(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में 2016 में रेल मंत्री रहते हुए सुरेश प्रभु ने सरकार की मंशा के अनुरूप आम लोगों के लिए 'अंत्योदय एक्सप्रेस' ट्रेन चलाने का ऐलान किया था। इस ट्रेन की घोषणा साल 2016 के रेल बजट में की गई थी। केंद्र सरकार ने समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 'अंत्योदय योजना' चलाई थी। इस ट्रेन में एलईडी लाइट्स और चार्जिंग प्वाइंट के साथ कई खासियत थी।
रेल मंत्री रहते हुए सुरेश प्रभु ने अंत्योदय एक्सप्रेस की शुरुआत करते हुए कहा कि इस सुविधा से आम लोगों को फायदा मिलेगा। यह ट्रेन पूरी तरह से अनारक्षित है और इसमें महिला-पुरुष एक साथ सफर कर सकेंगे।
यह ट्रेन सुविधाओं के साथ-साथ दिखने में भी काफी आकर्षक हैं।रेलवे ने अंत्योदय के लिए दीनदयालु कोच का प्रस्ताव साल 2016 में रखा था। इस कोच के बाहरी हिस्सा लाल-पीले रंग में रंगा गया। इसकी सीट काफी गद्देदार है और जनरल स्लीपर में एक जैसी सीटें थी। दीनदयालु कोच में बायोटॉयलेट और डस्टबीन के अलावा पानी पीने के लिए एक्वागार्ड भी लगा हुआ था,जो अभी तक किसी भी श्रेणी के कोच में नहीं लगा हुआ था। इसके अलावा मोबाइल- लैपटॉप चार्ज करने के लिए हर जगह प्वॉइंट लगे हुए थे। कोच में एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया गया था।
कोरोना काल में सभी ट्रेनें जब बंद कर दी गई थी।उसमें बिलासपुर से बीकानेर एवं बिलासपुर से फिरोजपुर अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल थी।धीरे-धीरे रेलवे ने ट्रेन प्रारंभ की लेकिन आज तक दोनों अंत्योदय ट्रेन के अलावा चिरमिरी-चंदिया ट्रेन प्रारंभ नहीं की गई।जिसको लेकर कई बार समाचार पत्रों में समाचारों का प्रकाशन भी हुआ रेलवे के उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचाई गई लेकिन रेलवे ने 2022 में अपनी नई समय सारणी जारी की जिसमें दोनों अंत्योदय ट्रेन को उड़ा दिया गया या कहां जाए बंद कर दिया गया तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।आज पिछड़ा क्षेत्र बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन में है।केंद्र सरकार ने समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 'अंत्योदय योजना' चलाई थी। जिसके तहत दो ट्रेनों की सौगात मिली थी।लेकिन धन्य है शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह जिन्होंने कभी भी दोनों अंत्योदय ट्रेन को लेकर रेल मंत्रालय में, जीएम कार्यालय में, डीआरएम कार्यालय में कोई पत्राचार नहीं किया कि इन दो ट्रेनों को क्यों बंद किया गया है।उन्हें यह पता ही नहीं की कितनी ट्रेनें बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन में चलती हैं कौन-कौन सी ट्रेन आज दिनांक तक बंद पड़ी है उन्हें इससे कोई वास्ता नहीं।जिसके कारण आम यात्री सुविधाओं से वंचित है।अंत्योदय ट्रेन हर यात्री के लिए सुविधाजनक थी जिन्हें रिजर्वेशन नहीं मिल पाता था पूरी तरह से अनारक्षित और यात्री सुविधाओं से लैस अंत्योदय ट्रेन सभी के लिए फायदेमंद थी जिसमें लोग सफर भी करते थे एवं रेलवे को अच्छी आय प्राप्त होती थी। लेकिन सांसद की लापरवाही के चलते 2022 में घोषित रेलवे समय सारणी में इन दोनों ट्रेनों को स्थान नहीं मिला। उसके बावजूद भी सांसद ने कभी भी रेल मंत्री से रेलवे बोर्ड से यह नहीं पूछा कि हमारे क्षेत्र से गुजरने वाली दोनों अंत्योदय ट्रेन किस कारण से बंद की गई है।उसे चालू क्यों नहीं किया गया।जबकि अन्य क्षेत्रों में अंत्योदय ट्रेन आज भी पटरी पर दौड़ रही है।यात्रियों को सुविधाएं दे रही हैं तो फिर बिलासपुर से फिरोजपुर, बिलासपुर से बीकानेर ट्रेन बंद क्यों है।लंबी दूरी की दोनों महत्वपूर्ण ट्रेनों को बंद करने के पीछे रेलवे का मकसद क्या है यह समझ से परे है।