(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष ए.एल.राव ने जानकारी देते हुए रेल यात्रियों से अपील की है एवं बताया है कि रेलवे हाईटेक तकनीक का प्रयोग अब टिकट चेकिंग के लिए प्रारंभ कर चुका है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नई टेक्नोलॉजी (एचएचटी) के उपकरणों का उपयोग शुरू किया गया है। इसलिए सभी यात्रा करने वाले रेलयात्री उसी स्टेशन से रेलगाड़ी पकड़े जहां से उन्होंने बोर्डिंग प्वाइंट टिकट में लिख कर दिया है।अगर वह अपने दिए गए बोर्डिंग प्वाइंट से गाड़ी ना पकड़कर आगे के किसी स्टेशन से गाड़ी में चढ़ते हैं तो उनका सीट या बर्थ तुरंत कैंसिल कर दिया जाएगा और किसी दूसरे यात्री को सिस्टम द्वारा आवंटित कर दिया जाएगा।इसलिए यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।उन्होंने सभी यात्रियों से निवेदन किया है की जिस स्टेशन से आपने बोर्डिंग प्वाइंट दिया है उसी स्टेशन से गाड़ी पकड़े और यात्रा के दौरान किसी भी परेशानी से बचे।उन्होंने बताया कि रेलवे के नए नियम के अनुसार अब यात्रियों को बोर्डिंग स्टेशन से ही बैठना आवश्यक है पहले ट्रेन में चार्ट से चेक होता था तो टीटीई यात्रियों की सहायता के लिए और उनको परेशानी ना हो इसलिए एक या दो स्टेशन तक देखते थे और उसके बाद ही आरएसी या वेटिंग लिस्ट वालों को देते थे।लेकिन अब हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) के उपयोग में तुरंत बटन दबाकर निश्चित करना है कि यात्री आया है या नही और नही आने पर उस बर्थ को तुरंत आरएसी या वेटिंग लिस्ट वालों को देना है।इसलिए अब यात्रियों को सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा करने के लिए जहां से टिकट लिया है और बोर्डिंग लिखा है, वहीं से यात्रा प्रारंभ करनी है और वैध पहचान पत्र भी साथ में रखकर चेकिंग के समय दिखाना हैं।यह सब नियम यात्रियों की सुविधा के लिए है। उन्होंने बताया कि एचएचटी डिवाइस में खाली वर्थ की जानकारी अपलोड होते ही आरएसी व वेटिंग टिकट वालों की टिकट कंफर्म हो रही है।यात्रियों के नॉट टर्नअप होने पर टीटीई जैसे ही खाली बर्थ हैंड हेल्ड टर्मिनल में फीड करेंगे,आरएसी के बर्थ ऑटोमेटिक कंफर्म हो जाएंगे। इसकी सूचना यात्रियों के मोबाइल पर पहुंच जाएगी।आरएसी क्लीयर होने के बाद भी बर्थ खाली होने पर प्रतीक्षा सूची के यात्रियों का भी टिकट कंफर्म हो जाएगा। इससे पारदर्शिता आएगी। यात्रियों को समय रहते बर्थ की उपलब्धता के बारे में जानकारी मिल जाएगी।यात्रियों को भी अब सावधान रहना होगा।अगर उन्होंने बोर्डिंग स्टेशन से यात्रा शुरू नहीं की और बोर्डिंग स्टेशन नहीं बदला है तो वह वर्थ टीटीई खाली बता सकता है,ऐसे में यह बर्थ दूसरे यात्री को अलॉट हो जाएगी।रेलवे हाईटेक तकनीक का प्रयोग हर जगह कर रहा है।इसी के तहत टीटीई को टिकटों की जांच के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। उन्हें एचएचटी (हैंड हेल्ड टर्मिनल) डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। इससे वे टिकटों की जांच करेंगे। ट्रेन में बर्थ भी इसी से अलॉट कर सकेंगे।
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