रगढ ले गया और वहां पर भी उसकी मर्जी के बिना गलत काम करना बताया।
मामले की समस्त विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।मामले में अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई।जहां पर न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरूद्व मामला प्रमाणित पाए जाने पर उपरोक्त दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि अभियोक्त्री के दादा ने दिनांक 25/12/2017 को थाना राजेन्द्रग्राम में उपस्थित होकर अभियोक्त्री के गुम होने के संबंध में इस आशय की मौखिक सूचना दिया कि उसकी नातिन अभियोक्त्री हाई स्कूल में कक्षा 10 वी में पढती है,जो दिनांक 20/12/2017 को सुबह 09 बजे ड्रेस पहनकर पढने का बस्ता लेकर निकली हैं और स्कूल नहीं पहुंची।
अभियोक्त्री की सहेली ने बताया कि अभियोक्त्री स्कूल नही आई थी,तब वे लोग आसपास के गांव में रिश्तेदारी में पता तलाश किए कितु अभियोक्त्री का कोई पता नही चला।
उन्हें शंका हैं कि कोई अज्ञात व्यक्ति अवैध प्रयोजन के लिए बहला फुसलाकर अभियोक्त्री को ले गया हैं।फरियादी की उक्त सूचना के आधार पर अज्ञात अभियुक्त के विरूद्व अपराध क्र. 251/17 धारा 363 भादवि के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्व की गई।दिनांक 05/01/2018 को अभियोक्त्री के दस्तयाब होने पर दस्तयाबी पंचनामा बनाया गया।अभियोक्त्री ने अपने कथन में दिनांक 20/12/2017 को अभियुक्त पूरन सिंह पाटले द्वारा उसके मुंह में कपडा डालकर जंगल ले जाना व उसके पश्चात अपने घर ले जाकर कमरे में साथ रखना व अभियुक्त तेन सिंह द्वारा कमरे में बाहर से ताला बंद कर देना व अभियुक्त पूरन सिंह द्वारा उसके साथ बलात्कार करना बताया तथा यह भी बताया कि अभियुक्त पूरन उसे मनेन्द्रगढ ले गया और वहां पर भी उसकी मर्जी के बिना गलत काम करना बताया।
मामले की समस्त विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।मामले में अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई।जहां पर न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरूद्व मामला प्रमाणित पाए जाने पर उपरोक्त दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया।
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