केंद्र सरकार में आवाज उठाने का कार्य सांसद का होता है रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को कहना है कि अगर सांसद के मार्फत कोई प्रस्ताव आता है तो उसे रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय तक भेजा जाता है।लेकिन हमारी सांसद को आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं।उन्हें तो अपने एसी वाहन में बैठकर रायपुर तक जाना है एरोप्लेन के माध्यम से दिल्ली पहुंच जाना है उन्हें जनता से क्या लेना देना।जनता ने उनका चुनाव यह सोचकर किया था की स्वर्गीय दलवीर सिंह जी, स्वर्गीय राजेश नंदनी सिंह जी जिन्होंने शहडोल संसदीय क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया आज भी जनता उन्हें स्मरण करती है याद करती है उनके कार्यों की तारीफ करती हैं।यह सोचकर जनता ने उन्हें वोट दिया था कि यह उनकी बिटिया है निश्चित ही उनका नाम रोशन आगे बढ़कर करेगी। लेकिन दुख होता है हमारे दो महान नेता जो आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें सदैव हमारे बीच रहती हैं।सांसद हिमाद्री सिंह को मनन करना चाहिए कि उनके पिता एवं माता ने इस शहडोल संसदीय क्षेत्र को क्या कुछ नहीं दिया। आज वह क्यों याद किए जा रहे हैं और मैंने क्या किया क्यों मुझे लोग पसंद नहीं कर रहे।आज शहडोल संसदीय क्षेत्र रेलवे के मामले में पूरी तरह से फिसड्डी हो चुका है।पूरी तरह से रेलवे की मनमानी छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बंद महत्वपूर्ण ट्रेनों का स्टॉपेज बड़े बड़े स्टेशनों में समाप्त।छादा जैसे छोटे से स्टेशन पर ट्रेनों का स्टॉपेज आरक्षण की व्यवस्था रेलवे की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है...? लेकिन किसी भी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही कि महत्वपूर्ण स्टेशनों के स्टॉपेज क्यों बंद है।आज तक सांसद से कई बार आग्रह किया गया की एक बार अल्टीमेटम देकर रेल पटरी पर उतर जाए बिलासपुर जोन बिलासपुर, रेल मंडल तो क्या रेल मंत्रालय भी हींल जाएगा भूचाल आ जाएगी।लेकिन सांसद को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं जनता अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रही है।सांसद केवल वाहवाही लूटने के लिए बनी हुई है रेल मंत्री के पत्र का इंतजार कर रही हैं कि आप के संसदीय क्षेत्र में आपके पूर्व के पत्रों का अवलोकन करते हुए स्टॉपेज बहाल किए जा रहे हैं उस पत्र के आते ही सांसद अपने मीडिया प्रभारी के माध्यम से अपनी फोटो वायरल कराएगी कि उनके प्रयासों से ट्रेनों के स्टॉपेज प्रारंभ हो गए। शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है चुनावी वर्ष में ट्रेनों के स्टॉपेज घोषित होना यह कहां का न्याय है जनता इसका जवाब अपने मतों से देगी।
रेल मंत्री रहते हुए सुरेश प्रभु ने अंत्योदय एक्सप्रेस की शुरुआत करते हुए कहा कि इस सुविधा से आम लोगों को फायदा मिलेगा। यह ट्रेन पूरी तरह से अनारक्षित है और इसमें महिला-पुरुष एक साथ सफर कर सकेंगे।
यह ट्रेन सुविधाओं के साथ-साथ दिखने में भी काफी आकर्षक हैं।रेलवे ने अंत्योदय के लिए दीनदयालु कोच का प्रस्ताव साल 2016 में रखा था। इस कोच के बाहरी हिस्सा लाल-पीले रंग में रंगा गया। इसकी सीट काफी गद्देदार है और जनरल स्लीपर में एक जैसी सीटें थी। दीनदयालु कोच में बायोटॉयलेट और डस्टबीन के अलावा पानी पीने के लिए एक्वागार्ड भी लगा हुआ था,जो अभी तक किसी भी श्रेणी के कोच में नहीं लगा हुआ था। इसके अलावा मोबाइल- लैपटॉप चार्ज करने के लिए हर जगह प्वॉइंट लगे हुए थे। कोच में एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया गया था।
