(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम जिला अनूपपुर के न्यायालय के सत्र प्रकरण क्र.37/2020, थाना अमरकंटक के अपराध क्र.120/2019 धारा 302, 201, 34 भादवि की आरोपिया प्रतिमा पति मोहित बनावल उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम करौंदाटोला थाना अमरकंटक, जिला अनूपपुर म.प्र. को निर्णय दिनांक 12/12/2023 को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड, कुल मिलाकर आरोपिया को आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया है।
मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गयी।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 11/11/2019 को फरियादी संतराम बनावल ने थाना अमरकंटक में उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट लेख कराया कि दिनांक 22/10/2019 के सुबह 10 बजे से उसका 33 वर्षीय छोटा भाई मोहित बनावल घर से बिना बताये कही चला गया हैं,जिसके आधार पर थाना अमरकंटक में गुम इंसान क्र. 20/19 कायम किया गया।
दिनांक 21/11/2019 को संतराम बनावल द्वारा लिखित में इस आशय का सूचना दिया कि दिनांक 20/11/2019 को गांव तथा आसपास के गांव के सयानों के द्वारा मोहित बनावल के घर बैठक की,बैठक के दौरान मोहित बनावल की पत्नी प्रतिमा बनावल से पूछताछ किए तो प्रतिमा बनावल इधर-उधर की बात करने लगी व अपने घर के कमरा,रसोईया में किसी को घुसने नहीं दे रही थी।जिससे सभी लोगों को शंका होने लगी।तब घर में देखा तो घर के एक किनारे छपाई,लिपाई किया हुआ था।वहीं पास खाना बनाने की मिट्टी का चूल्हा था,छपाई वाले स्थान पर लोहे की राड डाले तो राड के साथ गीली मिट्टी और बदबू आने लगी।कुछ देर बाद उसी जगह पर मक्खियां भिनभिनाने लगी।तब लगा कि वहां पर मोहित बनावल की हत्या कर गाड़ दिया गया हैं,तब अमरकंटक पुलिस द्वारा शव उत्खनन की अनुमति हेतु अनुविभागीय अधिकारी पुष्पराजगढ को पत्र प्रेषित किए जाने पर उनके द्वारा नायाब तहसीलदार को शव उत्खनन हेतु निर्देशित किया गया।शव उत्खनन कार्यवाही पश्चात शव की शिनाख्तगी कार्यवाही परिजनों से कराये जाने पर परिजनों ने शव मोहित बनावल को होना बताया।
समस्त कार्यवाही उपरांत अभियुक्त प्रतिमा बनावल को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किए जाने पर उसने अपने मेमोरेण्डम कथन में बताया कि उसने और सहअभियुक्त गनाराम ने साथ मिलकर मृतक मोहित बनावल को खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर व खिलाकर बेहोशी की हालत में जीआई तार से हाथ व पैर को बांधकर गले में जीआई तार फंसाकर खींचकर हत्या करना बताया।मामले की समस्त विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले में अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई। जहां पर न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरूद्व मामला प्रमाणित पाए जाने पर उपरोक्त दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया गया।
मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गयी।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 11/11/2019 को फरियादी संतराम बनावल ने थाना अमरकंटक में उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट लेख कराया कि दिनांक 22/10/2019 के सुबह 10 बजे से उसका 33 वर्षीय छोटा भाई मोहित बनावल घर से बिना बताये कही चला गया हैं,जिसके आधार पर थाना अमरकंटक में गुम इंसान क्र. 20/19 कायम किया गया।
दिनांक 21/11/2019 को संतराम बनावल द्वारा लिखित में इस आशय का सूचना दिया कि दिनांक 20/11/2019 को गांव तथा आसपास के गांव के सयानों के द्वारा मोहित बनावल के घर बैठक की,बैठक के दौरान मोहित बनावल की पत्नी प्रतिमा बनावल से पूछताछ किए तो प्रतिमा बनावल इधर-उधर की बात करने लगी व अपने घर के कमरा,रसोईया में किसी को घुसने नहीं दे रही थी।जिससे सभी लोगों को शंका होने लगी।तब घर में देखा तो घर के एक किनारे छपाई,लिपाई किया हुआ था।वहीं पास खाना बनाने की मिट्टी का चूल्हा था,छपाई वाले स्थान पर लोहे की राड डाले तो राड के साथ गीली मिट्टी और बदबू आने लगी।कुछ देर बाद उसी जगह पर मक्खियां भिनभिनाने लगी।तब लगा कि वहां पर मोहित बनावल की हत्या कर गाड़ दिया गया हैं,तब अमरकंटक पुलिस द्वारा शव उत्खनन की अनुमति हेतु अनुविभागीय अधिकारी पुष्पराजगढ को पत्र प्रेषित किए जाने पर उनके द्वारा नायाब तहसीलदार को शव उत्खनन हेतु निर्देशित किया गया।शव उत्खनन कार्यवाही पश्चात शव की शिनाख्तगी कार्यवाही परिजनों से कराये जाने पर परिजनों ने शव मोहित बनावल को होना बताया।
समस्त कार्यवाही उपरांत अभियुक्त प्रतिमा बनावल को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किए जाने पर उसने अपने मेमोरेण्डम कथन में बताया कि उसने और सहअभियुक्त गनाराम ने साथ मिलकर मृतक मोहित बनावल को खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर व खिलाकर बेहोशी की हालत में जीआई तार से हाथ व पैर को बांधकर गले में जीआई तार फंसाकर खींचकर हत्या करना बताया।मामले की समस्त विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले में अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई। जहां पर न्यायालय द्वारा आरोपीगण के विरूद्व मामला प्रमाणित पाए जाने पर उपरोक्त दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया गया।
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