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डेढ़ करोड़ लेकर फरार हुई कंपनी पर 8 माह बीतने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई चिटफंड कंपनी के एजेंट एसपी से मिले

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)   

अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले के अंदर पैसा डबल करने का झांसा देकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के मामले की शिकायत कंपनी के एजेंटों ने पुलिस अधीक्षक अनूपपुर से मिलकर रकम वापस दिलाए जाने की मांग की है मिली जानकारी के अनुसार चिटफंड कंपनी का मालिक लोगों से पैसा लेकर फरार हो गया फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है
            जिला अंतर्गत राजनगर निवासी मिठाई लाल केवट और दिलीप कुमार प्रजापति साक्सो ट्रेडर्स ब्रांच बोरीवली मुंबई की एक कंपनी के राजनगर जिला अनूपपुर कार्यालय में एजेंट के तौर पर काम करते थे।उन्होंने जुलाई 2020 में कंपनी ज्वाइन की थी।दिसंबर 2020 में कंपनी बंद हो गई। यह कंपनी लोगों का पैसा 200 दिनों में डबल करने का वादा करती थी।मिठाईलाल और दिलीप प्रजापति कंपनी के झांसे में आकर लोगों का पैसा इस कंपनी में जमा कराया। इन दोनों की बातों में आकर 60 लोगों ने इस कंपनी में डेढ़ करोड़ रुपए जमा करा दिए।इस कंपनी के मालिक अतुल राय ने राजनगर एजेंट को कोरोना के बाद मुंबई स्थित ऑफिस घुमाने का वादा किया था।लेकिन कोरोना के बाद जब अतुल राय ने ऑफिस घुमाने के वादे से मुकर गए तब एजेंट दिलीप एवं मिठाई लाल को कंपनी को लेकर शक हुआ।वहीं दिसंबर 2020 के बाद कंपनी से एजेंट को पेमेंट मिलती थी।वहीं जिन लोगों ने कंपनी पर पैसा लगाया था
वह भी आना बंद हो गया। एक दिन अचानक कंपनी के वेबसाइट और मोबाइल बंद हो गए।कंपनी मालिक अतुल राय भी फरार हो गया।करीब 1 साल तक एजेंट मिठाई लाल एवं दिलीप कुमार प्रजापति को उनके द्वारा जमा कराए गए डेढ़ करोड़ रुपए वापस आने का आस लगाए बैठे रहे। जब कंपनी ने पैसा वापस नहीं दिया तो दोनों एजेंटों ने फरवरी 2022 में इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है। पुलिस अधीक्षक से शिकायत के बाद राजनगर पुलिस ने रीवा से अतुल राय को गिरफ्तार किया।अतुल राय ने अपने बयान में बताया कि यह कंपनी किसी और की है।पुलिस ने समझौता कराते हुए उसने 15 लाख रुपए नगद एवं 35 लाख रुपए चेक के माध्यम से दोनों एजेंटों को वापस किया।
शेष पैसे कंपनी के मालिक से दिलाने का वादा किया था। कुछ दिनों बाद पता चला कि कंपनी अतुल राय का ही है, और इस पूरे फ्रॉड में जिस खाते का उपयोग किया जाता था वह रामगरीब नाम के एक व्यक्ति का था।पुलिस ने जब राम गरीब से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह नागेंद्र सिंह के यहां माली का काम करता है।नागेंद्र सिंह ने ही उसे जीएसटी के काम से नया खाता खुलवाया था।इस खाते को अतुल राय ऑपरेट करता था।इस बात के खुलासे के बाद 8 महीने बीत गए लेकिन अभी तक लोगों का पैसा वापस नहीं मिला।

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