कोरोना काल में सभी ट्रेनें जब बंद कर दी गई थी।उसमें बिलासपुर से बीकानेर एवं बिलासपुर से फिरोजपुर अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन भी शामिल थी।धीरे-धीरे रेलवे ने ट्रेन प्रारंभ की लेकिन आज तक दोनों अंत्योदय ट्रेन के अलावा चिरमिरी-चंदिया ट्रेन प्रारंभ नहीं की गई।जिसको लेकर कई बार समाचार पत्रों में समाचारों का प्रकाशन भी हुआ रेलवे के उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचाई गई लेकिन रेलवे ने 2022 में अपनी नई समय सारणी जारी की जिसमें दोनों अंत्योदय ट्रेन को उड़ा दिया गया या कहां जाए बंद कर दिया गया तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।आज पिछड़ा क्षेत्र बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन में है।केंद्र सरकार ने समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 'अंत्योदय योजना' चलाई थी। जिसके तहत दो ट्रेनों की सौगात मिली थी।लेकिन धन्य है शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह जिन्होंने कभी भी दोनों अंत्योदय ट्रेन को लेकर रेल मंत्रालय में, जीएम कार्यालय में, डीआरएम कार्यालय में कोई पत्राचार नहीं किया कि इन दो ट्रेनों को क्यों बंद किया गया है।उन्हें यह पता ही नहीं की कितनी ट्रेनें बिलासपुर कटनी रेल सेक्शन में चलती हैं कौन-कौन सी ट्रेन आज दिनांक तक बंद पड़ी है उन्हें इससे कोई वास्ता नहीं।जिसके कारण आम यात्री सुविधाओं से वंचित है।अंत्योदय ट्रेन हर यात्री के लिए सुविधाजनक थी जिन्हें रिजर्वेशन नहीं मिल पाता था पूरी तरह से अनारक्षित और यात्री सुविधाओं से लैस अंत्योदय ट्रेन सभी के लिए फायदेमंद थी जिसमें लोग सफर भी करते थे एवं रेलवे को अच्छी आय प्राप्त होती थी। लेकिन सांसद की लापरवाही के चलते 2022 में घोषित रेलवे समय सारणी में इन दोनों ट्रेनों को स्थान नहीं मिला। उसके बावजूद भी सांसद ने कभी भी रेल मंत्री से रेलवे बोर्ड से यह नहीं पूछा कि हमारे क्षेत्र से गुजरने वाली दोनों अंत्योदय ट्रेन किस कारण से बंद की गई है।उसे चालू क्यों नहीं किया गया।जबकि अन्य क्षेत्रों में अंत्योदय ट्रेन आज भी पटरी पर दौड़ रही है।यात्रियों को सुविधाएं दे रही हैं तो फिर बिलासपुर से फिरोजपुर, बिलासपुर से बीकानेर ट्रेन बंद क्यों है।लंबी दूरी की दोनों महत्वपूर्ण ट्रेनों को बंद करने के पीछे रेलवे का मकसद क्या है यह समझ से परे है।केंद्र सरकार में आवाज उठाने का कार्य सांसद का होता है रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को कहना है कि अगर सांसद के मार्फत कोई प्रस्ताव आता है तो उसे रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय तक भेजा जाता है।लेकिन हमारी सांसद को आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं।उन्हें तो अपने एसी वाहन में बैठकर रायपुर तक जाना है एरोप्लेन के माध्यम से दिल्ली पहुंच जाना है उन्हें जनता से क्या लेना देना।जनता ने उनका चुनाव यह सोचकर किया था की स्वर्गीय दलवीर सिंह जी, स्वर्गीय राजेश नंदनी सिंह जी जिन्होंने शहडोल संसदीय क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया आज भी जनता उन्हें स्मरण करती है याद करती है उनके कार्यों की तारीफ करती हैं।यह सोचकर जनता ने उन्हें वोट दिया था कि यह उनकी बिटिया है निश्चित ही उनका नाम रोशन आगे बढ़कर करेगी। लेकिन दुख होता है हमारे दो महान नेता जो आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें सदैव हमारे बीच रहती हैं।सांसद हिमाद्री सिंह को मनन करना चाहिए कि उनके पिता एवं माता ने इस शहडोल संसदीय क्षेत्र को क्या कुछ नहीं दिया। आज वह क्यों याद किए जा रहे हैं और मैंने क्या किया क्यों मुझे लोग पसंद नहीं कर रहे।आज शहडोल संसदीय क्षेत्र रेलवे के मामले में पूरी तरह से फिसड्डी हो चुका है।पूरी तरह से रेलवे की मनमानी छोटे-छोटे स्टेशनों के स्टॉपेज बंद महत्वपूर्ण ट्रेनों का स्टॉपेज बड़े बड़े स्टेशनों में समाप्त।