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प्रदेश में अब उपभोक्ता ई-दाखिल पोर्टल पर ऑनलाईन अपना परिवाद ई-फाइल कर सकता है-बिसाहूलाल सिंह

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा है कि उपभोक्ता द्वारा अब मध्यप्रदेश के किसी सुदूर क्षेत्र से भी 'ई- दाखिल' पोर्टल पर ऑनलाईन अपना परिवाद आसानी से ई- फाइल कर सकता है।
               खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 एवं

उसके लागू करने की चुनौतियों के संबंध में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा की मैं सबसे पहले धन्यवाद देना चाहता हूं,भारत सरकार, उपभोक्ता मामले विभाग एवं राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय भोपाल को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनके माध्यम से यह आयोजन मध्यप्रदेश में संभव हो

पाया है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से उपभोक्ता संरक्षण की मंशानुरूप लोगों को त्वरित न्याय एवं जागरूकता प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान यह सेमिनार प्रदान करेगा।
                               खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ उपभोक्ता समस्याओं की भी बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बदलते परिवेश में यह आवश्यक हो गया है कि उपभोक्ताओं को यह ज्ञात हो कि उन्हें खरीदारी करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिये तथा यदि कोई समस्या आती है तो उसका निराकरण किस प्रकार होगा।
                उपभोक्ताओं तक सही जानकारी की पहुंच तभी संभव है,जब उपभोक्ताओं को

शिक्षित करने के लिए विशेष रूप से प्रयास किये जावे।प्रदेश में उपभोक्ताओं को शिक्षित किये जाने एवं उनके अधिकारों को संरक्षित किये जाने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण नोडल विभाग के रूप में कार्यरत है।
                        उपभोक्ताओं को अपने पैसे का मूल्य पाने का अधिकार है चाहे वह सेवा से हो या उत्पाद से उपभोक्ता, आम तौर पर राष्ट्र के करदाता भी होते हैं और इसलिए उन्हें भ्रष्ट बाजार प्रथाओं के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार है।
भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता हित में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के स्थान पर नवीन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू किया गया है।इस नवीन अधिनियम में कई महत्वपूर्ण प्रावधान एवं अध्याय जोड़ा जाकर पुराने अधिनियम की अपेक्षा अधिक व्यापक और शक्तिशाली बनाया गया है।उन्होंने बताया कि नवीन

अधिनियम अंतर्गत-
उपभोक्ता आयोगों के अधिकार क्षेत्रों का विस्तार किया गया है। शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया सरल की गई है।
            उपभोक्ता चाहे तो अपनी शिकायतों को ऑनलाइन माध्यम से दर्ज करा सकता है।मैं आपको बताना चाहता हूं कि 'ई- दाखिल' पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था प्रदेश में प्रारंभ हो चुकी है।उपभोक्ता हित में यह एक अभिनव पहल है,जिसमें उपभोक्ता द्वारा प्रदेश के किसी सुदूर क्षेत्र से भी 'ई- दाखिल' पोर्टल पर ऑनलाईन अपना परिवाद आसानी से ई- फाइल किया जा सकता है।उपभोक्ता आयोगों के बाहर मामलों को सुलझाने के लिए वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में मध्यस्थता के विकल्पों को मान्यता दी गई है, इससे शिकायतों को एक तरफ जहां उपभोक्ता अदालतों में जाने से रोका जा सकता है,वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ता आयोग में मुकदमों की संख्या को भी कम करने में सहायता प्राप्त होगी ।
अंर्तराष्ट्रीय मानदंडों का अनुसरण करते हुए बाजार में बिकने वाले उत्पादों को नुकसान होने पर संबंधित की जिम्मेदारी तय करने का विशेष प्रकार का प्रावधान किया गया है। इसके तहत उत्पाद या सेवा में होने वाली किसी खराबी या कमी के होने पर तथा इसकी वजह से उपभोक्ता को होने वाले नुकसान के लिए विनिर्माता, उत्पादक और सेवा प्रदाता को जिम्मेदार माना जाएगा।केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के माध्यम से स्वतः संज्ञान लेते हुए उपभोक्ता मामलों को देखने तथा उन मामलों से संबंधित जांच पड़ताल करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं।
उत्पाद या सेवाओं को लेकर किए जाने वाले भ्रामक प्रचार पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई लोकप्रिय व्यक्ति या सेलिब्रेटी किसी ऐसे उत्पाद या सेवा का प्रचार-प्रसार करता है या उसे बढ़ावा देता है,जिससे उपभोक्ता को नुकसान हुआ है या उससे उपभोक्ताओं को नुकसान होने की संभावना है तो उसके लिए उत्पाद के विनिर्माता या सेवाप्रदाता के साथ ही उस सेलिब्रेटी को भी जिम्मेदार माना जाएगा। ऐसे मामलों में जुर्माना और दंड दोनों का प्रावधान किया गया है।मध्यप्रदेश में उपभोक्ता आयोगों में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी शिकायतों की सुनवाई करने की व्यवस्था संचालित की जा रही है, इससे शिकायतों को आसानी से तथा कम समय में निपटारा करने में मदद मिल रही है।इन सभी प्रावधानों से यह स्पष्ट है कि बाजार की बदलती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता हित में नये प्रावधान लाए गए हैं,परंतु नवीन अधिनियम को लागू किये जाने के उपरांत यह अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना हुआ है कि अधिनियम की मंशा को किस तरह मैदानी रूप में लागू किया जाए।

जुर्माना और दंड दोनों 
का प्रावधान किया गया 


मध्यप्रदेश में उपभोक्ता आयोगों में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी शिकायतों की सुनवाई करने की व्यवस्था संचालित की जा रही है, इससे शिकायतों को आसानी से तथा कम समय में निपटारा करने में मदद मिल रही है।
इन सभी प्रावधानों से यह स्पष्ट है कि बाजार की बदलती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता हित में नये प्रावधान लाए गए हैं,परंतु नवीन अधिनियम को लागू किये जाने के उपरांत यह अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना हुआ है कि अधिनियम की मंशा को किस तरह मैदानी रूप में लागू किया जाए।
                       उन्होंने भारत सरकार,राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय एनएलआईयू भोपाल एवं प्रमुख सचिव,खाद्य से अपेक्षा करता हूं कि ऐसे प्रयास किए जावे,जिनसे उपभोक्ता शिक्षा का प्रचार-प्रसार ज्यादा से ज्यादा हिन्दी एवं अन्य क्षेत्रीय बोलियों में हो सके,ताकि उपभोक्ता शिक्षा को ग्रामीण सुदूर अंचलों में सुचारू रूप से प्रसारित की जा सके।
                 उन्होंने संस्थान के प्रोफेसर डॉ.वी.विजयकुमार, वाइस चांसलर एवं प्रोफेसर डॉ.राजीव खरे द्वारा किये गए इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दिया।साथ ही भारत सरकार उपभोक्ता मामले विभाग एवं प्रमुख सचिव,खाद्य  फैज अहमद किदवई एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं को बधाई एवं शुभकामनांए दी।

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