स्पर्श कुष्ठ जागरूकता
कार्यक्रम का हुआ आयोजन
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)अनूपपुर (अंंचलधारा) महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि सोमवार 30 जनवरी को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का आयोजन जिला चिकित्सालय के स्व सहायता भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस.सी. राय, मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर एस.आर.पी. द्विवेदी, जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. मोहन सिंह श्याम, जिला कुष्ठ सलाहकार डॉ. शिवेन्द्र कुमार द्विवेदी उपस्थिति थे। स्पर्श कार्यक्रम में कुष्ठ उपचाररत रोगी एवं उपचार मुक्त रोगी तथा रोगियों के परिजन एवं के.एल. यादव,एम.एल. साहू,जे.पी. महोबिया, एनएमए, नर्सिंग कॉलेज की कृष्णा सिंह,ज्योति विश्वकर्मा एवं छात्राएं तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस.सी.राय ने बताया कि कुष्ठ एक बैक्टीरिया से होने वाला रोग है,जो स्पर्श करने से नहीं फैलता।एमडीटी इसका शर्तिया इलाज है।कुछ मामलों में 6 महीने तथा कुछ मामलों में 12 महीने दवाई खाने के बाद रोगी कुष्ठमुक्त हो जाता है एवं अपने दैनिक कार्य संपादित कर सकता है।
इसलिए समाज में फैली छुआछूत एवं आपस में साथ में ना रहने जैसी कोई बात नहीं है। यह रोग पूर्णतयः साध्य है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के अंतर्गत छुआछूत की भावना को दूर करना एवं आपस में भाईचारा बनाने का कार्यक्रम है, जिससे आपस में मरीज एवं मरीज के परिजन अपने कार्य को करते हुए साथ-साथ रह सकते हैं, खा सकते हैं, किसी कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। यही कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में आए हुए मरीजों को सेल्फ केयर किट, एमसीआर की चप्पल, जल तेल उपचार करने के लिए टब एवं प्लास्टिक का टेबल प्रदान किया गया, जिससे वह हाथ एवं पैरों की सुरक्षा कर सकें।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस.सी.राय ने बताया कि कुष्ठ एक बैक्टीरिया से होने वाला रोग है,जो स्पर्श करने से नहीं फैलता।एमडीटी इसका शर्तिया इलाज है।कुछ मामलों में 6 महीने तथा कुछ मामलों में 12 महीने दवाई खाने के बाद रोगी कुष्ठमुक्त हो जाता है एवं अपने दैनिक कार्य संपादित कर सकता है।
इसलिए समाज में फैली छुआछूत एवं आपस में साथ में ना रहने जैसी कोई बात नहीं है। यह रोग पूर्णतयः साध्य है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के अंतर्गत छुआछूत की भावना को दूर करना एवं आपस में भाईचारा बनाने का कार्यक्रम है, जिससे आपस में मरीज एवं मरीज के परिजन अपने कार्य को करते हुए साथ-साथ रह सकते हैं, खा सकते हैं, किसी कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। यही कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में आए हुए मरीजों को सेल्फ केयर किट, एमसीआर की चप्पल, जल तेल उपचार करने के लिए टब एवं प्लास्टिक का टेबल प्रदान किया गया, जिससे वह हाथ एवं पैरों की सुरक्षा कर सकें।
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