(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) अनूपपुर के न्यायालय ने थाना रामनगर के अपराध क्रमांक 100/18 की धारा 363, 366ए, 376(आई)(एन), 342 भादवि, 3,4,5एल, 6 पॉक्सो एक्ट एवं 3)2)(व्ही) एससी एसटी एक्ट में,आरोपी अमित सेन पिता रामबली सेन उम्र 27 निवासी ग्राम रामपुर थाना गोहपारू जिला शहडोल को धारा 363 भादवि में 05 वर्ष सश्रम कारावास व 1000 रुपए जुर्माना,धारा 366 भादवि में 05 वर्ष एवं 1000 रुपए जुर्माना, धारा 368 भादवि में 05 वर्ष एवं 1000 रुपए जुर्माना, धारा 376(3) भादवि में 20 वर्ष एवं 1000 रुपए जुर्माना, धारा 5(ठ)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष व 1000 रुपए जुर्माना तथा धारा 3(2)(व्ही) एससी एसटी एक्ट में आजीवन कारावास व 1000 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। जेल की सभी सजाएं एक साथ चलने के कारण कुल मिलाकर आरोपी को आजीवन का कारावास एवं कुल 6000 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई हैं।प्रकरण की विवेचना एसडीओपी कोतमा एस.एन.प्रसाद द्वारा की गई है,मामले में पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी द्वारा की गयी है।
जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा 9वीं में पढ़ रही पीडिता पैसे निकालने के आशय से सेन्ट्रल बैंक की राजनगर शाखा में पहुंची जहां पर अभियुक्त उसे मिला,जिसने पीडिता से बातचीत कर उससे अपनी पहचान बनायी और उससे शादी करने की बात करते हुए पीडिता को (आरोपी अमित सेन वर्ष 2018 में जगन्नाथ साहू के मकान में किराये से रहता था,पीडिता की पहचान उजागर न हो इस कारण से स्थान का नाम नहीं दिया जा रहा है) में बुलाकर उसकी मर्जी के बिना गलत काम किया,पीडिता मना करती रही तो आरोपी ने उससे कहा कि वह उससे शादी कर लेगा,यह कहते हुए दिनांक 19/05/2018 को अभियुक्त ने पीडिता को पुनः अपने घर बुलाया, जहां पर पीडिता के मना करने के बाद भी पीडिता के साथ उसने गलत काम किया।उसी दौरान पीडिता को तलाशते हुए उसके माता-पिता और परिजन आरोपी के घर पहुंचे तो आरोपी ने पीडिता से कहा कि घटना के बारे में किसी को बताना नहीं,सीधे घर चले जाओ तो वह घर वापस आ गयी।इस संबंध में पीडिता ने अपने परिजन को घटना की जानकारी दी और थाने आकर शिकायत की।तदाशय की रिपोर्ट थाना रामनगर में अपराध क्र. 100/18 धारा 363,366(ए),376 (2)(जे),376 (2)(एन),376,342 भादवि एवं 3,4,5एल,6 पॉक्सो एक्ट एवं धारा 3(2)अ एस.सी.एस.टी.एक्ट का पंजीयन उपरांत पीड़िता का मेडिकल व न्यायालयीन कथन पुलिस के द्वारा विधिक सम्मत तरीके से कराया जाकर प्रकरण की विवेचना करते हुए,प्रकरण के आरोपी को उक्त अपराध में गिरफ्तार कर उसका मेडिकल व पूंछताछ कर प्रकरण की संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में विचारण हेतु दिनांक 19/07/2018 को प्रस्तुत कराया गया जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है। जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा मामले की पैरवी करते हुए मामले को साबित करने के लिए 18 गवाहों का परीक्षण एवं 44 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रदर्शित कराया जिस पर न्यायालय ने दिनांक 28 नवम्बर 2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया।
जिला अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा 9वीं में पढ़ रही पीडिता पैसे निकालने के आशय से सेन्ट्रल बैंक की राजनगर शाखा में पहुंची जहां पर अभियुक्त उसे मिला,जिसने पीडिता से बातचीत कर उससे अपनी पहचान बनायी और उससे शादी करने की बात करते हुए पीडिता को (आरोपी अमित सेन वर्ष 2018 में जगन्नाथ साहू के मकान में किराये से रहता था,पीडिता की पहचान उजागर न हो इस कारण से स्थान का नाम नहीं दिया जा रहा है) में बुलाकर उसकी मर्जी के बिना गलत काम किया,पीडिता मना करती रही तो आरोपी ने उससे कहा कि वह उससे शादी कर लेगा,यह कहते हुए दिनांक 19/05/2018 को अभियुक्त ने पीडिता को पुनः अपने घर बुलाया, जहां पर पीडिता के मना करने के बाद भी पीडिता के साथ उसने गलत काम किया।उसी दौरान पीडिता को तलाशते हुए उसके माता-पिता और परिजन आरोपी के घर पहुंचे तो आरोपी ने पीडिता से कहा कि घटना के बारे में किसी को बताना नहीं,सीधे घर चले जाओ तो वह घर वापस आ गयी।इस संबंध में पीडिता ने अपने परिजन को घटना की जानकारी दी और थाने आकर शिकायत की।तदाशय की रिपोर्ट थाना रामनगर में अपराध क्र. 100/18 धारा 363,366(ए),376 (2)(जे),376 (2)(एन),376,342 भादवि एवं 3,4,5एल,6 पॉक्सो एक्ट एवं धारा 3(2)अ एस.सी.एस.टी.एक्ट का पंजीयन उपरांत पीड़िता का मेडिकल व न्यायालयीन कथन पुलिस के द्वारा विधिक सम्मत तरीके से कराया जाकर प्रकरण की विवेचना करते हुए,प्रकरण के आरोपी को उक्त अपराध में गिरफ्तार कर उसका मेडिकल व पूंछताछ कर प्रकरण की संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में विचारण हेतु दिनांक 19/07/2018 को प्रस्तुत कराया गया जहां माननीय न्यायालय ने आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है। जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा मामले की पैरवी करते हुए मामले को साबित करने के लिए 18 गवाहों का परीक्षण एवं 44 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रदर्शित कराया जिस पर न्यायालय ने दिनांक 28 नवम्बर 2022 को उपरोक्त निर्णय पारित किया।
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