(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) मध्यप्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह के जिले में, जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और विद्युत विभाग की उदासीनता से पानी और बिजली की सुविधा नहीं बन पा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार पत्राचार दोनों विभाग को कर रहा है लेकिन विभाग हैं कि इन कार्यों को पूरा करने में ही लेटलतीफी कर रहे हैं।
बताया गया कि 277 आंगनवाड़ी केंद्रों में पानी नहीं है, जबकि 688 को विद्युत कनेक्शन का इंतजार है।
अनूपपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और विद्युत विभाग की उदासीनता से पानी और बिजली की सुविधा नहीं बन पा रही है।महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार पत्राचार दोनों विभाग को कर रहा है लेकिन विभाग हैं कि इन कार्यों को पूरा करने में ही लेटलतीफी कर रहे हैं। अनूपपुर जिले में 1149 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जिसमें से 1025 खुद के भवन में हैं इनमें से 277 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जहां पेयजल व्यवस्था नहीं बन सकी है लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पाइप्ड वाटर कनेक्शन नहीं कर सका है इसी तरह 688 आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत कनेक्शन नहीं हो सका है।
अनूपपुर जिले में चार परियोजनाएं संचालित हैं जिसमें अनूपपुर, जैतहरी कोतमा और पुष्पराजगढ़ हैं। बिजली और पानी का इंतजाम नहीं होने से आंगनबाड़ी केंद्र असुविधाओं के बीच चल रहे हैं जिससे बच्चों और महिलाओं को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है। जानकारी अनुसार अनूपपुर परियोजना में 278 केंद्र हैं इनमें से 88 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जलजीवन मिशन अंतर्गत पाईप्ड वाटर कनेक्शन किए गए इनमें से केवल 39 पर ही जलापूर्ति की जा रही है शेष 72 आंगनबाड़ी केंद्र में पानी नहीं पहुंच सका है। इसी तरह जैतहरी परियोजना में 272 आंगनबाड़ी केंद्र है। यहां के 204 केंद्र में पाईप लाईन पहुंचा दी गई जबकि 54 ऐसे जहां अभी तक कोई कार्य नहीं हो सका। कोतमा परियोजना में 168 आंगनबाड़ी है यहां के 70 केन्द्र में पीएचई विभाग ने पाईप डाल दी है और 18 में पानी पहुंचाने का काम किया गया है पर 84 केंद्रो की अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है। पुष्पराजगढ़ परियोजना में 431 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिसमें 309 केंद्र का चयन जल मिशन योजना के तहत पाइप बिछाने के लिए किया गया इनमें 105 में काम कर दिया गया लेकिन 67 आगनवाड़ी ऐसे हैं जहां अभी तक कई माह बाद भी पाइपलाइन नहीं डाली गई।
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी के साथ ही बिजली की व्यवस्था किया जाना है पिछले 1 साल से भोपाल स्तर के निर्देश जारी हो चुके हैं लेकिन इस पर अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।विद्युत विभाग भी आंगनबाड़ी केंद्रों का विद्युतीकरण करने में उदासीनता दिखा रहा है। महिला बाल विकास विभाग ने विद्युत विभाग को 906 आंगनबाड़ी भवनों का विद्युतीकरण किए जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें से विभाग ने 218 में कर दिया है लेकिन 688 आंगनबाड़ी तो ऐसे हैं जहां विद्युतीकरण नहीं हो सका है। विद्युत कनेक्शन न होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र में स्थित बोर में जो पाइप लाइन का कनेक्शन किया गया है बिजली के आभाव में वहां पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पा रही है।
इनका कहना है-
■दोनों विभाग को जिला जल एवं स्वच्छता बैठक में आंगनवाड़ी केंद्रों में व्यवस्था बनाने कलेक्टर मैडम द्वारा निर्देशित किया गया है।विद्युत कनेक्शन के अभाव में पेयजल व्यवस्था कई केंद्रों में नहीं हो पाई।
