Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

अव्यवस्था के आलम में संचालित हो रही है सब्जी मंडी क्रेताओं विक्रेताओं को नहीं मिल रही सुविधा

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) जिला प्रशासन ने कृषि उपज मंडी परिसर में थोक सब्जी बाजार का संचालन शुरू तो कर दिया है किंतु यहां सब्जी विक्रेताओं एवं क्रेताओं के सुविधा हेतु ध्यान नहीं दिया जा रहा है।अव्यवस्था के बीच यह थोक सब्जी बाजार संचालित हो रहा है।पेयजल,शौचालय,साफ -सफाई, पार्किंग, बैठक व्यवस्था व्यवस्थित नहीं है।
            पिछले वर्ष कोविड-19 के मद्देनजर प्रशासन ने ग्राम करहीबाग जाने वाले मार्ग स्थित कृषि उपज मंडी परिसर में थोक सब्जी बाजार लगवाने का निर्णय लिया। एक वर्ष से अधिक समय हो गया बाजार का संचालन होते यहां जो भी सब्जी विक्रेता और सब्जी खरीदने आने वाले व्यापारियों से कृषि उपज मंडी द्वारा बैठकी शुल्क हर रोज वसूली जा रही है। लगभग हजार रुपए से अधिक आय प्रतिदिन  में हो रही है इसके बावजूद बाजार प्रांगण में सब्जी विक्रेताओं के लिए कोई सुविधा नहीं रखी गई है।मसलन यहां शौचालय बने हुए हैं, पेयजल हेतु पानी टंकी बनी हुई है लेकिन सभी ताले में बंद हैं। यह थोक सब्जी बाजार सुबह 7 बजे से लगना शुरू हो जाता है और 1 बजे तक यहां व्यापारी रहते हैं। यहां कोतमा, बिजुरी से लेकर बुढार, राजेंद्रग्राम क्षेत्र के सब्जी विक्रेता खरीददारी करने आते हैं।  इसी तरह आसपास क्षेत्र के किसान अपनी उपज लेकर आते हैं। इनसे बकायदा कृषि उपज मंडी भाव वसूली करता है लेकिन पानी, शौचालय जैसी सुविधा नहीं उपलब्ध करा रहा है। यहां बड़ी संख्या में महिला सब्जी विक्रेता भी आती हैं उनके प्रसाधन हेतु भी यहां कोई इंतजाम नहीं है।जबकि सब्जी विक्रेताओं को 1 से 3 घंटे तक खरीददारी के दौरान यहां रुकना पड़ता है। प्रशासन की बदइंतजामी के बीच थोक सब्जी बाजार चल रहा है।जिस पर प्रशासनिक अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जबकि मंडी विभाग के प्रशासक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनूपपुर खुद हैं। मंडी सचिव भी इस मामले में लापरवाह बने हुए हैं। सब्जी विक्रेता किसानों के द्वारा कई बार सुविधाओं के लिए बात रखी गई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।चारों तरफ कचरे का अंबार लगा रहता है साफ-सफाई भी नियमित नहीं होती है।इसी तरह यहां पार्किंग व्यवस्था ना होने के कारण बाजार पूरी तरह से अस्त व्यस्त रहता है।विक्रेताओं के लिए निश्चित जगह न होने के कारण मनमाने तरीके से सब्जी विक्रेताओं को विक्रय एवं खरीददारी करनी पड़ती है जो कि लचर व्यवस्था का शिकार हैं। मंडी विभाग का पूरा ध्यान केवल वसूली पर रह गया है वसूली की राशि का भी मनमाना तरीके से रिकॉर्ड में संधारण हो रहा है।

Post a Comment

0 Comments