Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

आशा,ऊषा कार्यकर्त्ताओ ने पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेश सिंह को सौपा ज्ञापन

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रदेश में गर्भवती महिलाओं यात्री माताओं, नवजात शिशुओं के साथ साथ आम जनता की स्वास्थ्य की देखभाल में दिन रात काम कर रही प्रदेश की आशा,ऊषा पर्यवेक्षकों के प्रति प्रदेश सरकार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का रवैया बेहद अन्यायपूर्ण रहा है।अपनी उचित मांग को लेकर 01 अप्रैल 2023 शनिवार को पुष्पराजगढ़ विधायक
फुंदेलाल सिंह मार्को व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेश सिंह  को ज्ञापन सौंपा।आशा,ऊषा,आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हडताल के 17 वां दिन ज्ञापन के माध्यम से आपसे पुनःआग्रह करती है कि निम्न मांगों का निराकरण करते हुये प्रदेश में स्वास्थ्य सम्बन्धी अभियानों को सामान्य बनाने में पहल किया जावे।प्रदेश की हजारों आशा कार्यकर्ता केवल 2,000 रुपये मासिक का बेहद अल्प वेतन में काम करने के लिये विवश है,वह भी केन्द्र सरकार द्वारा देय हैं।अन्य राज्य सरकार आशा एवं पर्यवेक्षको को वर्षों से अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन देकर राहत पहुंचा रही है,लेकिन मध्यप्रदेश सरकार पिछले 16 वर्षों से अपनी ओर से आशा का पर्यवेक्षकों को कुछ भी नहीं दे रही है।सरकार की इस रवैये से प्रदेश की आशा ऊषा एवं पर्यवेक्षक बेहद आहत एवं आक्रोशित है।सरकार के इस रवैया के खिलाफ,न्यायपूर्ण वेतन की मांग को लेकर प्रदेश की आशा ऊषा पर्यवेक्षक लगातार संघर्ष में है,लेकिन सरकार उनका न्यायपूर्ण मांग को लगातार अनसुना कर रही है। प्रदेश को बजट से विभिन्न मदों में हजारों हजार करोड़ रुपये खर्च करने वाली राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग के अभियान में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आशा ऊषा पर्यवेक्षकों की न्यायपूर्ण वेतन से वंचित कर उनके परिवार की जिन्दगों का लगातार उपेक्षा कर रही है।
              प्रदेश सरकार के इस अमानवीय रवैया से त्रस्त हो कर आशा,ऊषा,आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश के आह्वान पर प्रदेश की आशा,ऊषा एवं पक्ष 15 मार्च 2023 से प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल पर है। हडताल के 17 वां दिन के बावजूद सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाना आश्चर्यजनक है।इस हड़ताल से प्रदेश की मैदानों स्वास्थ्य सेवायें बुरी तरह प्रभावित है।   
        शासकीय अधिकारियों के अधीन एवं देखरेख में काम कर रही आशा,ऊपा पर्यवेक्षक की सरकार कर्मचारी माने न माने लेकिन सच्चाई यह है कि वे कर्मचारी के रूप में काम कर रही है और कर्मचारी के रूप में सरकार और विभाग उनसे काम ले रही है।इस तरह इस काम के एवज में न्यूनतम वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने का जिम्मेदारी सरकार को है।इस वैधानिक जिम्मेदारी को पूरा कर न्यायपूर्ण वेतन दिये जाने की मांग को लेकर हो रही इस हड़ताल की सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की है।
यह  है मांगे
सौपे  गए ज्ञापन मे मिशन संचालक, एन.एच.एम.मध्यप्रदेश द्वारा 24 जून 2021 को दिये अनुशंसा को लागू कर आशा को 10 हजार रुपए एवं पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपये निश्चित वेतन लागू किया जाये उसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाये।आशा,ऊषा,आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाये,तब तक न्यूनतम वेतन,भविष्य निधि,ई.एस.आई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जावे।न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये निर्धारित किया जाये।

Post a Comment

0 Comments