हाई कोर्ट में प्रभावी ढंग
से कलेक्टर ने प्रस्तुत किए तर्क
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 15043 की 31 अक्टूबर 2022 को सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश विवेक अग्रवाल द्वारा एसईसीएल सोहागपुर के जनरल मैनेजर द्वारा दायर याचिका तथा प्रतिवादी राकेश कुमार पनिका पिता लल्लू प्रसाद पनिका उम्र लगभग 38 वर्ष शनिचरी बाजार अमलाई, जिला अनूपपुर,अतिरिक्त कमिश्नर शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर व डीएफओ अनूपपुर के प्रकरण की सुनवाई करते हुए आदेशित किया है कि प्रतिवादी क्र. 01 राकेश कुमार पनिका को वन अधिकार का पट्टा गलत सिफारिश के आधार पर जारी किया गया था।जबकि भूमि एसईसीएल के पक्ष में निहित है।जनपद पंचायत जैतहरी के तत्कालीन सीईओ द्वारा प्रतिवेदन एवं फर्जी दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण पर न्यायालय कलेक्टर अनूपपुर द्वारा प्रतिवादी क्र. 01 राकेश कुमार पनिका को वन अधिकार के तहत पट्टा प्रदान करने का पात्र माना गया था,जिससे वह एसईसीएल में मुआवजा पाने का हकदार बन गया था। एसईसीएल द्वारा इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दायर की गई।जिसकी व्यक्तिगत सुनवाई में कलेक्टर अनूपपुर को व्यक्तिगत उपस्थित होने तथा प्रतिवादी के वनाधिकार पट्टे के संबंध में पारित आदेश की परिस्थितियों के संबंध में पक्ष रखने को कहा गया। तब वनाधिकार समिति की पुनः परीक्षण कराने पर पाया गया कि प्रतिवादी राकेश पनिका द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर गलत आदेश कलेक्टर न्यायालय से पारित करा लिया गया है। जिसके बाद कलेक्टर अनूपपुर द्वारा इस आदेश को पुनर्विलोकन में लेकर निरस्त कर दिया गया और माननीय उच्च न्यायालय को अवगत कराया गया। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जवाब को मान्य करते हुए दोषी जनपद पंचायत के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आदेश दिए गए हैं।जिस पर कलेक्टर अनूपपुर द्वारा माननीय न्यायालय को अवगत कराया गया कि तत्कालीन सीईओ वर्तमान में जिले के अधिकार क्षेत्र में तैनात नही है।वह संबंधित सीईओ के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए सक्षम प्राधिकारी को लेख किया जाएगा।जिन्होंने गलत सिफारिश की थी।कलेक्टर अनूपपुर द्वारा प्रस्तुत प्रभावी जवाब को मान्य करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने प्रकरण डिस्पोज किया है।
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