(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की नियमितीकरण सहित 2 सूत्रीय मांग को लेकर जिला मुख्यालय में निरंतर हड़ताल जारी है।संविदा कर्मचारियों ने भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की कि हम लगातार संविदा कर्मी अनशन पर बैठे हैं,लेकिन सरकार हमारी मांगों को लेकर चुप्पी साधे बैठी हुई है।कोरोना का ड्रेस पहनकर जिला अस्पताल के सामने यह प्रदर्शन किया।
संविदा स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि सरकार हमारी नियमितीकरण की मांग को पूरा करें।हम सविंदा कर्मी अपनी जान में खेल कर कोरोना में किट पहनकर लगातार काम करते रहे और इतनी मेहनत करने के बाद भी सरकार ने वादाखिलाफी की।
ज्ञातव्य हो कि बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने खून से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर पत्र लिखे।इसमें उन्होंने संविदा कर्मियों से किए गए वादे को पूरा करने की मांग की थी।प्रदर्शन स्थल पर मौजूद युवक और युवतियों ने पहले रक्त निकलवाया और उसके बाद उसी रक्त से चिठ्ठियां लिखी थी।इस दौरान एक सैकड़ा से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहे थे,जिन्होंने अपने रक्त से पत्र लिखा वहीं महिलाओं ने मेहंदी रचा कर विरोध जताया।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी असर पड़ रहा है।लैब टेक्नीशियन भाईलाल पटेल और फार्मासिस्ट विपिन प्रसाद ने बताया कि बीते 4 वर्षों से संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नियमितीकरण का झुनझुना पकड़ाया जा रहा है।सत्ता पाने के लिए संविदा कर्मियों से बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं,लेकिन सत्ता मिलते ही इन वादों को भुला दिया जाता है।एक दशक से ज्यादा की सेवा देने के बाद भी नियमितीकरण की बाट जोह रहे कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय दिखलाई पड़ रहा है। इस बार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी।हम काम पर नहीं लौटेंगे।जिले में 4 सैकड़ा से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं,जिसकी वजह से स्वास्थ्य सुविधाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि सरकार हमारी नियमितीकरण की मांग को पूरा करें।हम सविंदा कर्मी अपनी जान में खेल कर कोरोना में किट पहनकर लगातार काम करते रहे और इतनी मेहनत करने के बाद भी सरकार ने वादाखिलाफी की।
ज्ञातव्य हो कि बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने खून से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर पत्र लिखे।इसमें उन्होंने संविदा कर्मियों से किए गए वादे को पूरा करने की मांग की थी।प्रदर्शन स्थल पर मौजूद युवक और युवतियों ने पहले रक्त निकलवाया और उसके बाद उसी रक्त से चिठ्ठियां लिखी थी।इस दौरान एक सैकड़ा से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित रहे थे,जिन्होंने अपने रक्त से पत्र लिखा वहीं महिलाओं ने मेहंदी रचा कर विरोध जताया।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी असर पड़ रहा है।लैब टेक्नीशियन भाईलाल पटेल और फार्मासिस्ट विपिन प्रसाद ने बताया कि बीते 4 वर्षों से संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को नियमितीकरण का झुनझुना पकड़ाया जा रहा है।सत्ता पाने के लिए संविदा कर्मियों से बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं,लेकिन सत्ता मिलते ही इन वादों को भुला दिया जाता है।एक दशक से ज्यादा की सेवा देने के बाद भी नियमितीकरण की बाट जोह रहे कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय दिखलाई पड़ रहा है। इस बार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी।हम काम पर नहीं लौटेंगे।जिले में 4 सैकड़ा से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर हैं,जिसकी वजह से स्वास्थ्य सुविधाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
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