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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,तमाम परेशानियों को दूर करने की की मांग

 


अनूपपुर (ब्यूरो) आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट अनूपपुर पहुंचकर अपर कलेक्टर सरोधन सिंह को ज्ञापन सौंपा हैं।
            उन्होंने बताया कि पोषण ट्रेकर ऐप हिंदी में नहीं है, आंगनबाड़ी भवनों का किराया नहीं मिलता है।विभागीय एप के लिए मोबाइल नहीं दिया गया।वहीं मानदेय नहीं मिल रहा है।साथ ही पोषण मटका बंद करने एवं अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा हैं।
                ज्ञापन में उल्लेख है कि 80 प्रतिशत आंगनबाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत है।जिससे मोबाइल में नेटवर्क नहीं रहता हैं।ऐसे में पोषण ट्रैकर एप पर काम करने में दिक्कतें आती हैं।वही पोषण ट्रैकर ऐप हिंदी में नहीं है,जिसके कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को काम करने में दिक्कतें आती है।
                        पोषण ट्रेकर एप द्वारा काम किए जाने के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को विभाग की तरफ से उपयुक्त मोबाइल व पोषण ट्रैकर एप का हिन्दी वर्जन एवं मोबाइल चलाने के लिए सिम कार्ड व इंटरनेट डाटा विभाग से हर माह दिया जाना चाहिए।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी श्रेणी में रख कर न्यूनतम वेतन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 26 हजार एवं सहायिका को 21 हजार रुपए दिया जाए।इसके साथ आंगनबाड़ियों का किराया 1 साल से नहीं दिया गया।जिसके कारण आंगनवाड़ी खाली करने की स्थिति बनी है।जल्द से जल्द आंगनबाड़ियों का किराया दिया जाए।आंगनबाड़ी केंद्र अधिकांश ऐसी बस्तियों में चल रहे हैं,जहां गरीब और अति गरीब लोग रहते हैं।उनके यहां से पोषण मटका के लिए सामग्री मांगने से नहीं देता है।
         उनका कहना है कि हमारे यहां अगर इस तरह से रोज देने के लिए होता तो हम बच्चों को घर में ही बना कर खिला देते।सरकार आंगनबाड़ी में बच्चों के भोजन के लिए दिया जाता है और तुम लोग यहां पर घर से मांग कर हमारी गरीबी का मजाक उड़ाते हो।कई बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपमानित भी किया जाता है।ऐसे में पोषण मटका कार्यक्रम को बंद कर देना चाहिए।राज्य सरकार के द्वारा अपने हिस्से के मानदेय में की गई अनुचित कटौती का आदेश तुरंत निरस्त कर अक्टूबर 2018 से काटी गई राशि का एरियर सहित तुरंत भुगतान करें।

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