छादा जैसे छोटे से स्टेशन पर ट्रेनों का स्टॉपेज आरक्षण की व्यवस्था रेलवे की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है...? लेकिन किसी भी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही कि महत्वपूर्ण स्टेशनों के स्टॉपेज क्यों बंद है।आज तक सांसद से कई बार आग्रह किया गया की एक बार अल्टीमेटम देकर रेल पटरी पर उतर जाए बिलासपुर जोन बिलासपुर, रेल मंडल तो क्या रेल मंत्रालय भी हींल जाएगा भूचाल आ जाएगी।लेकिन सांसद को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं जनता अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रही है।सांसद केवल वाहवाही लूटने के लिए बनी हुई है रेल मंत्री के पत्र का इंतजार कर रही हैं कि आप के संसदीय क्षेत्र में आपके पूर्व के पत्रों का अवलोकन करते हुए स्टॉपेज बहाल किए जा रहे हैं उस पत्र के आते ही सांसद अपने मीडिया प्रभारी के माध्यम से अपनी फोटो वायरल कराएगी कि उनके प्रयासों से ट्रेनों के स्टॉपेज प्रारंभ हो गए। शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है चुनावी वर्ष में ट्रेनों के स्टॉपेज घोषित होना यह कहां का न्याय है जनता इसका जवाब अपने मतों से देगी।
दो अंत्योदय ट्रेन जो
हो गई पूरी तरह से बंद
हो गई पूरी तरह से बंद
केंद्र सरकार द्वारा समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए चलाई गई दो महत्वपूर्ण अंत्योदय ट्रेन नंबर 22895 बिलासपुर-फिरोजपुर अंत्योदय एक्सप्रेस एवं ट्रेन नंबर 22896 फिरोजपुर-बिलासपुर अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन पूरी तरह से रेलवे ने बंद कर दिया।ट्रेन नंबर 14719 बीकानेर-बिलासपुर अंत्योदय एक्सप्रेस एवं ट्रेन नंबर 14720 बिलासपुर- बीकानेर अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन को रेलवे ने पूरी तरह से बंद कर दिया।
आज तक नहीं चल
पाई चिरमिरी-चंदिया ट्रेन
पाई चिरमिरी-चंदिया ट्रेन
ट्रेन नंबर 58221 चिरमिरी-चंदिया ट्रेन एवं ट्रेन नंबर 58222 चंदिया-चिरमिरी ट्रेन आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो पाई।जबकि इस ट्रेन को नंबर बदलकर स्पेशल के रूप में चिरमिरी से अनूपपुर एवं अनूपपुर से चिरमिरी के मध्य चलाया जा रहा है। यह ट्रेन दिनभर अनूपपुर में खड़ी रहती है शाम को वापस चिरमिरी के लिए जाती है।जिसका मनेंद्रगढ़ में स्टॉपेज समाप्त कर दिया गया।जबकि यह ट्रेन कटनी जाने वालों के लिए एवं कटनी से चिरमिरी लाइन आने वालों के लिए महत्वपूर्ण थी।लोग चंदिया से बस द्वारा कटनी चले जाते थे एवं आगे की ट्रेन पकड़ लेते थे।कटनी से आकर बस द्वारा चंदिया आ जाते थे और इस ट्रेन को पकड़कर अपने गंतव्य तक पहुंच जाते थे।छात्र छात्राओं के लिए भी यह ट्रेन महत्वपूर्ण थी लेकिन आज दिनांक तक इस ट्रेन का विस्तार भी सांसद चंदिया तक नहीं करा पाई।जिससे हर किसी को परेशानी हो रही है।वही देखा जा रहा है कि अंबिकापुर से शहडोल एवं शहडोल से अंबिकापुर के मध्य चलने वाली ट्रेन का अमलाई स्टॉपेज समाप्त कर दिया गया। जिससे छात्र-छात्राओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।लेकिन सांसद ने आज तक उसका स्टॉपेज भी अमलाई में घोषित नहीं करा पाई।
जागरूक नागरिक राजेश
शिवहरे ने व्यक्त किया दुख
शिवहरे ने व्यक्त किया दुख
नगर के जागरूक नागरिक एवं पत्रकार राजेश शिवहरे ने रेलवे के एवं सांसद की अनदेखी पर दुख व्यक्त करते हुए कहा अंत्योदय एक्सप्रेस पूरी तरह से अनारक्षित ट्रेन थी और आरक्षित ट्रेन से ज्यादा सुविधाजनक थी।जिसमें आम आदमी के साथ गरीब यात्री भी कम पैसे में आरामदायक यात्रा कर लेते थे। जिसे बंद कर दिए जाने से यात्रियों के साथ रेलवे ने घोर अन्याय किया है। इस क्षेत्र के आम यात्रियों एवं गरीब यात्रियों के साथ, इस यात्री गाड़ी को पुनः प्रारंभ किया जाए।मगर ऐसा हो ना पाएगा,क्योंकि इन दिनों रेलवे प्रशासन किसी की भी नहीं सुनता है...?
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