वन परिक्षेत्र भेडरीतलैया
में संपन्न हुआ अनुभूति कार्यक्रम
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)अनूपपुर (अंंचलधारा) वन परिक्षेत्र बिजुरी के भेडरीतलैया के वन क्षेत्र के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 560 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी,माध्यमिक विद्यालय उरतान,दुलहीबाध,रेउसा एवं गोलबंधा के 120 छात्र- छात्राओं की सहभागिता मे अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस दौरान उप वनमंडल अधिकारी अनूपपुर के.बी.सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति का संतुलन बनाएं रखने हेतु वनों का संरक्षण आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि वन रहेंगे तो हमें जीवन मिलता रहेगा।उन्होंने वन विभाग से संबंधित जानकारियां प्रदान करते हुए वन विभाग की संरचना जिसमें पदस्थ सुरक्षाश्रमिक से शीर्ष स्तर पदस्थ अधिकारियों,कर्मचारियों के बारे में उनके कर्तव्य एवं अधिकार अधिकारों की जानकारी दी।कार्यक्रम में वन परिक्षेत्र अधिकारी बिजुरी सुश्री जीतू सिंह बघेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों में वन,वन्य प्राणियों,पर्यावरण के संरक्षण हेतु जन-जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष विद्यालय छात्र-छात्राओं को अनुभूति कार्यक्रम के तहत वनों से संबंधित जानकारी देते हुए प्रेरित किया जाता है।अनुभूति कार्यक्रम के प्रेरक एवं मास्टर ट्रेनर संजय पयासी एवं शशिधर अग्रवाल ने बच्चों को वन भ्रमण के दौरान वनों में पाए जाने वाले वन्य प्राणियों के पहचान के तहत चीतल, खरगोश,जंगली सुअर के पगमार्क एवं तेंदुआ,खरगोश व अन्य वन्यप्राणियों के विष्ठा(मल) का अवलोकन कराया।
अमलतास,कुरकुट एवं अन्य औषधि पेड़ों का अवलोकन कराते हुए उनके महत्व एवं औषधि गुणो की जानकारी दी गई।इस दौरान घास,पेड़-पौधों के द्वारा वर्षा काल में होने वाली वर्षा के पानी को अवशोषित कर नदी नालों के माध्यम से पानी मिलने,वन क्षेत्र के नाले में वन्यप्राणियों को पानी उपलब्ध कराने हेतु बनाए गए स्टॉप डेम एवं वन सीमा की पहचान हेतु निर्माण किए गए मुनारा का अवलोकन कराया गया। 2 मिनट का मौन एवं शांति बनाए रखते हुए विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की आवाज, बहते पानी की आवाज का आभार कराया गया।वनों को काटने से बचाए रखने हेतु पूर्व में चलाए गए चिपको आंदोलन की तरह छात्र-छात्राओं को पेड़ों से लिपटकर पेड़ों को बचाए रखने का संकल्प दिलाया गया।विभिन्न प्रजाति के सर्पों के संबंध में विवरण प्रदायक कर सर्पों के संरक्षण एवं सर्प के काटने से आहत व्यक्तियों का शासकीय चिकित्सालय में उपचार कराने की बातें बतायी गई।इस दौरान छात्र-छात्राओं ने वन तथा पर्यावरण से संबंधित रंगोली एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने पर छात्र- छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम दौरान चंगेरी निवासी भगवानदास एवं छात्र छात्राओं ने वनों के संरक्षण के संबंध में अपने अपने विचार रखें।समापन के पूर्व छात्र-छात्राओं,ग्रामीणों एवं वन विभाग के कर्मचारियों को वन्यप्राणियों,पर्यावरण के संरक्षण एवं स्वच्छता बनाए रखने हेतु शपथ दिलाई गई।कार्यक्रम में शास.उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी प्राचार्य भग्गू प्रसाद प्रजापति,परिक्षेत्र सहायक कोठी एवं बिजुरी कुंवर सिंह सोरठे,परिक्षेत्र सहायक निगवानी भीमसेन शुक्ला, चौकी प्रभारी भेडरीतलैया गणेश पाटले,ग्राम पंचायत कदमहा सरपंच सियालाल पाव,वन सुरक्षा समिति कदमहा अध्यक्ष बृजभान सिंह,वन सुरक्षा समिति उरतान अध्यक्ष छोटेलाल के साथ विद्यालयों के शिक्षक,शिक्षिका एवं वन परीक्षेत्र बिजुरी के वनरक्षक,सुरक्षा श्रमिक एवं ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि वन रहेंगे तो हमें जीवन मिलता रहेगा।उन्होंने वन विभाग से संबंधित जानकारियां प्रदान करते हुए वन विभाग की संरचना जिसमें पदस्थ सुरक्षाश्रमिक से शीर्ष स्तर पदस्थ अधिकारियों,कर्मचारियों के बारे में उनके कर्तव्य एवं अधिकार अधिकारों की जानकारी दी।कार्यक्रम में वन परिक्षेत्र अधिकारी बिजुरी सुश्री जीतू सिंह बघेल ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों में वन,वन्य प्राणियों,पर्यावरण के संरक्षण हेतु जन-जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष विद्यालय छात्र-छात्राओं को अनुभूति कार्यक्रम के तहत वनों से संबंधित जानकारी देते हुए प्रेरित किया जाता है।अनुभूति कार्यक्रम के प्रेरक एवं मास्टर ट्रेनर संजय पयासी एवं शशिधर अग्रवाल ने बच्चों को वन भ्रमण के दौरान वनों में पाए जाने वाले वन्य प्राणियों के पहचान के तहत चीतल, खरगोश,जंगली सुअर के पगमार्क एवं तेंदुआ,खरगोश व अन्य वन्यप्राणियों के विष्ठा(मल) का अवलोकन कराया।
अमलतास,कुरकुट एवं अन्य औषधि पेड़ों का अवलोकन कराते हुए उनके महत्व एवं औषधि गुणो की जानकारी दी गई।इस दौरान घास,पेड़-पौधों के द्वारा वर्षा काल में होने वाली वर्षा के पानी को अवशोषित कर नदी नालों के माध्यम से पानी मिलने,वन क्षेत्र के नाले में वन्यप्राणियों को पानी उपलब्ध कराने हेतु बनाए गए स्टॉप डेम एवं वन सीमा की पहचान हेतु निर्माण किए गए मुनारा का अवलोकन कराया गया। 2 मिनट का मौन एवं शांति बनाए रखते हुए विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की आवाज, बहते पानी की आवाज का आभार कराया गया।वनों को काटने से बचाए रखने हेतु पूर्व में चलाए गए चिपको आंदोलन की तरह छात्र-छात्राओं को पेड़ों से लिपटकर पेड़ों को बचाए रखने का संकल्प दिलाया गया।विभिन्न प्रजाति के सर्पों के संबंध में विवरण प्रदायक कर सर्पों के संरक्षण एवं सर्प के काटने से आहत व्यक्तियों का शासकीय चिकित्सालय में उपचार कराने की बातें बतायी गई।इस दौरान छात्र-छात्राओं ने वन तथा पर्यावरण से संबंधित रंगोली एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने पर छात्र- छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम दौरान चंगेरी निवासी भगवानदास एवं छात्र छात्राओं ने वनों के संरक्षण के संबंध में अपने अपने विचार रखें।समापन के पूर्व छात्र-छात्राओं,ग्रामीणों एवं वन विभाग के कर्मचारियों को वन्यप्राणियों,पर्यावरण के संरक्षण एवं स्वच्छता बनाए रखने हेतु शपथ दिलाई गई।कार्यक्रम में शास.उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी प्राचार्य भग्गू प्रसाद प्रजापति,परिक्षेत्र सहायक कोठी एवं बिजुरी कुंवर सिंह सोरठे,परिक्षेत्र सहायक निगवानी भीमसेन शुक्ला, चौकी प्रभारी भेडरीतलैया गणेश पाटले,ग्राम पंचायत कदमहा सरपंच सियालाल पाव,वन सुरक्षा समिति कदमहा अध्यक्ष बृजभान सिंह,वन सुरक्षा समिति उरतान अध्यक्ष छोटेलाल के साथ विद्यालयों के शिक्षक,शिक्षिका एवं वन परीक्षेत्र बिजुरी के वनरक्षक,सुरक्षा श्रमिक एवं ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
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