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जलजनित बीमारियों को रोकने प्रभावी कार्यवाही की जाए-कलेक्टर

  

समय-सीमा बैठक में  महत्वपूर्ण 
योजनाओं की की समीक्षा
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 
अनूपपुर(अंंचलधारा) जिले में वर्षा ऋतु के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा बरसाती पानी का उपयोग करने से जलजनित बीमारियों के होने की संभावना प्रबल रहती है, जिसके लिए ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव जल स्त्रोतों में कराया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही जमा जल स्त्रोतों में केरोसीन तेल का छिड़काव कराया जाए, जिससे जल जनित बीमारियां डेंगू, मलेरिया, उल्टी, दस्त से ग्रामीण प्रभावित न हो सके, इस हेतु जनजागरूकता वाहन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। उक्ताशय के विचार कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित समय-सीमा बैठक में अधिकारियों को दिए। बैठक में अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनूपपुर कमलेश पुरी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी जैतहरी विजय डेहरिया, अनुविभागीय दण्डाधिकारी कोतमा मायाराम कोल, जिला अधिकारी तथा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारी उपस्थित थे। 
        कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने समय-सीमा बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मैदानी अमले को सक्रिय रख सूचना तंत्र को मजबूत रखें। उन्होंने कहा कि जलजनित बीमारियों के रोकथाम के हर संभव प्रयास किए जांए। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने समय-सीमा बैठक में तिरंगा अभियान तथा आपदा प्रबंधन के कार्य में अधिकारियों की सक्रिय भूमिका की सराहना की। उन्होंने उप स्वास्थ्य केन्द्र खमरौध में उल्टी, दस्त से प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के संबंध में अद्यतन जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.सी. राय ने बताया कि उल्टी, दस्त प्रभावित गांवों में लगातार स्वास्थ्य टीम के द्वारा कैम्प कर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। 
     बैठक में जिले के कोतमा विकासखण्ड अंतर्गत जंगली हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखने के निर्देश कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जंगली हाथियों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नुकसान करने से संबंधित प्रकरणों को तैयार कर पीड़ित को मुआवजा भुगतान सुनिश्चित किया जाए। बैठक में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने उज्ज्वला 2.0, आयुष्मान भारत तथा नगरीय निकाय में संचालित प्रधानमंत्री आवासीय शहरी योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को लक्ष्य अनुरूप प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं रुचि लेकर सरकार की महत्वपूर्ण योजना में बेहतर कार्य कर जिले के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने औषधीय पौधों की खेती के तहत जिले के चारों विकासखण्डों में लेमनग्रास रोपण की समीक्षा करते हुए तुलसी एवं पामारोजा सीड्स की उपलब्धता के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नरेगा के देवारण्य योजना के अंतर्गत कृषकों को लाभप्रद औषधि खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। समय-सीमा बैठक में टीएल, सीएम हेल्पलाईन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान लंबित स्थिति वाले विभागों के अधिकारियों को प्रकरणवार समीक्षा करने तथा संतुष्टिपूर्वक निराकरण करने के निर्देश दिए गए। बैठक में अवारा पषुओं के रोड में आने पर रोक लगाने की कार्यवाही सख्ती से करने तथा ऐसे पशु जो सड़कों और शहरों में घूमते रहते हैं उनमें रेडियम की पट्टी लगवाए जाने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि सड़कों में पाए जाने वाले पषुओं को गौशालाओं में भेजा जाए, जिससे सड़क दुर्घटना की संभावना समाप्त हो। कलेक्टर ने बैठक के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों को शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा योजनाओं से प्रत्येक पात्र लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।

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