बताया गया कि 277 आंगनवाड़ी केंद्रों में पानी नहीं है, जबकि 688 को विद्युत कनेक्शन का इंतजार है।
अनूपपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और विद्युत विभाग की उदासीनता से पानी और बिजली की सुविधा नहीं बन पा रही है।महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार पत्राचार दोनों विभाग को कर रहा है लेकिन विभाग हैं कि इन कार्यों को पूरा करने में ही लेटलतीफी कर रहे हैं। अनूपपुर जिले में 1149 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जिसमें से 1025 खुद के भवन में हैं इनमें से 277 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जहां पेयजल व्यवस्था नहीं बन सकी है लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पाइप्ड वाटर कनेक्शन नहीं कर सका है इसी तरह 688 आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत कनेक्शन नहीं हो सका है।
अनूपपुर जिले में चार परियोजनाएं संचालित हैं जिसमें अनूपपुर, जैतहरी कोतमा और पुष्पराजगढ़ हैं। बिजली और पानी का इंतजाम नहीं होने से आंगनबाड़ी केंद्र असुविधाओं के बीच चल रहे हैं जिससे बच्चों और महिलाओं को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है। जानकारी अनुसार अनूपपुर परियोजना में 278 केंद्र हैं इनमें से 88 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जलजीवन मिशन अंतर्गत पाईप्ड वाटर कनेक्शन किए गए इनमें से केवल 39 पर ही जलापूर्ति की जा रही है शेष 72 आंगनबाड़ी केंद्र में पानी नहीं पहुंच सका है। इसी तरह जैतहरी परियोजना में 272 आंगनबाड़ी केंद्र है। यहां के 204 केंद्र में पाईप लाईन पहुंचा दी गई जबकि 54 ऐसे जहां अभी तक कोई कार्य नहीं हो सका। कोतमा परियोजना में 168 आंगनबाड़ी है यहां के 70 केन्द्र में पीएचई विभाग ने पाईप डाल दी है और 18 में पानी पहुंचाने का काम किया गया है पर 84 केंद्रो की अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है। पुष्पराजगढ़ परियोजना में 431 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिसमें 309 केंद्र का चयन जल मिशन योजना के तहत पाइप बिछाने के लिए किया गया इनमें 105 में काम कर दिया गया लेकिन 67 आगनवाड़ी ऐसे हैं जहां अभी तक कई माह बाद भी पाइपलाइन नहीं डाली गई।
जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी के साथ ही बिजली की व्यवस्था किया जाना है पिछले 1 साल से भोपाल स्तर के निर्देश जारी हो चुके हैं लेकिन इस पर अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।विद्युत विभाग भी आंगनबाड़ी केंद्रों का विद्युतीकरण करने में उदासीनता दिखा रहा है। महिला बाल विकास विभाग ने विद्युत विभाग को 906 आंगनबाड़ी भवनों का विद्युतीकरण किए जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें से विभाग ने 218 में कर दिया है लेकिन 688 आंगनबाड़ी तो ऐसे हैं जहां विद्युतीकरण नहीं हो सका है। विद्युत कनेक्शन न होने के कारण आंगनबाड़ी केंद्र में स्थित बोर में जो पाइप लाइन का कनेक्शन किया गया है बिजली के आभाव में वहां पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पा रही है।
इनका कहना है-
■दोनों विभाग को जिला जल एवं स्वच्छता बैठक में आंगनवाड़ी केंद्रों में व्यवस्था बनाने कलेक्टर मैडम द्वारा निर्देशित किया गया है।विद्युत कनेक्शन के अभाव में पेयजल व्यवस्था कई केंद्रों में नहीं हो पाई।
विनोद परस्ते
जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी
■कई केंद्रों में विद्युत व्यवस्था कर दी गई है पूरी जानकारी सभी विद्युत वितरण केंद्र से लेकर दी जाएगी।राकेश अम्पुरी,
कार्यपालन अभियंता पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी

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