(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर आर.पी. सेवेतिया के न्यायालय से न्यायालय के विशेष प्रकरण क्र0 54/19, थाना चचाई के अपराध क्रमांक 221/19 अन्तर्गत धारा 354, 354(क), 323, 394, 506 भाग-दो भादवि 7, 8 पॉक्सो अधिनियम के आरोपी महेन्द्र प्रसाद रौतेल पिता देवलाल रौतेल, उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम ग्राम भमहा,थाना चचाई,जिला अनूपपुर म.प्र. को दोषी पाते हुए आरोपी को अधिकतम 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 4500 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
इसी न्यायालय के एक अन्य विशेष प्रकरण क्र. 20/19, थाना राजेन्द्रग्राम के अपराध क्रमांक 97/19 अन्तर्गत धारा 458, 324, 341, 354(ख), 506 भादवि 7, 8 पॉक्सो अधिनियम एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू), 3(2)(व्हीए) एससी एसटी एक्ट के आरोपी मुरली यादव पिता कन्हैया यादव, उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम धरमदास, थाना राजेन्द्रग्राम, जिला अनूपपुर म.प्र. को दोषी पाते हुए आरोपी को अधिकतम 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 5000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
उपरोक्त दोनों मामले में राज्य की ओर से सुश्री शाशि धुर्वे सहा.जिला अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की।
प्रथम प्रकरण की सहा. जिला अभियोजन अधिकारी ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 18/09/2019 को अभियुक्त ने पीड़िता को दोपहर के समय उसे बुरी नियत से पकड़ते हुए पीडिता से मिलने को बोलते हुए उससे मोबाइल छुड़ाते हुए जान से मारने की धमकी दी, जिसके संबंध में पीड़िता ने थाने में जाकर मौखिक शिकायत किये जाने पर पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध करते हुए उसे चिकित्सकीय परीक्षण हेतु भेजकर मामले को विवेचना में लिया।पीडिता के धारा 164 दं.प्र.सं. के न्यायालयीन कथन एवं अन्य साक्षियों के कथन के आधार पर अभियुक्त द्वारा अपराध करने की परिस्थिति पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर अनुसंधान समाप्ति पर विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
दूसरे प्रकरण की सहा.जिला अभियोजन अधिकारी ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 30/03/2019 को रात करीब 08.00 बजे के समय पीड़िता रोज की तरह पढ़ाई कर रही थी,उसी समय आरोपी आया और दरवाजा खुलवाया तब वह बोली कि घर में अभी कोई नहीं हैं तुम अभी यहां से चले जाओं तब आरोपी घर के अंदर घुस आया और बुरी नियत से उसका हाथ पकडकर छेड-छाड करने लगा तब पीडिता के चिल्लाने पर गांव के दो लोग आये तब अभियुक्त जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गया, घटना के संबंध में पीडिता ने अपने परिजन को जानकारी देते हुए अभियुक्त के विरूद्ध थाना में जाकर लिखित शिकायत प्रस्तुत की जिसके आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेखबद्ध किया।
प्रथम सूचना लेखबद्ध किये जाने के उपरांत मामले को विवेचना में लेते हुए विवेचक द्वारा पीडिता का परीक्षण कराने हेतु अस्पताल भेजकर मामले को विवेचना में लिया। पीड़िता के धारा 164 दं.प्र.सं. के तहत संबंधित न्यायालय में कथन कराते हुए उसके एवं अन्य साक्षियों के कथन अंकित कराये जिसके अधार पर अभियुक्त द्वारा अपराध करने की परिस्थिति पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर अनुसंधान समाप्ति पर विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
इसी न्यायालय के एक अन्य विशेष प्रकरण क्र. 20/19, थाना राजेन्द्रग्राम के अपराध क्रमांक 97/19 अन्तर्गत धारा 458, 324, 341, 354(ख), 506 भादवि 7, 8 पॉक्सो अधिनियम एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू), 3(2)(व्हीए) एससी एसटी एक्ट के आरोपी मुरली यादव पिता कन्हैया यादव, उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम धरमदास, थाना राजेन्द्रग्राम, जिला अनूपपुर म.प्र. को दोषी पाते हुए आरोपी को अधिकतम 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 5000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
उपरोक्त दोनों मामले में राज्य की ओर से सुश्री शाशि धुर्वे सहा.जिला अभियोजन अधिकारी ने पैरवी की।
प्रथम प्रकरण की सहा. जिला अभियोजन अधिकारी ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 18/09/2019 को अभियुक्त ने पीड़िता को दोपहर के समय उसे बुरी नियत से पकड़ते हुए पीडिता से मिलने को बोलते हुए उससे मोबाइल छुड़ाते हुए जान से मारने की धमकी दी, जिसके संबंध में पीड़िता ने थाने में जाकर मौखिक शिकायत किये जाने पर पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध करते हुए उसे चिकित्सकीय परीक्षण हेतु भेजकर मामले को विवेचना में लिया।पीडिता के धारा 164 दं.प्र.सं. के न्यायालयीन कथन एवं अन्य साक्षियों के कथन के आधार पर अभियुक्त द्वारा अपराध करने की परिस्थिति पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर अनुसंधान समाप्ति पर विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
दूसरे प्रकरण की सहा.जिला अभियोजन अधिकारी ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 30/03/2019 को रात करीब 08.00 बजे के समय पीड़िता रोज की तरह पढ़ाई कर रही थी,उसी समय आरोपी आया और दरवाजा खुलवाया तब वह बोली कि घर में अभी कोई नहीं हैं तुम अभी यहां से चले जाओं तब आरोपी घर के अंदर घुस आया और बुरी नियत से उसका हाथ पकडकर छेड-छाड करने लगा तब पीडिता के चिल्लाने पर गांव के दो लोग आये तब अभियुक्त जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गया, घटना के संबंध में पीडिता ने अपने परिजन को जानकारी देते हुए अभियुक्त के विरूद्ध थाना में जाकर लिखित शिकायत प्रस्तुत की जिसके आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेखबद्ध किया।
प्रथम सूचना लेखबद्ध किये जाने के उपरांत मामले को विवेचना में लेते हुए विवेचक द्वारा पीडिता का परीक्षण कराने हेतु अस्पताल भेजकर मामले को विवेचना में लिया। पीड़िता के धारा 164 दं.प्र.सं. के तहत संबंधित न्यायालय में कथन कराते हुए उसके एवं अन्य साक्षियों के कथन अंकित कराये जिसके अधार पर अभियुक्त द्वारा अपराध करने की परिस्थिति पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर अनुसंधान समाप्ति पर विचारण हेतु अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
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