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वन मंडलाधिकारी अनूपपुर एस.के. प्रजापति ने कहां की सतर्कता एवं निगरानी से जल्द मिलेगा हाथियों से निजात

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) वन मंडलाधिकारी अनूपपुर एस.के. प्रजापति ने शनिवार की दोपहर एवं रात में अनूपपुर एवं जैतहरी वन परीक्षेत्र के हाथी प्रभावित ग्रामीण अंचल लखनपुर,दुधमनिया,गोबरी,गौरेला आदि का भ्रमण कर सरपंच,हाथी मित्र दल,ग्रामीणों की बैठक ली।इस दौरान उन्होंने कहां की विगत एक माह से छत्तीसगढ़ राज्य से आए पांच हाथियों के समूह के निरंतर विचरण से ग्रामीणों का काफी नुकसान हुआ है।जिसका संबंधित पटवारी कलेक्टर के निर्देश पर क्षतिपूर्ति प्रकरण तैयार कर भुगतान किए जाने की कार्यवाही कर रहे हैं।
      उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि आप सभी के सहयोग से शीघ्र ही आने वाले समय में हाथियों के समूह को वापस भेजने का प्रयास किया जाएगा।इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने,हाथियों के समूह के बहुत नजदीक ना जाने,जंगल एवं गांव के मध्य अलग-थलग बने कच्चे एवं पक्के मकानों में रहने वाले ग्रामीणों को शाम होते ही सुरक्षित स्थान पर रहने,हाथियों के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी न करने की बात कही। उन्होंने कहा कि निरंतर बिना योजना के हाथियों को अपने क्षेत्रों से दूसरे स्थान ले जाने के प्रयास के दौरान अक्सर हाथी परेशान होकर उत्तेजित हो रहे हैं।जिससे कभी भी किसी भी तरह की दुर्घटना घट सकती है।अतः सभी स्वयं एवं अपने अन्य साथियों को सतर्कता बरतने की कोशिश करें।
             बैठक के दौरान ग्राम पंचायत लखनपुर के सरपंच रामकुमार कोल,वन परीक्षेत्र अधिकारी अनूपपुर स्वर्ण गौरव सिंह,परि.सहा.अनूपपुर संतोष श्रीवास्तव,परिक्षेत्र सहायक किरर रिचर्ड रेगी राव एवं ग्राम पंचायत गोबरी में आयोजित बैठक दौरान वन परीक्षेत्र अधिकारी जैतहरी विवेक मिश्रा, परि.सहा.जैतहरी आर.एस.सिकरवार,ग्राम पंचायत गोबरी के सरपंच प्रतिनिधि बाबूलाल कोल के साथ दोनों स्थानों में स्थानीय जनप्रतिनिधि,हाथी मित्र दल के पदाधिकारी,सदस्य एवं भारी मात्रा में ग्रामीण जन सम्मिलित रहे।
           ज्ञातव्य हो की शनिवार की सुबह पांचो हाथियों का समूह ग्राम पंचायत पगना के पगना गांव अंतर्गत शक्तिकुंजी नामक जंगल में पूरा दिन व्यतीत करने के बाद देर रात पगना गांव के विभिन्न टोलो में कई घरों में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखें अनाज को अपना आहार बनाया एवं ग्रामीणों के खेतों में लगी धान की फसलों को खाकर देर रात तिपाननदी को पार करते हुए बेलिया गांव के किनारे स्थित दो ग्रामीणों के खेतों में लगी हाइब्रिड धान की फसल को घंटों खाते हुए सुबह होने के पूर्व पुनः तिपाननदी पार करते हुए पगना गांव के टोला,मोहल्ला में खेतों में लगी फसलों एवं रात में किए गए तोड़फोड़ वाले घरों में फिर से तोड़फोड़ करते हुए शेष बचे अनाज एवं सामग्रियां को खाकर सुबह होते ही पगना गांव के समीप स्थित बड़वार नाला के पास शक्तिकुंडी नामक स्थान के जंगल में पूरे दिन विश्राम कर रहे हैं।इसके पूर्व रात में ग्रामीणों द्वारा अपने क्षेत्र से हाथियों को भगाने का भरपूर प्रयास ट्रैक्टर,हो-हल्ला एवं अन्य माध्यमों से किया गया किंतु सुबह होते ही हाथी फिर वापस आकर पगना के जंगल में ठहर गए। बीच-बीच में हाथी दल का सबसे बड़ा सदस्य कबरा कान वाला हाथी ग्रामीणों को डराने के उद्देश्य से अनेकों बार अचानक चलते हुए मुड़कर दौड़ने का प्रयास किया।जिससे कई बार ग्रामीण जान बचाते, दौड़ते,गिरते हुए भागे।विगत दो दिनों के बाद हाथियों के विचरण से किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हो सकी।वहीं ग्रामीण जन अपने परिजनों बच्चों को हाथियों के आने की आशंका पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर रुकवा रहे है।

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